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बलियाः तीन दिवसीय गंगा यात्रा का जयप्रकाश नगर में हुआ समापन

बलिया जिले में चल रहे तीन दिवसीय गंगा यात्रा का रविवार को समापन हो गया. इस दौरान विधायक सुरेंद्र सिंह ने एक बैठक की जिसमें डीएम से लेकर गांव तक के लोगों ने भाग लिया और गंगा की स्वच्छता के लिए कार्य करने को जरूरी बताया. इस दौरान जिले में उत्पन्न कई अन्य समास्याओं पर भी चर्चा हुई.

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गंगा यात्रा
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Published : Oct 5, 2020, 1:23 AM IST

बलियाः तीन दिवसीय गंगा यात्रा का समापन रविवार को जयप्रकाश नगर में हुआ. इससे पहले तीसरे और अंतिम दिन गोपालपुर घाट से इस यात्रा को बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. गोपालपुर से आगे करीब दर्जन भर पंचायत के प्रधानों के साथ गंगा स्वच्छता पर चर्चा किया गया साथ ही लोगों को जागरूक करते रहने के लिए प्रेरित किया गया.

इस अवसर पर विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि गंगा को स्वच्छ रखने में हर किसी का योगदन जरूरी है. गंगा जन्म के समय अमृत के समान जीवनदायिनी है और मृत्यु के बाद इसी गंगा को मोक्षदायिनी भी कहते हैं. गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए जनप्रतिनिधि, अधिकारी और हर एक आम लोगों को निःस्वार्थ भाव से सोचना होगा. उन्होंने आवाह्न किया कि गंगा के लिए निःस्वार्थ भाव से कुछ अच्छा करने का निर्णय जिला से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक किया जाए.

विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि गांव में अधिकांश विवाद पैमाइस को लेकर होती है. अगर इसको लेकर कोई ढंग की पारदर्शी व्यवस्था हो जाए तो कोर्ट-कचहरी में जाने वाले अधिकांश विवादों का जन्म ही नहीं होगा. उन्होंने कहा कि बैरिया क्षेत्र के जमीनी मामलों के हल के लिए पैमाइस का एक अभियान चलाया जाए. इसमें जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही, एसडीएम और तहसीलदार कार्ययोजना बनाकर अधीनस्थों को निर्देशित करें. दावा किया कि अगर जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अमला समन्वय बनाकर ईमानदारी से इस अभियान में लग जाएं तो जिस तरह श्रावस्ती मॉडल पूरे प्रदेश में चर्चित है, उसी तरह पैमाइस के मामले में 'बैरिया मॉडल' भी हो जाएगा.

गंगा यात्रा के दौरान मौजूद समस्त ग्राम प्रधानों से जिलाधिकारी ने कहा कि कुंआ, तालाब, गड़हा, पोखरा और सुगम चकमार्गों के लिए हर गांव में मुहिम चलाने पर प्रशासन का जोर है. गंगा किनारे गांवों से ही इसकी शुरुआत की जाए. मुहिम ऐसी चले कि जिला ही नहीं, बल्कि प्रदेश स्तर पर एक मॉडल के रूप में वह बन जाए. ग्राम पंचायत ग्राम सचिवालय के रूप में बनाई जाए और वहां लेखपाल और पंचायत सचिवों के बैठने का समय तय हो.

पूरी गंगा यात्रा के दौरान नेहरू युवा केंद्र के युवा मंडल और एनसीसी कैडेट्स ने भी महत्वपूर्ण सहयोग दिया. युवा मंडल में विनोद चौरसिया, नंदनी सिंह, शालू आदि ने जन जागरूकता में अपनी अहम भूमिका निभाई. वहीं, सुरक्षा में एनडीआरएफ इंस्पेक्टर अनिल शर्मा और उनकी पूरी टीम लगी रही. डीएफओ श्रद्धा, एसडीएम सदर राजेश यादव, तहसीलदार शिवसागर दुबे, डीडीओ शशिमौली मिश्र, जल निगम एक्सईएन अंकुर श्रीवास्तव, आपदा प्राधिकरण से पीयूष, स्वच्छ भारत के शैलेश ओझा, भूगोलविद गणेश पाठक, शिवकुकर कौशिकेय, कला शिक्षक इफ्तेखार खां, रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे.

