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टॉर्च की रोशनी में कर रहे थे इलाज, वीडियो हुआ वायरल - टॉर्च की रोशनी में इलाज बलिया

बलिया में टॉर्च की रोशनी में आंख में टांका लगाने का वीडियो वायरल हो रहा है. एक मरीज के आंख का ऑपरेशन होने के बाद डॉक्टर्स टॉर्च की रोशनी में टांका लगा रहे थे. इसी दौरान किसी ने इसका वीडियो बना लिया.

टॉर्च की रोशनी में इलाज करते डॉक्टर.
टॉर्च की रोशनी में इलाज करते डॉक्टर.
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Published : Jan 18, 2021, 8:27 PM IST

बलिया: बलिया जनपद के जिला अस्पताल में चिकित्सकों की घोर लापरवाही सामने आई है. दरअसल, यहां चिकित्सकों द्वारा रविवार रात एक मरीज के आंख का ऑपरेशन होने के बाद टॉर्च की रोशनी में टांका लगाया जा रहा था. मामले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

वीडियो वायरल

डॉक्टरों की लापरवाही का यह मामला जिलेभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं, इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बीपी सिंह का कहना है कि इलाज के दौरान जेनरेटर का प्रयोग किया गया था, लेकिन अचानक जेनरेटर का स्विच ऑफ हो गया. इसके चलते टॉर्च का इस्तेमाल किया गया.

लापरवाही पर दी सफाई

वहीं, जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. बीपी सिंह का कहना है कि इमरजेंसी में एक्सीडेंटल केस की स्टिचिंग के दौरान बिजली चली गई थी. ऐसे में जेनरेटर शुरू करने में थोड़ा वक्त लगा. लेकिन ब्लीडिंग को रोकने के लिए टॉर्च की रोशनी में स्टिचिंग जारी रखी गई.

ऑपरेशन के समय बिजली चली गई थी. जेनरेटर स्टार्ट करने में थोड़ा समय लगा. जिस समय ब्लीडिंग हो रही थी, उसे रोकने के लिए टॉर्च की रोशनी का प्रयोग किया गया.

-डॉक्टर बीपी सिंह, सीएमएस

बलिया: बलिया जनपद के जिला अस्पताल में चिकित्सकों की घोर लापरवाही सामने आई है. दरअसल, यहां चिकित्सकों द्वारा रविवार रात एक मरीज के आंख का ऑपरेशन होने के बाद टॉर्च की रोशनी में टांका लगाया जा रहा था. मामले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

वीडियो वायरल

डॉक्टरों की लापरवाही का यह मामला जिलेभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं, इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बीपी सिंह का कहना है कि इलाज के दौरान जेनरेटर का प्रयोग किया गया था, लेकिन अचानक जेनरेटर का स्विच ऑफ हो गया. इसके चलते टॉर्च का इस्तेमाल किया गया.

लापरवाही पर दी सफाई

वहीं, जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. बीपी सिंह का कहना है कि इमरजेंसी में एक्सीडेंटल केस की स्टिचिंग के दौरान बिजली चली गई थी. ऐसे में जेनरेटर शुरू करने में थोड़ा वक्त लगा. लेकिन ब्लीडिंग को रोकने के लिए टॉर्च की रोशनी में स्टिचिंग जारी रखी गई.

ऑपरेशन के समय बिजली चली गई थी. जेनरेटर स्टार्ट करने में थोड़ा समय लगा. जिस समय ब्लीडिंग हो रही थी, उसे रोकने के लिए टॉर्च की रोशनी का प्रयोग किया गया.

-डॉक्टर बीपी सिंह, सीएमएस

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