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बलिया: इस स्कूल में किताबों के साथ दीवार और फर्श भी दे रही बच्चों को शिक्षा

दुबहढ़ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय अमृतपाली में पेंटिंग के माध्यम से बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. स्कूल के भवन, दीवार और कक्षाओं को शिक्षण सहायक सामग्री के रूप में प्रयोग कर बच्चों को शिक्षा दी जा रही है.

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Published : Feb 23, 2019, 11:13 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST

स्कूल की दीवार और फर्श भी दे रहीं बच्चों को शिक्षा

बलिया : देश में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है. ऐसे में सरकारी स्कूलों को लगातार कॉन्वेंट स्कूलों के तर्ज पर बनाने की कोशिश भी की जा रही है. बलिया में सरकारी स्कूल के भवन, दीवार और कक्षाओं को शिक्षण सहायक सामग्री के रूप में प्रयोग कर बच्चों को शिक्षा दी जा रही है. कक्षाओं की दीवारों पर पेंटिंग के माध्यम से बच्चे शिक्षा के प्रति जागरूक हो रहे हैं. जिले के दुबहढ़ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय अमृतपाली में ऐसे ही पेंटिंग के माध्यम से बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.


जिले के दुबहढ़ ब्लॉक का प्राथमिक विद्यालय अमृतपाली में दीवारों पर पेंटिंग के माध्यम से बच्चों को मानव शरीर के विभिन्न अंगों के बारे में शिक्षा दी जा रही है. स्कूल की प्रधानाध्यापिका प्रतिमा पांडे बकायदा बच्चों को हिंदी और अंग्रेजी में अर्थ समझा कर इन पेंटिंग की मदद से शिक्षण को रोचक बनाने की प्रयास कर रही हैं.

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कक्षा 1 से 5 तक संचालित होने वाले इस सरकारी स्कूल में करीब 180 बच्चे पंजीकृत हैं और इन बच्चों को बेहतर शिक्षा देकर उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने की जिम्मेदारी चार अध्यापिकाओं के कंधे पर है. सरकारी स्कूलों में किताबों से ही पढ़ाई कराई जाती है और बच्चे उन पाठों को याद कर परीक्षा देते हैं और पास होते हैं, लेकिन इस सरकारी विद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ दैनिक जीवन की जरूरत को पूरा करने वाले विषयों को दीवारों पर पेंटिंग बनाकर बच्चों को समझाया जाता है और उस की शिक्षा दी जाती है.

स्कूल की दीवार और फर्श भी दे रहीं बच्चों को शिक्षा


स्कूल की प्रधानाध्यापिका प्रतिमा उपाध्याय ने बताया कि स्कूल की दीवारों और बाउंड्री पर शिक्षा से जुड़े हुए टीएलएम की पेंटिंग बनाकर बच्चों में नॉलेज बढ़ाया जा रहा है. इससे बच्चे उठते-बैठते, आते-जाते हर समय इन चीजों को देखें और इनसे सीखें. स्कूल के वातावरण में हुए बदलाव से बच्चों में भी खुशी है. कक्षा पांच की छात्रा खुशी ने बताया कि वो प्रतिदिन स्कूल आती है. किताब के साथ स्कूल की दीवारों से उन लोगों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है.


जिले में इस तरह के प्रयोग पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने कहा कि स्कूल की बिल्डिंग को एक लर्निंग ऐड के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसको लेकर सभी विद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि विद्यालय को आकर्षक बनाएं, जिससे बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि बढ़े.

बलिया : देश में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है. ऐसे में सरकारी स्कूलों को लगातार कॉन्वेंट स्कूलों के तर्ज पर बनाने की कोशिश भी की जा रही है. बलिया में सरकारी स्कूल के भवन, दीवार और कक्षाओं को शिक्षण सहायक सामग्री के रूप में प्रयोग कर बच्चों को शिक्षा दी जा रही है. कक्षाओं की दीवारों पर पेंटिंग के माध्यम से बच्चे शिक्षा के प्रति जागरूक हो रहे हैं. जिले के दुबहढ़ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय अमृतपाली में ऐसे ही पेंटिंग के माध्यम से बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.


जिले के दुबहढ़ ब्लॉक का प्राथमिक विद्यालय अमृतपाली में दीवारों पर पेंटिंग के माध्यम से बच्चों को मानव शरीर के विभिन्न अंगों के बारे में शिक्षा दी जा रही है. स्कूल की प्रधानाध्यापिका प्रतिमा पांडे बकायदा बच्चों को हिंदी और अंग्रेजी में अर्थ समझा कर इन पेंटिंग की मदद से शिक्षण को रोचक बनाने की प्रयास कर रही हैं.

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कक्षा 1 से 5 तक संचालित होने वाले इस सरकारी स्कूल में करीब 180 बच्चे पंजीकृत हैं और इन बच्चों को बेहतर शिक्षा देकर उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने की जिम्मेदारी चार अध्यापिकाओं के कंधे पर है. सरकारी स्कूलों में किताबों से ही पढ़ाई कराई जाती है और बच्चे उन पाठों को याद कर परीक्षा देते हैं और पास होते हैं, लेकिन इस सरकारी विद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ दैनिक जीवन की जरूरत को पूरा करने वाले विषयों को दीवारों पर पेंटिंग बनाकर बच्चों को समझाया जाता है और उस की शिक्षा दी जाती है.

