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बलिया: आगामी त्योहारों को लेकर DM ने जारी किया दिशा-निर्देश

उत्तर प्रदेश के बलिया में आगामी त्योहारों को देखते हुए डीएम श्रीहरी प्रताप शाही ने निर्देश जारी किए हैं. डीएम के मुताबिक कार्यक्रमों के स्थान पर फर्श पर उचित दूरी पर गोला बनाने के साथ प्रवेश द्वार पर हैंड सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनिंग की सुविधा मुहैया कराना होगा. किसी अन्य चौराहे या सड़क पर कोई मूर्ति या ताजिया नहीं रखी जाएगी.

डीएम श्रीहरी प्रताप शाही.
डीएम श्रीहरी प्रताप शाही.
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Published : Oct 12, 2020, 8:54 AM IST

बलिया: जिले में आगामी त्योहारों को लेकर डीएम श्रीहरी प्रताप शाही ने बताया कि शासन की ओर से कोविड-19 के शर्तों के साथ ही त्योहारों को मनाया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया है कि कंटेनमेंट जोन में किसी भी त्योहार को नहीं मनाया जाएगा. न ही इस जोन से किसी आयोजक, कर्मचारी या विजिटर्स को किसी अन्य आयोजन में जाने की अनुमति होगी. जयंती, मेला, प्रतिमा स्थापना एवं विसर्जन, जागरण, रामलीला, प्रदर्शनी, रैली, जुलूस आदि के लिए पहले से जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति लेनी होगी. कार्यक्रम स्थल पर कोविड-19 से बचने के उपायों से संबंधित पोस्टर, बैनर लगाने के साथ ऑडियो व विजुअल से प्रचार-प्रसार भी कराने होंगे.

कार्यक्रम परिसर में ये सभी व्यवस्थाएं अनिवार्य

डीएम ने बताया कि पहले से जगह चिन्हित कर साइट प्लान तैयार कर लिया जाए, ताकि शारीरिक दूरी, थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजेशन के मानक का पालन हो सके. फर्श पर उचित दूरी पर गोला बनाने के साथ प्रवेश द्वार पर हैंड सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनिंग की सुविधा मुहैया कराना होगा. सभी को मास्क लगाना अनिवार्य होगा. कार्यक्रम परिसर में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था होगी, जिसमें डिस्पोजल कप या गिलास का प्रयोग किया जाएगा. प्रयोग हुए सामान फेस कवर या मास्क फेंकने के लिए कवर्ड डस्टबीन रखना होगा. बार-बार प्रयोग में आने वाले स्थान जैसे दरवाजे के हैंडल, बैरिकेडिंग, सीट, बेंच, बाथरूम की टोटी आदि की नियमित रूप से सोडियम हाइड्रोक्लोराइड से सफाई किया जाएगा. यह सब व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए वॉलिंटियर्स की तैनाती आयोजक द्वारा की जाएगी.

कार्यक्रम स्थल पर क्षमता से अधिक लोग नहीं रहें

कार्यक्रमों को लेकर डीएम ने बताया कि मूर्तियों की स्थापना पारंपरिक, लेकिन खाली स्थान पर की जाए तथा उनका आकार छोटा होना चाहिए. कार्यक्रम स्थल पर क्षमता से अधिक लोग नहीं रहें. किसी चौराहे या सड़क पर कोई मूर्ति या ताजिया नहीं रखी जाए. मूर्तियों के विसर्जन में छोटे वाहनों का प्रयोग किया जाए और कम से कम लोग शामिल हों. विसर्जन के लिए रूट प्लान, स्थल का चिन्हांकन, अधिकतम व्यक्तियों की संख्या का निर्धारण, शारीरिक दूरी का पालन जैसे बिंदुओं पर पहले से योजना बना ली जाए. रैली या विसर्जन, जो लंबी दूरी की हो उसमें एंबुलेंस की सेवा में भी प्राप्त की जा सकती है. कार्यक्रम के दौरान अगर कोई पॉजिटिव मिलता है, तो उसके आइसोलेट के लिए भी अलग व्यवस्था के निर्देश दिए.

अधिकतम 200 व्यक्तियों की अनुमति

डीएम श्री हरी प्रताप शाही ने बताया कि शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ 17 अक्टूबर को, महाअष्टमी 23 अक्टूबर को, महानवमी 24 अक्टूबर को, विजय दशमी दशहरा 25 अक्टूबर को, बारावफात 30 अक्टूबर, बाल्मीकि जयंती 31 अक्टूबर, धनतेरस 12 नवंबर, छोटी दीपावली 13 नवंबर को, बड़ी दीपावली 14 नवंबर को, गोवर्धन पूजा 15 नवंबर, भैयादूज 16 नवंबर और छठ पूजा 20 नवंबर को पड़ रही है. डीएम के मुताबिक रामलीला या दशहरा से संबंधित सामाजिक गतिविधियों में किसी भी बंद जगह या हाल में निर्धारित क्षमता के 50 प्रतिशत, लेकिन अधिकतम 200 व्यक्तियों तक की अनुमति होगी.

