बलिया : देश में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है. ऐसे में सरकारी स्कूलों को लगातार कॉन्वेंट स्कूलों के तर्ज पर बनाने की कोशिश भी की जा रही है. बलिया में सरकारी स्कूल के भवन, दीवार और कक्षाओं को शिक्षण सहायक सामग्री के रूप में प्रयोग कर बच्चों को शिक्षा दी जा रही है. कक्षाओं की दीवारों पर पेंटिंग के माध्यम से बच्चे शिक्षा के प्रति जागरूक हो रहे हैं. जिले के दुबहढ़ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय अमृतपाली में ऐसे ही पेंटिंग के माध्यम से बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.
जिले के दुबहढ़ ब्लॉक का प्राथमिक विद्यालय अमृतपाली में दीवारों पर पेंटिंग के माध्यम से बच्चों को मानव शरीर के विभिन्न अंगों के बारे में शिक्षा दी जा रही है. स्कूल की प्रधानाध्यापिका प्रतिमा पांडे बकायदा बच्चों को हिंदी और अंग्रेजी में अर्थ समझा कर इन पेंटिंग की मदद से शिक्षण को रोचक बनाने की प्रयास कर रही हैं.
कक्षा 1 से 5 तक संचालित होने वाले इस सरकारी स्कूल में करीब 180 बच्चे पंजीकृत हैं और इन बच्चों को बेहतर शिक्षा देकर उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने की जिम्मेदारी चार अध्यापिकाओं के कंधे पर है. सरकारी स्कूलों में किताबों से ही पढ़ाई कराई जाती है और बच्चे उन पाठों को याद कर परीक्षा देते हैं और पास होते हैं, लेकिन इस सरकारी विद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ दैनिक जीवन की जरूरत को पूरा करने वाले विषयों को दीवारों पर पेंटिंग बनाकर बच्चों को समझाया जाता है और उस की शिक्षा दी जाती है.
स्कूल की प्रधानाध्यापिका प्रतिमा उपाध्याय ने बताया कि स्कूल की दीवारों और बाउंड्री पर शिक्षा से जुड़े हुए टीएलएम की पेंटिंग बनाकर बच्चों में नॉलेज बढ़ाया जा रहा है. इससे बच्चे उठते-बैठते, आते-जाते हर समय इन चीजों को देखें और इनसे सीखें. स्कूल के वातावरण में हुए बदलाव से बच्चों में भी खुशी है. कक्षा पांच की छात्रा खुशी ने बताया कि वो प्रतिदिन स्कूल आती है. किताब के साथ स्कूल की दीवारों से उन लोगों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है.
जिले में इस तरह के प्रयोग पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने कहा कि स्कूल की बिल्डिंग को एक लर्निंग ऐड के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसको लेकर सभी विद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि विद्यालय को आकर्षक बनाएं, जिससे बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि बढ़े.