बलियाः तीन दिवसीय गंगा यात्रा का समापन रविवार को जयप्रकाश नगर में हुआ. इससे पहले तीसरे और अंतिम दिन गोपालपुर घाट से इस यात्रा को बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. गोपालपुर से आगे करीब दर्जन भर पंचायत के प्रधानों के साथ गंगा स्वच्छता पर चर्चा किया गया साथ ही लोगों को जागरूक करते रहने के लिए प्रेरित किया गया.

इस अवसर पर विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि गंगा को स्वच्छ रखने में हर किसी का योगदन जरूरी है. गंगा जन्म के समय अमृत के समान जीवनदायिनी है और मृत्यु के बाद इसी गंगा को मोक्षदायिनी भी कहते हैं. गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए जनप्रतिनिधि, अधिकारी और हर एक आम लोगों को निःस्वार्थ भाव से सोचना होगा. उन्होंने आवाह्न किया कि गंगा के लिए निःस्वार्थ भाव से कुछ अच्छा करने का निर्णय जिला से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक किया जाए.

विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि गांव में अधिकांश विवाद पैमाइस को लेकर होती है. अगर इसको लेकर कोई ढंग की पारदर्शी व्यवस्था हो जाए तो कोर्ट-कचहरी में जाने वाले अधिकांश विवादों का जन्म ही नहीं होगा. उन्होंने कहा कि बैरिया क्षेत्र के जमीनी मामलों के हल के लिए पैमाइस का एक अभियान चलाया जाए. इसमें जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही, एसडीएम और तहसीलदार कार्ययोजना बनाकर अधीनस्थों को निर्देशित करें. दावा किया कि अगर जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अमला समन्वय बनाकर ईमानदारी से इस अभियान में लग जाएं तो जिस तरह श्रावस्ती मॉडल पूरे प्रदेश में चर्चित है, उसी तरह पैमाइस के मामले में 'बैरिया मॉडल' भी हो जाएगा.

गंगा यात्रा के दौरान मौजूद समस्त ग्राम प्रधानों से जिलाधिकारी ने कहा कि कुंआ, तालाब, गड़हा, पोखरा और सुगम चकमार्गों के लिए हर गांव में मुहिम चलाने पर प्रशासन का जोर है. गंगा किनारे गांवों से ही इसकी शुरुआत की जाए. मुहिम ऐसी चले कि जिला ही नहीं, बल्कि प्रदेश स्तर पर एक मॉडल के रूप में वह बन जाए. ग्राम पंचायत ग्राम सचिवालय के रूप में बनाई जाए और वहां लेखपाल और पंचायत सचिवों के बैठने का समय तय हो.

पूरी गंगा यात्रा के दौरान नेहरू युवा केंद्र के युवा मंडल और एनसीसी कैडेट्स ने भी महत्वपूर्ण सहयोग दिया. युवा मंडल में विनोद चौरसिया, नंदनी सिंह, शालू आदि ने जन जागरूकता में अपनी अहम भूमिका निभाई. वहीं, सुरक्षा में एनडीआरएफ इंस्पेक्टर अनिल शर्मा और उनकी पूरी टीम लगी रही. डीएफओ श्रद्धा, एसडीएम सदर राजेश यादव, तहसीलदार शिवसागर दुबे, डीडीओ शशिमौली मिश्र, जल निगम एक्सईएन अंकुर श्रीवास्तव, आपदा प्राधिकरण से पीयूष, स्वच्छ भारत के शैलेश ओझा, भूगोलविद गणेश पाठक, शिवकुकर कौशिकेय, कला शिक्षक इफ्तेखार खां, रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे.

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