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बलिया: विरोध प्रदर्शन के बीच ग्रामीण ने की आत्मदाह की कोशिश - यूपी ताजा समाचार

यूपी के बलिया जिले में ग्रामीणों ने गांव में सुविधाओं के अभाव और भ्रष्टाचार को लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. इस दौरान एक ग्रामीण ने खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाने की कोशिश की.

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ग्रामीण ने की आत्मदाह की कोशिश.
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Published : Feb 26, 2020, 12:58 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

बलिया: जिले के नौरंगा गांव में सरकारी सुविधाओं में भ्रष्टाचार से परेशान ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान मिथिलेश ठाकुर नाम के ग्रामीण ने खुद पर मिट्टी का तेल छिड़क लिया और आग लगाने की कोशिश की. मौके पर मौजूद पुलिस और एलआईयू के लोगों ने उन्हें पकड़ लिया और छीना झपटी करते हुए मिट्टी के तेल से भरे बोतल को फेंक दिया.

ग्रामीण ने की आत्मदाह की कोशिश.


आत्महत्या करने वाले ग्रामीण का नाम मिथिलेश ठाकुर है, जो नौरंगा गांव का रहने वाला है. उसने बताया कि पिछले 3 साल से वह लगातार गांव की शिकायत लेकर अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है, लेकिन अधिकारी जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं. गांव का ग्राम प्रधान दबंग किस्म का है, जो सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक नहीं पहुंचने देता है.


मिथिलेश ठाकुर ने बताया कि उसके गांव में शौचालय, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ पात्रों के जगह अपात्रों को दिया गया है, जिसकी जांच के लिए मैंने कई बार प्रार्थना पत्र दिया है, लेकिन कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई. एक दो बार जांच टीम भी पहुंची थी, लेकिन वह प्रधान के घर से ही वापस लौट गई. ग्रामीणों से कोई जानकारी नहीं ली गई. अपनी फरियाद न सुनता देख मैंने आज यह कदम उठा लिया.

पढ़ें- बलिया: इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा के दौरान छात्राओं के पास मिलीं पहले से लिखी हुईं कॉपियां

बलिया: जिले के नौरंगा गांव में सरकारी सुविधाओं में भ्रष्टाचार से परेशान ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान मिथिलेश ठाकुर नाम के ग्रामीण ने खुद पर मिट्टी का तेल छिड़क लिया और आग लगाने की कोशिश की. मौके पर मौजूद पुलिस और एलआईयू के लोगों ने उन्हें पकड़ लिया और छीना झपटी करते हुए मिट्टी के तेल से भरे बोतल को फेंक दिया.

ग्रामीण ने की आत्मदाह की कोशिश.


आत्महत्या करने वाले ग्रामीण का नाम मिथिलेश ठाकुर है, जो नौरंगा गांव का रहने वाला है. उसने बताया कि पिछले 3 साल से वह लगातार गांव की शिकायत लेकर अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है, लेकिन अधिकारी जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं. गांव का ग्राम प्रधान दबंग किस्म का है, जो सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक नहीं पहुंचने देता है.


मिथिलेश ठाकुर ने बताया कि उसके गांव में शौचालय, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ पात्रों के जगह अपात्रों को दिया गया है, जिसकी जांच के लिए मैंने कई बार प्रार्थना पत्र दिया है, लेकिन कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई. एक दो बार जांच टीम भी पहुंची थी, लेकिन वह प्रधान के घर से ही वापस लौट गई. ग्रामीणों से कोई जानकारी नहीं ली गई. अपनी फरियाद न सुनता देख मैंने आज यह कदम उठा लिया.

पढ़ें- बलिया: इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा के दौरान छात्राओं के पास मिलीं पहले से लिखी हुईं कॉपियां

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
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