स्कूल की दीवार और फर्श भी दे रहीं बच्चों को शिक्षा


स्कूल की प्रधानाध्यापिका प्रतिमा उपाध्याय ने बताया कि स्कूल की दीवारों और बाउंड्री पर शिक्षा से जुड़े हुए टीएलएम की पेंटिंग बनाकर बच्चों में नॉलेज बढ़ाया जा रहा है. इससे बच्चे उठते-बैठते, आते-जाते हर समय इन चीजों को देखें और इनसे सीखें. स्कूल के वातावरण में हुए बदलाव से बच्चों में भी खुशी है. कक्षा पांच की छात्रा खुशी ने बताया कि वो प्रतिदिन स्कूल आती है. किताब के साथ स्कूल की दीवारों से उन लोगों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है.


जिले में इस तरह के प्रयोग पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने कहा कि स्कूल की बिल्डिंग को एक लर्निंग ऐड के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसको लेकर सभी विद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि विद्यालय को आकर्षक बनाएं, जिससे बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि बढ़े.

Intro:बलिया
anchor---देश में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार अपने बजट में बढ़ोतरी कर रहै है .ऐसे में सरकारी स्कूलों को लगातार कान्वेंट स्कूलों के तर्ज पर बनाने की कोशिश भी की जा रही है .बलिया में सरकारी स्कूलों के भवन, दीवार और कक्षाओं को शिक्षण सहायक सामग्री के रूप में प्रयोग कर बच्चों को शिक्षा दी जा रही है. कक्षाओं की दीवारों पर पेंटिंग के माध्यम से बच्चे शिक्षा के प्रति जागरूक हो रहे हैं. जिले के दुबहढ़ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय अमृतपाली में ऐसे ही पेंटिंग के माध्यम से बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।


Body:vo1--ये है जिले के दुबहर ब्लॉक का प्राथमिक विद्यालय अमृतपाली जहां बच्चों को मानव शरीर के विभिन्न अंगों के बारे में शिक्षा दी जा रही है .स्कूल की प्रधानाध्यापिका प्रतिमा पांडे बकायदा बच्चों को हिंदी और अंग्रेजी में अर्थ समझा कर इन पेंटिंग की मदद से शिक्षण को रोचक बनाने की प्रयास कर रही हैं.

कक्षा 1 से 5 तक संचालित होने वाले इस सरकारी स्कूल में करीब 180 बच्चे पंजीकृत है और इन बच्चों को बेहतर शिक्षा देकर उनके भविष्य को उज्जवल बनाने की जिम्मेदारी चार अध्यापिकाओ के कंधे पर है .अमूमन सरकारी स्कूलों में सरकार द्वारा निर्धारित किताबों से ही पढ़ाई कराई जाती है और बच्चे उन पाठो को याद कर परीक्षा देते हैं और पास हो जाते हैं .लेकिन इस सरकारी विद्यालय में पढ़ाई के साथ साथ दैनिक जीवन की जरूरत को पूरा करने वाले विषयों को दीवारों पर पेंटिंग बनाकर बच्चों को समझाया जाता है और उस की शिक्षा दी जाती है.

स्कूल की प्रधानाध्यापिका प्रतिमा उपाध्याय ने बताया कि स्कूल की दीवारों और बाउंड्री पर शिक्षा से जुड़े हुए टीएलएम की पेंटिंग बनाकर बच्चों में नॉलेज बढ़ाया जा रहा है. जिससे बच्चे उठते बैठते आते जाते हर समय इन चीजों को देखें और इनसे उन्हें सीखने को मिले.

byte1--प्रतिमा उपाध्याय---प्रधान अध्यापिका

vo2--स्कूल के वातावरण में हुए बदलाव से बच्चों में भी खुशी है. कक्षा 5 की छात्रा खुशी बताती है कि हम लोग प्रतिदिन स्कूल आते हैं. मैडम लोगों को पढ़ाती हैं किताब के साथ स्कूल की दीवारों से हम लोगों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है इसके अलावा मैडम हम लोगों को एक्टिविटी भी करवाती हैं.

byte2---खुशी---छात्रा कक्षा 5

vo3--जिले में इस तरह के प्रयोग पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने कहा कि स्कूल की बिल्डिंग को हम लोग एक लर्निंग ऐड के रूप में विकसित कर रहे हैं. जिससे स्कूल की छत स्कूल की फर्स्ट और स्कूल की दीवारो से बहुत कुछ बच्चे सीख सकते हैं. इन सब को लर्निंग ऐड के रूप में प्रयोग किया जा रहा है.इसको लेकर सभी विद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि विद्यालय को आकर्षक बनाएं जिससे बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि में वृद्धि हो.

byte3--संतोष कुमार राय---बीएसए




Conclusion:fo--जिस तरह बलिया के सरकारी स्कूलों में बदलाव की शुरुआत हो चुकी है. जिससे आने वाले समय में सरकारी स्कूल हो में पढ़ने वाले बच्चे कान्वेंट स्कूल के बच्चों से अब पीछे नहीं रहेंगे.

प्रशान्त बनर्जी
बलिया।
9455785050

ये डे प्लान की स्पेशल स्टोरी है।

note--- डेस्क को वीडियो प्राप्त नहीं होने की दशा में वीडियो रिसेंड किया जा रहा है
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST
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