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डॉक्टर और दवाइयों के बगैर चलता है बलिया का राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल बनी हुई हैं. राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का भवन भी जर्जर हो चुका है. वहीं इस अस्पताल में बीते कई सालों से स्टॉफ की भी कमी बनी हुई है.

जिले में बदहाल है स्वास्थ्य व्यवस्था.
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Published : Sep 10, 2019, 2:28 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

बलिया: जिले से दो मंत्री प्रदेश सरकार में जिले का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, लेकिन जिले की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल बनी हुई हैं. बलिया का राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय एक चिकित्सक के भरोसे चल रहा है. यहां सालों से मरीजों के लिए बने बेड पर न तो गद्दे हैं और न ही चादर. अस्पताल में पर्याप्त सुविधाओं के अभाव में 12 सालों से कोई प्रसव तक नहीं हुआ.

जिले में बदहाल है स्वास्थ्य व्यवस्था.

जिले का राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का भवन 30 वर्ष पहले तैयार हुआ था. तब इसकी हालत कुछ और हुआ करती थी, लेकिन अब यह अपने दुर्दशा पर रो रहा है. चिकित्सालय में जहां महिला रोगियों को देखने की व्यवस्था थी, वहीं स्टोर रूम बना दिया गया है. ओपीडी की कमरे सालों से ऐसे बंद पड़े हैं. मानो यह कोई भूत बंगला हो.

मुख्यालय के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का भवन भी जर्जर हो चुका है. कमरों में बारिश का पानी सीलिंग से टपकता है. बिजली की वायरिंग उखड़ चुकी है और चारों ओर अंधेरा ही छाया हुआ है. इस अस्पताल में दो चिकित्सा अधिकारी का पद है, लेकिन नियुक्ति सिर्फ एक ही है. इसके अलावा स्टाफ नर्स फार्मासिस्ट और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भारी कमी है.

64 अस्पतालों में 50 डॉक्टरों के पद हैं खाली
जनपद में 64 आयुर्वेद और चार यूनानी चिकित्सालय हैं, लेकिन सभी जगह डॉक्टरों की कमी अस्पताल की बदहाली का मुख्य कारण है. क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी राजकुमार शर्मा ने बताया कि जनपद में 64 चिकित्सकों के सापेक्ष महज 14 डॉक्टर ही नियुक्त हैं. 50 डॉक्टरों की कमी अभी वर्तमान में है. फार्मासिस्ट के पांच पद भी खाली हैं. इसके साथ पूरे जनपद में 50 फीसदी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद खाली पड़े हुए हैं.

30 साल में नहीं हुआ एक बार भी मेंटेनेंस
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय भवन 30 साल पुराना है. बिल्डिंग की हालत ऐसी की जगह-जगह दीवारों से छोटे-छोटे पौधे निकल आए हैं. भवन की छत से पानी टपकता है. चारों ओर अंधेरा ही अंधेरा है. बिल्डिंग की स्थिति पर राजकुमार शर्मा ने बताया कि निर्माण होने के बाद से अब तक मेंटेनेंस के नाम पर कोई बजट नहीं आया. शासन को कई बार लिखा भी गया है, लेकिन अभी तक कोई धनराशि प्राप्त नहीं हुई है. इसलिए अभी तक इसका कोई मेंटेनेंस नहीं हुआ है.

12 सालों से नहीं हुआ कोई भी प्रसव
सामान्य जिला अस्पताल की तर्ज पर आयुर्वेद अस्पताल में भी महिलाओं और पुरुषों का इलाज होता है, लेकिन बलिया के राजकीय आयुर्वेद अस्पताल में इंफ्रास्ट्रक्चर और मूलभूत सुविधाओं के अभाव में यहां महिलाओं का प्रसव तक नहीं हो पा रहा है. क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी राजकुमार शर्मा के अनुसार पिछले 12 सालों से यहां पर कोई भी डिलीवरी नहीं कराई गई है, क्योंकि प्रसव के लिए पर्याप्त संसाधन और उपकरण की कमी है. यहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर भी वैसा नहीं है. इन सबके बीच महिला चिकित्सा अधिकारी का पद भी यहां पर खाली है.

