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बलिया: बाढ़ भी नहीं डिगा पाई छात्राओं का जज्बा, नाव से तय करती हैं 10 किमी की दूरी - बलिया में आई बाढ़

उत्तर प्रदेश के बलिया में बेरिया गांव की कई छात्राएं बाढ़ में भी नाव के जरिए स्कूल पढ़ने जाती हैं. प्रतिदिन 10 किलोमीटर की दूरी छोटी सी नाव में बैठकर तय करती हैं. छात्राओं का कहना है कि पढ़ाई करनी है तो डर कैसा.

छात्राएं नाव से तय करती हैं 10 किमी की दूरी.
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Published : Sep 26, 2019, 10:42 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

बलिया: गंगा में बाढ़ आई तो सहायक नदियां भी उफान पर आ गई. तमसा नदी में आई बाढ़ ने फेफना विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों मे अपना विकराल रूप दिखा दिया. लेकिन बाढ़ की ऐसी भयानक स्थिति में भी छात्राओं में पढ़ने का जो जुनून है उसे देखकर हर कोई हैरान है.

छात्राएं नाव से तय करती हैं 10 किमी की दूरी.

इसे भी पढ़े: महिला सिपाही ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, सुसाइड नोट में दो पुलिस कर्मियों पर लगाया आरोप

'पढ़ाई करने के लिए डर कैसा?'

  • बेरिया गांव की कई छात्राएं बाढ़ में भी नाव के जरिए स्कूल पढ़ने जाती हैं.
  • सरकार ने ग्रामीणों की मदद के लिए नाव की व्यवस्था की गई है.
  • छात्राएं इसी सरकारी नाव से बाढ़ के पानी से होते हुए पढ़ाई करने जाती हैं.
  • प्रतिदिन 10 किलोमीटर की दूरी तय कर छात्राएं छोटी सी नाव में बैठकर करती हैं.

हमारे गांव में बाढ़ आने से सड़के डूब गई हैं इसलिए हम लोग नाव से अपने स्कूल जाते हैं. हम लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं लेकिन पढ़ाई करना है तो ऐसी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

-आरती आरजभर, बाढ़ पीड़ित छात्रा

बलिया: गंगा में बाढ़ आई तो सहायक नदियां भी उफान पर आ गई. तमसा नदी में आई बाढ़ ने फेफना विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों मे अपना विकराल रूप दिखा दिया. लेकिन बाढ़ की ऐसी भयानक स्थिति में भी छात्राओं में पढ़ने का जो जुनून है उसे देखकर हर कोई हैरान है.

छात्राएं नाव से तय करती हैं 10 किमी की दूरी.

इसे भी पढ़े: महिला सिपाही ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, सुसाइड नोट में दो पुलिस कर्मियों पर लगाया आरोप

'पढ़ाई करने के लिए डर कैसा?'

  • बेरिया गांव की कई छात्राएं बाढ़ में भी नाव के जरिए स्कूल पढ़ने जाती हैं.
  • सरकार ने ग्रामीणों की मदद के लिए नाव की व्यवस्था की गई है.
  • छात्राएं इसी सरकारी नाव से बाढ़ के पानी से होते हुए पढ़ाई करने जाती हैं.
  • प्रतिदिन 10 किलोमीटर की दूरी तय कर छात्राएं छोटी सी नाव में बैठकर करती हैं.

हमारे गांव में बाढ़ आने से सड़के डूब गई हैं इसलिए हम लोग नाव से अपने स्कूल जाते हैं. हम लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं लेकिन पढ़ाई करना है तो ऐसी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

-आरती आरजभर, बाढ़ पीड़ित छात्रा

Intro:गंगा में बाढ़ आई तो गंगा की सहायक नदियां भी उफान मारने लगी है बलिया में तमसा नदी में आई बाढ़ ने फेफना विधानसभा क्षेत्र के 2 दर्जन से अधिक गांव मे अपना विकराल रूप दिखा दिया दूर-दूर तक जहां हरे खेत दिखाई देते थे वह सब पानी में डूब गए हैं लेकिन इस इलाके की छात्राओं में पढ़ने का जो जुनून है उसे देखकर हर कोई हैरान है

Body:फेफना विधानसभा उत्तर प्रदेश सरकार में खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार उपेंद्र तिवारी का क्षेत्र है जहां के बेरिया गांव की दर्जनों छात्राएं भीषण बाढ़ में भी नाव से यात्रा कर पढ़ने जाती हैं

छात्राओं में पढ़ाई का जुनून इस कदर हावी है कि प्रतिदिन 10 किलोमीटर की यात्रा छात्राएं छोटी सी नाव में बैठकर करती हैं और शहर जाकर शिक्षा ग्रहण करती हैं सरकार द्वारा ग्रामीणों की मदद के लिए नाव की व्यवस्था की गई है छात्राएं इसी सरकारी नाव से बाढ़ के पानी से होते हुए पढ़ाई करने जाती हैं

Conclusion:बैरिया गांव की कक्षा 9 में पढ़ने वाली छात्रा आरती राजभर ने कहा कि हमारे गांव में बाढ़ आने से सड़के डूब गई हैं इसलिए हम लोग नाव से अपने स्कूल जाते हैं हालांकि हम लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं लेकिन पढ़ाई करना है तो ऐसी दिक्कत हो का सामना करना पड़ेगा हालांकि छात्रा ने माना कि नाव से स्कूल जाने के दौरान उन लोगों को डर भी लगता है

बाइट---आरती आरजभर---बाढ़ पीड़ित छात्रा

प्रशान्त बनर्जी
बलिया

नोट--स्टोरी रैप से भेजी गई है।
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
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