बलिया: जिले के नौरंगा गांव में सरकारी सुविधाओं में भ्रष्टाचार से परेशान ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान मिथिलेश ठाकुर नाम के ग्रामीण ने खुद पर मिट्टी का तेल छिड़क लिया और आग लगाने की कोशिश की. मौके पर मौजूद पुलिस और एलआईयू के लोगों ने उन्हें पकड़ लिया और छीना झपटी करते हुए मिट्टी के तेल से भरे बोतल को फेंक दिया.
आत्महत्या करने वाले ग्रामीण का नाम मिथिलेश ठाकुर है, जो नौरंगा गांव का रहने वाला है. उसने बताया कि पिछले 3 साल से वह लगातार गांव की शिकायत लेकर अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है, लेकिन अधिकारी जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं. गांव का ग्राम प्रधान दबंग किस्म का है, जो सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक नहीं पहुंचने देता है.
मिथिलेश ठाकुर ने बताया कि उसके गांव में शौचालय, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ पात्रों के जगह अपात्रों को दिया गया है, जिसकी जांच के लिए मैंने कई बार प्रार्थना पत्र दिया है, लेकिन कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई. एक दो बार जांच टीम भी पहुंची थी, लेकिन वह प्रधान के घर से ही वापस लौट गई. ग्रामीणों से कोई जानकारी नहीं ली गई. अपनी फरियाद न सुनता देख मैंने आज यह कदम उठा लिया.
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