बलिया: जिले से दो मंत्री प्रदेश सरकार में जिले का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, लेकिन जिले की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल बनी हुई हैं. बलिया का राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय एक चिकित्सक के भरोसे चल रहा है. यहां सालों से मरीजों के लिए बने बेड पर न तो गद्दे हैं और न ही चादर. अस्पताल में पर्याप्त सुविधाओं के अभाव में 12 सालों से कोई प्रसव तक नहीं हुआ.

जिले में बदहाल है स्वास्थ्य व्यवस्था.

जिले का राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का भवन 30 वर्ष पहले तैयार हुआ था. तब इसकी हालत कुछ और हुआ करती थी, लेकिन अब यह अपने दुर्दशा पर रो रहा है. चिकित्सालय में जहां महिला रोगियों को देखने की व्यवस्था थी, वहीं स्टोर रूम बना दिया गया है. ओपीडी की कमरे सालों से ऐसे बंद पड़े हैं. मानो यह कोई भूत बंगला हो.

मुख्यालय के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का भवन भी जर्जर हो चुका है. कमरों में बारिश का पानी सीलिंग से टपकता है. बिजली की वायरिंग उखड़ चुकी है और चारों ओर अंधेरा ही छाया हुआ है. इस अस्पताल में दो चिकित्सा अधिकारी का पद है, लेकिन नियुक्ति सिर्फ एक ही है. इसके अलावा स्टाफ नर्स फार्मासिस्ट और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भारी कमी है.

64 अस्पतालों में 50 डॉक्टरों के पद हैं खाली
जनपद में 64 आयुर्वेद और चार यूनानी चिकित्सालय हैं, लेकिन सभी जगह डॉक्टरों की कमी अस्पताल की बदहाली का मुख्य कारण है. क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी राजकुमार शर्मा ने बताया कि जनपद में 64 चिकित्सकों के सापेक्ष महज 14 डॉक्टर ही नियुक्त हैं. 50 डॉक्टरों की कमी अभी वर्तमान में है. फार्मासिस्ट के पांच पद भी खाली हैं. इसके साथ पूरे जनपद में 50 फीसदी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद खाली पड़े हुए हैं.

30 साल में नहीं हुआ एक बार भी मेंटेनेंस
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय भवन 30 साल पुराना है. बिल्डिंग की हालत ऐसी की जगह-जगह दीवारों से छोटे-छोटे पौधे निकल आए हैं. भवन की छत से पानी टपकता है. चारों ओर अंधेरा ही अंधेरा है. बिल्डिंग की स्थिति पर राजकुमार शर्मा ने बताया कि निर्माण होने के बाद से अब तक मेंटेनेंस के नाम पर कोई बजट नहीं आया. शासन को कई बार लिखा भी गया है, लेकिन अभी तक कोई धनराशि प्राप्त नहीं हुई है. इसलिए अभी तक इसका कोई मेंटेनेंस नहीं हुआ है.

12 सालों से नहीं हुआ कोई भी प्रसव
सामान्य जिला अस्पताल की तर्ज पर आयुर्वेद अस्पताल में भी महिलाओं और पुरुषों का इलाज होता है, लेकिन बलिया के राजकीय आयुर्वेद अस्पताल में इंफ्रास्ट्रक्चर और मूलभूत सुविधाओं के अभाव में यहां महिलाओं का प्रसव तक नहीं हो पा रहा है. क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी राजकुमार शर्मा के अनुसार पिछले 12 सालों से यहां पर कोई भी डिलीवरी नहीं कराई गई है, क्योंकि प्रसव के लिए पर्याप्त संसाधन और उपकरण की कमी है. यहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर भी वैसा नहीं है. इन सबके बीच महिला चिकित्सा अधिकारी का पद भी यहां पर खाली है.

