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वरासत के लंबित प्रकरण में तीन लेखपाल सस्पेंड - बलिया में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन

बलिया में संपूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर जिला अधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने जनता दरबार लगाया. इस दौरान फरियादियों ने अपनी समस्याओं से जिलाधिकारी को रूबरू कराया. वहीं डीएम ने वरासत के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में 3 लेखपालों को सस्पेंड कर दिया.

संपूर्ण समाधान दिवस.
संपूर्ण समाधान दिवस.
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Published : Dec 16, 2020, 4:59 AM IST

बलिया: सदर तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में जनसुनवाई के समय जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही के तेवर काफी तल्ख दिखे. फरियादियों की फरियाद सुन रहे जिलाधिकारी इस तरह नाराज हुए कि वरासत के मामले वर्षों तक लंबित रखने पर तीन लेखपालों को सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया. जिसमें करची के लेखपाल लल्लन राम को उन्होंने जनसुनवाई के दौरान ही सस्पेंड कर दिया. वहीं जनसुनवाई पोर्टल पर निस्तारित कई शिकायतों के स्थलीय सत्यापन के लिए जिलाधिकारी ने 10 से अधिक अधिकारियों की टीम भेजी. यह टीम रिपोर्ट देगी और अगर कहीं गलत निस्तारण किया गया मिला तो सम्बन्धित अधिकारी-कर्मचारी पर विभागीय कार्रवाई किया जाएगा.

संपूर्ण समाधान दिवस में कुल 99 मामले आए, जिनमें पांच का निस्तारण मौके पर कराया गया. वहीं शेष शिकायतों को संबंधित अधिकारियों को निस्तारण के लिए सौंपा गया. करची के शिकायतकर्ता रामाकांत ने प्रार्थना पत्र दिया कि उनका वारासत का मामला निस्तारित नहीं किया जा रहा है. इस पर जिलाधिकारी ने लेखपाल लल्लन राम को तलब किया. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर तत्काल सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया.

वहीं माल्देपुर निवासी हृदयनारायण राय ने भी छह वर्ष से वारासत रोके रखने की शिकायत की. इस बावत पूछताछ करने के बाद जिलाधिकारी ने पूर्व में वहां तैनात लेखपाल राजकुमार श्रीवास्तव और वर्तमान में तैनात हरेंद्र सिंह को निलंबित करने के लिए एसडीएम को निर्देशित किया. समाधान दिवस में अधिकारियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जनता की शिकायत हम सबकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. यदि कोई भी शिकायत आए, चाहे वह छोटी हो या बड़ी, पूरी गंभीरता से लें. अविवादित वरासत जैसे सामान्य मामले वर्षों तक लंबित रहना लेखपाल-कानूनगो की लापरवाही हैं. उन्होंने समस्त कानूनगो और लेखपाल को चेतावनी दी है कि विभागीय कार्रवाई से बचना है तो ऐसी लापरवाही से बाज आएं.

जिला अधिकारी के द्वारा पैमाइश संबंधी मामलों में लापरवाही पाए जाने पर डीएम श्रीहरि शाही ने पैमाइश से संबंधित वादों के निस्तारण की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने पाया कि अधिकांश मामलों में कानूनगो की रिपोर्ट तक नहीं लगी है. इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई और सभी कानूनगो का वेतन रोकने का आदेश जारी ​कर दिया. उन्होंने कहा कि यह वेतन तब तक नहीं मिलेगा, जब तक कि इनकी प्रगति में सुधार नहीं होगा.

बलिया: सदर तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में जनसुनवाई के समय जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही के तेवर काफी तल्ख दिखे. फरियादियों की फरियाद सुन रहे जिलाधिकारी इस तरह नाराज हुए कि वरासत के मामले वर्षों तक लंबित रखने पर तीन लेखपालों को सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया. जिसमें करची के लेखपाल लल्लन राम को उन्होंने जनसुनवाई के दौरान ही सस्पेंड कर दिया. वहीं जनसुनवाई पोर्टल पर निस्तारित कई शिकायतों के स्थलीय सत्यापन के लिए जिलाधिकारी ने 10 से अधिक अधिकारियों की टीम भेजी. यह टीम रिपोर्ट देगी और अगर कहीं गलत निस्तारण किया गया मिला तो सम्बन्धित अधिकारी-कर्मचारी पर विभागीय कार्रवाई किया जाएगा.

संपूर्ण समाधान दिवस में कुल 99 मामले आए, जिनमें पांच का निस्तारण मौके पर कराया गया. वहीं शेष शिकायतों को संबंधित अधिकारियों को निस्तारण के लिए सौंपा गया. करची के शिकायतकर्ता रामाकांत ने प्रार्थना पत्र दिया कि उनका वारासत का मामला निस्तारित नहीं किया जा रहा है. इस पर जिलाधिकारी ने लेखपाल लल्लन राम को तलब किया. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर तत्काल सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया.

वहीं माल्देपुर निवासी हृदयनारायण राय ने भी छह वर्ष से वारासत रोके रखने की शिकायत की. इस बावत पूछताछ करने के बाद जिलाधिकारी ने पूर्व में वहां तैनात लेखपाल राजकुमार श्रीवास्तव और वर्तमान में तैनात हरेंद्र सिंह को निलंबित करने के लिए एसडीएम को निर्देशित किया. समाधान दिवस में अधिकारियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जनता की शिकायत हम सबकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. यदि कोई भी शिकायत आए, चाहे वह छोटी हो या बड़ी, पूरी गंभीरता से लें. अविवादित वरासत जैसे सामान्य मामले वर्षों तक लंबित रहना लेखपाल-कानूनगो की लापरवाही हैं. उन्होंने समस्त कानूनगो और लेखपाल को चेतावनी दी है कि विभागीय कार्रवाई से बचना है तो ऐसी लापरवाही से बाज आएं.

जिला अधिकारी के द्वारा पैमाइश संबंधी मामलों में लापरवाही पाए जाने पर डीएम श्रीहरि शाही ने पैमाइश से संबंधित वादों के निस्तारण की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने पाया कि अधिकांश मामलों में कानूनगो की रिपोर्ट तक नहीं लगी है. इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई और सभी कानूनगो का वेतन रोकने का आदेश जारी ​कर दिया. उन्होंने कहा कि यह वेतन तब तक नहीं मिलेगा, जब तक कि इनकी प्रगति में सुधार नहीं होगा.

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