बलिया: जिले में सरयू नदी खतरे के निशान से करीब 40 सेंटीमीटर ऊपर से बह रही हैं. इसके साथ ही गंगा के वेग में भी तेजी आ गई है. उफनाती गंगा की लहरें सब कुछ अपने अंदर समाने को बेताब हैं. वहीं दोनों नदियों के विकराल रूप होने के कारण किसानों की उपजाऊ भूमि लगातार नदी में समाहित हो रही है. हालांकि जिला प्रशासन लगातार इन इलाकों का दौरा कर स्थिति पर नजर बनाए हुए है और आवश्यकता पड़ने पर एनडीआरएफ को बुलाने की बात भी की जा रही है.
2019 में जहां गंगा ने अपना विकराल रूप दिखाया था और दर्जनों गांवों को प्रभावित किया था. वहीं इस बार सरयू नदी जिले के दूसरी ओर दर्जनों गांव को प्रभावित कर रही है. काफी समय से सरयू नदी लगातार खतरे के निशान के ऊपर से बह रही हैं, जिससे मनियर और बेल्थरा रोड इलाके के दर्जनों गांव इसकी चपेट में आ रहे हैं. तटवर्ती इलाकों के लोग अपनी उपजाऊ जमीन को नदी में विलीन होता देख परेशान हैं. जिस तरह नदियां उफान पर हैं, ऐसे में बाढ़ का पानी गांव तक पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगेगा.
सरयू नदी में खतरे का लाल निशान 64.010 है, लेकिन वो अब इससे ऊपर बह रही हैं. नदी किनारे बसे गांव के लोग बाढ़ को आते देख अब दूसरे स्थान पर जाने की तैयारी करने लगे हैं. जिला प्रशासन लगातार इन क्षेत्रों का दौरा कर रहा है. कटानरोधी कार्य भी कराया जा चुका है. इसके बावजूद नदियां सब कुछ अपने साथ बहा ले जाने को बेताब हैं. मनियर क्षेत्र में बने तूर्तिपर श्रीनगर बंधे और नदी के बीच बसे गांव के तटवर्ती इलाकों में सरयू ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है.
जिलाधिकारी श्री हरि प्रताप शाही ने बताया कि जिला प्रशासन की नजर इधर बनी हुई है. जनपद के तीन तहसील इलाकों में बाढ़ का प्रभाव रहता है, जहां उप जिलाधिकारियों को सारी व्यवस्थाओं को देखने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि जिले में डीएसपी गेज प्वाइंट पर सरयू खतरे के निशान से ऊपर हैं, जबकि चांदपुर और मांझी में गंगा का जलस्तर खतरे के बिंदु तक पहुंचने वाला है. जिस कारण बहुत से इलाकों में एग्रीकल्चर लैंड का कटान हो रहा है, किंतु बाढ़ का पानी आबादी वाले क्षेत्रों में नहीं पहुंचा है. परंतु जैसे ही गंगा का जल चांदपुर और माझी के खतरा बिंदु को छू लेंगी तो बाढ़ का पानी आबादी वाले क्षेत्र को भी प्रभावित करना शुरू कर देगा.
उन्होंने बताया कि इससे पहले हम लोग बाढ़ राहत के लिए आवश्यक चौकियों की स्थापना कर चुके हैं. ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए शरणालय की व्यवस्था, पशुओं के चारे की व्यवस्था और नाव को भी दुरुस्त करा लिया गया है. जिलाधिकारी ने कहा कि चांदपुर में जैसे ही गंगा खतरा बिंदु को पार करेंगी हम लोग एनडीआरएफ की टीम को बुला लेंगे, ताकि उनकी मदद से लोगों को अधिक से अधिक राहत पहुंचाई जा सके.