Intro:बलिया जनपद से दो मंत्री प्रदेश सरकार में जिले का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं लेकिन जिले के स्वास्थ्य महकमे का जो नजारा है उससे कहीं ना कहीं ऐसे जनप्रतिनिधियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं बलिया का राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय एक चिकित्सक के भरोसे चल रहा है यहां सालों से मरीजों के लिए बने बेड पर न तो गद्दे हैं और ना ही चादर अस्पताल में पर्याप्त सुविधाओं के अभाव में 12 सालों से कोई प्रसव तक नही हुआ




Body:जिले का राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का यह भवन 30 वर्ष पहले तैयार हुआ तब इसकी हालत कुछ और हुआ करती थी लेकिन समय बीत गया और यह अपने दुर्दशा की ओर अग्रसर होता है चिकित्सालय में जहां महिला रोगियों को देखने की व्यवस्था थी वहां स्टोर रूम बना दिया गया है ओपीडी की कमरे सालों से ऐसे बंद पड़े हैं मानो यह कोई भूत बंगला हो

मुख्यालय के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का भवन भी जर्जर हो चुका है कमरों में बारिश का पानी सीलिंग से टपकता है बिजली की वायरिंग उखड़ चुकी है और चारों ओर अंधेरा ही छाया हुआ है इस अस्पताल में दो चिकित्सा अधिकारी का पद है लेकिन नियुक्ति सिर्फ एक ही है इसके अलावा स्टाफ नर्स फार्मासिस्ट और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भारी कमी है

64 अस्पतालों में 50 डॉक्टरों के पद है खाली
जनपद में 64 आयुर्वेद और चार यूनानी चिकित्सालय हैं लेकिन सभी जगह डॉक्टरों की कमी अस्पताल की बदहाली का मुख्य कारण है क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी राजकुमार शर्मा ने बताया कि जनपद में 64 चिकित्सकों के सापेक्ष महल 14 डॉक्टर ही नियुक्त हैं 50 डॉक्टरों की कमी अभी वर्तमान में है फार्मासिस्ट के 5 पद भी खाली है इसके साथ पूरे जनपद में 50 फ़ीसदी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद खाली पड़े हुए हैं

वार्ड बॉय शिवसागर यादव ने बताया कि पिछले 5 सालों में अस्पताल की स्थिति और खराब हो गई है महिला वार्ड में क्षेत्रीय कार्यालय खोल दिया गया है जिस कारण पुरुष वार्ड में सारे बेड इकट्ठा करके भेज दिए गए और इसको हम लोग यहां पर रखे हुए हैं यहां पर एक भी गद्दे और चादर नहीं है जिससे स्थिति दयनीय बनी हुई है


Conclusion:30 साल में नहीं हुआ एक बार भी मेंटेनेंस
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय भवन 30 साल पुराना है बिल्डिंग की हालत ऐसी की जगह जगह दीवारों से छोटे-छोटे पौधे निकल आए हैं भवन की छत से पानी टपकता है चारों ओर अंधेरा ही अंधेरा है बिल्डिंग की स्थिति पर राजकुमार शर्मा ने बताया कि निर्माण होने के बाद से अब तक मेंटेनेंस के नाम पर कोई बजट नहीं आया शासन को कई बार लिखा भी गया है लेकिन अभी तक कोई धनराशि प्राप्त नहीं हुई है इसलिए अभी तक इसका कोई मेंटेनेंस नहीं हुआ है


12 सालों से नहीं हुआ कोई भी प्रसव
सामान्य जिला अस्पताल की तर्ज पर आयुर्वेद अस्पताल में भी महिलाओं और पुरुषों का इलाज होता है लेकिन बलिया के राजकीय आयुर्वेद अस्पताल में इंफ्रास्ट्रक्चर और मूलभूत सुविधाओं के अभाव में यहां महिलाओं का प्रसव तक नहीं हो पा रहा है क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी राजकुमार शर्मा के अनुसार पिछले 12 सालों से यहां पर कोई भी डिलीवरी नहीं कराई गई है क्योंकि प्रसव के लिए पर्याप्त संसाधन और उपकरण की आवश्यकता है और यहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर भी वैसा नहीं है इन सबके बीच महिला चिकित्सा अधिकारी का पद भी यहां पर खाली है

बाइट1--शिवसागर यादव--वार्डबॉय
बाइट2-- राजकुमार शर्मा--- क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी
पीटीसी--प्रशान्त बनर्जी

प्रशान्त बनर्जी
बलिया
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
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