बलिया: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. 26 जून को जिले में हुए सामूहिक विवाह में कई ऐसे जोड़ों ने शादी की, जो पहले से ही शादीशुदा थे. इन लोगों ने सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए दोबारा शादी रचा ली. मामला संज्ञान में आने पर जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने इन जोड़ों से रिकवरी करने के आदेश दिए हैं.
जानें क्या है दोबारा शादी का मामला
- सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना भी शामिल है.
- इस योजना में गरीब कन्याओं की सरकार द्वारा शादी कराई जाती है.
- गरीब कन्याओं के दाम्पत्य जीवन के लिए सरकार की ओर से एक मुश्त धनराशि भी दी जाती है.
- जिले में 26 जून को बैरिया इलाके के सिद्धपीठ खपड़िया बाबा के आश्रम संकीर्तन नगर श्रीपालपुर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का कार्यक्रम हुआ.
- 191 जोड़ों ने सामूहिक विवाह में एक दूसरे का जिंदगी भर के लिए हाथ थामा, जिनमें पांच मुस्लिम जोड़ों का भी निकाह हुआ था.
- इस कार्यक्रम में विभागीय अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण एक बड़ा फर्जीवाड़ा भी सामने आया है.
- कार्यक्रम में शादी करने वाले करीब 6 ऐसे जोड़े भी हैं, जो पहले से ही शादीशुदा है और सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के लिए दोबारा शादी कर ली.
जानें योजना में जोड़ों को क्या देती है सरकार
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के कार्यक्रम को समाज कल्याण विभाग आयोजित करता है. विभाग के द्वारा कन्या और वर पक्ष के रजिस्ट्रेशन होते हैं. ब्लाक और मुख्यालय स्तर पर इन जोड़ों की जांच होती है. विवाह में सरकार की ओर से कन्या के खाते में 35,000 रुपये सीधे ट्रांसफर होते हैं. साथ ही 10 हजार रुपयों के गहने और गृहस्थी का सामान दिया जाता है.
मामले का संज्ञान मुझे हुआ है. निश्चित ही अगर कोई जोड़ा पूर्व में ही शादीशुदा है तो उसका उत्तरदायित्व तय होगा और ऐसे जोड़ों से रिकवरी भी की जाएगी. इसके साथ-साथ ऐसे अधिकारी जिनका यह उत्तरदायित्व था कि पात्र जोड़ों का ही चयन किया जाना था, उनका भी उत्तरदायित्व तय किया जाएगा. साथ ही इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि भविष्य में ऐसी कोई बात सामने न आने पाए.
-भवानी सिंह खंगारौत, जिलाधिकारी