बलिया: नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी एक दिन के अपने बलिया दौरे पर पहुंचें. जहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए आजम खां का बचाव किया और कहा कि जमीन विश्वविद्यालय के बाहर है या उसके अंदर है, इसकी पुष्टी को लेकर अभी तक जमीन का कोई मापन नहीं किया गया है, तो कैसे पता चलेगा कि जमीन किसकी है.
जानिए राम गोविंद चौधरी ने क्या कहा-
- जब कोई जमीन की रजिस्ट्री होती है, तो 30 दिन से लेकर 90 दिनों के भीतर उस जमीन का दाखिल खारिज कर दिया जाता है.
- 90 दिन बीत जाने के बाद भी कोई आपत्ति नहीं दर्ज कराई गई.
- रूलिंग के अनुसार तीन साल के दौरान भी कोई शिकायत इस पर नहीं की गई.
- अब 13 साल के बाद बीजेपी की सरकार जानबूझकर सपा को अपमानित करने के लिए यह कार्य कर रही है.
- भाजपा जिस जमीन की बात कर रही है, उसमें जिससे जमीन खरीदी गई थी, उसके बैंक खाते में भुगतान कर दिया गया था.
- बीजेपी की सरकार में शिक्षण संस्थाओं को चौपट करने का और जौहर विश्वविद्यालय को बंद करने का षड्यंत्र किया जा रहा है.