प्रयागराज : धर्म और आस्था की नगरी में महाकुंभ मेले की तैयारियां जोरों पर हैं. प्रयागराज में 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक महाकुंभ का आयोजन होना है. वहीं, महाकुंभ में नागा संन्यासियों की साधना का हिस्सा ऐसे बेजुबान जानवर भी बन रहे हैं, जो बरसों से उनके साथ हैं. जूना के नागा संन्यासी पूर्णा गिरी की सोमा भी उनकी साधना के समय उनके साथ रहती है. साधु संन्यासियों के लिए बेजुबान जानवर उनकी संतान की तरह हैं.
महंत की गोद में इठलाती है : महाकुंभ में आने वाले 13 अखाड़ों के साधु संन्यासी. सच्चे मायने में ये अखाड़े महाकुंभ के मेहमान हैं. जूना अखाड़े के बाहर धूनी रमाए अपना शिविर लगाए बैठे इस अखाड़े के श्री महंत तारा गिरी से महंत के गोद में इठलाती सोमा महंत की जिगर का टुकड़ा है.
सोमा लगाती है तिलक: महंत तारागिरी की शिष्या पूर्णानंद गिरी बताती हैं कि साधु संतों के कोई परिवार या बच्चे तो होते नहीं हैं. ऐसे में यहीं पेट उनकी संतान है. इसे वह एक मेहमान की तरह रखती है. सोमा भी उनकी तरह तिलक लगाती है. अपनी जटाएं बंधवाती हैं. सोमा पूरी तरह सात्विक भोजन लेती है. सोमा जैसे कई बेजुबान जानवर नागा संन्यासियों कि शिविर में एक खास मेहमान नमाजी का लुत्फ उठा रहे हैं.
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