बलिया: जिला पंचायत के सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष और मुख्य विकास अधिकारी के खिलाफ शुक्रवार को मोर्चा खोल दिया है. आधा दर्जन से ज्यादा पंचायत सदस्यों का आरोप है कि जिले में दूसरी संस्थाओं द्वारा पूर्व में हुए कार्यों का दोबारा टेंडर जिला पंचायत से निकाला गया है. इसका भुगतान भी कर दिया गया है जिससे सरकारी रुपयों का घोटाला किया जा रहा है. वहीं, इस संदर्भ में जिला प्रशासन द्वारा एक जांच कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी इस पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी.
वित्तीय वर्ष 2018-19 समाप्ति की ओर है. ऐसे में जिला पंचायत द्वारा अंतिम समय में टेंडर निकालकर सड़कों का निर्माण कराने का दावा किया जा रहा है जिसको लेकर पिछले काफी दिनों से कई जिला पंचायत सदस्यों ने विरोध जताना शुरू कर दिया था. इस बीच जिला पंचायत की ओर से करीब 20 करोड़ रुपए की योजनाओं का एक टेंडर निकाला गया. टेंडर निकलने के साथ ही अनेक जिला पंचायत सदस्यों ने इसका विरोध दोबारा करना शुरू कर दिया.
विरोध करने वाले जिला पंचायत सदस्य चंद्र प्रकाश पांडे ने ईटीवी भारत को बताया कि वर्ष 2017-18 में भी जिला पंचायत द्वारा दूसरी संस्था द्वारा कराए गए कामों का टेंडर निकाला गया था जो बाद में कैंसिल हो गया. इसके बाद वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी दूसरी कार्यदायी संस्थाओं द्वारा कराए गए कार्यों पर जिला पंचायत ने टेंडर निकाला है जिसका सदस्यों ने विरोध किया और इसकी जांच की मांग उठाई है. बता दें कि जिले के सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में विभिन्न विभागों के टेक्निकल टीम के इंजीनियर इस मामले की जांच कर रहे हैं.
वहीं, इस पूरे प्रकरण को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष सुधीर पासवान का कहना है कि टेंडर को लेकर कुछ जिला पंचायत सदस्यों को आपत्ति है. इस संदर्भ में जांच चल रही है और इसे निपटा लिया जाएगा. इस पूरे मामले को लेकर जिले के मुख्य विकास अधिकारी बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि जिला पंचायत के सदस्यों नें टेंडर को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. इस संदर्भ में सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में एक जांच कमेटी बनाई गई है जो इस पूरे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट सौंपेंगे. उन्होंने कहा कि सदस्यों द्वारा दूसरी कार्यदायी संस्थाओं द्वारा कराए गए कार्यों पर जिला पंचायत से टेंडर निकालने की शिकायत की गई है।