बलिया: जिले में आगामी त्योहारों को लेकर डीएम श्रीहरी प्रताप शाही ने बताया कि शासन की ओर से कोविड-19 के शर्तों के साथ ही त्योहारों को मनाया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया है कि कंटेनमेंट जोन में किसी भी त्योहार को नहीं मनाया जाएगा. न ही इस जोन से किसी आयोजक, कर्मचारी या विजिटर्स को किसी अन्य आयोजन में जाने की अनुमति होगी. जयंती, मेला, प्रतिमा स्थापना एवं विसर्जन, जागरण, रामलीला, प्रदर्शनी, रैली, जुलूस आदि के लिए पहले से जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति लेनी होगी. कार्यक्रम स्थल पर कोविड-19 से बचने के उपायों से संबंधित पोस्टर, बैनर लगाने के साथ ऑडियो व विजुअल से प्रचार-प्रसार भी कराने होंगे.

कार्यक्रम परिसर में ये सभी व्यवस्थाएं अनिवार्य

डीएम ने बताया कि पहले से जगह चिन्हित कर साइट प्लान तैयार कर लिया जाए, ताकि शारीरिक दूरी, थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजेशन के मानक का पालन हो सके. फर्श पर उचित दूरी पर गोला बनाने के साथ प्रवेश द्वार पर हैंड सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनिंग की सुविधा मुहैया कराना होगा. सभी को मास्क लगाना अनिवार्य होगा. कार्यक्रम परिसर में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था होगी, जिसमें डिस्पोजल कप या गिलास का प्रयोग किया जाएगा. प्रयोग हुए सामान फेस कवर या मास्क फेंकने के लिए कवर्ड डस्टबीन रखना होगा. बार-बार प्रयोग में आने वाले स्थान जैसे दरवाजे के हैंडल, बैरिकेडिंग, सीट, बेंच, बाथरूम की टोटी आदि की नियमित रूप से सोडियम हाइड्रोक्लोराइड से सफाई किया जाएगा. यह सब व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए वॉलिंटियर्स की तैनाती आयोजक द्वारा की जाएगी.

कार्यक्रम स्थल पर क्षमता से अधिक लोग नहीं रहें

कार्यक्रमों को लेकर डीएम ने बताया कि मूर्तियों की स्थापना पारंपरिक, लेकिन खाली स्थान पर की जाए तथा उनका आकार छोटा होना चाहिए. कार्यक्रम स्थल पर क्षमता से अधिक लोग नहीं रहें. किसी चौराहे या सड़क पर कोई मूर्ति या ताजिया नहीं रखी जाए. मूर्तियों के विसर्जन में छोटे वाहनों का प्रयोग किया जाए और कम से कम लोग शामिल हों. विसर्जन के लिए रूट प्लान, स्थल का चिन्हांकन, अधिकतम व्यक्तियों की संख्या का निर्धारण, शारीरिक दूरी का पालन जैसे बिंदुओं पर पहले से योजना बना ली जाए. रैली या विसर्जन, जो लंबी दूरी की हो उसमें एंबुलेंस की सेवा में भी प्राप्त की जा सकती है. कार्यक्रम के दौरान अगर कोई पॉजिटिव मिलता है, तो उसके आइसोलेट के लिए भी अलग व्यवस्था के निर्देश दिए.

अधिकतम 200 व्यक्तियों की अनुमति

डीएम श्री हरी प्रताप शाही ने बताया कि शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ 17 अक्टूबर को, महाअष्टमी 23 अक्टूबर को, महानवमी 24 अक्टूबर को, विजय दशमी दशहरा 25 अक्टूबर को, बारावफात 30 अक्टूबर, बाल्मीकि जयंती 31 अक्टूबर, धनतेरस 12 नवंबर, छोटी दीपावली 13 नवंबर को, बड़ी दीपावली 14 नवंबर को, गोवर्धन पूजा 15 नवंबर, भैयादूज 16 नवंबर और छठ पूजा 20 नवंबर को पड़ रही है. डीएम के मुताबिक रामलीला या दशहरा से संबंधित सामाजिक गतिविधियों में किसी भी बंद जगह या हाल में निर्धारित क्षमता के 50 प्रतिशत, लेकिन अधिकतम 200 व्यक्तियों तक की अनुमति होगी.

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