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बलिया: दिशाहीन हुई 'दिशा' की मीटिंग, BJP सांसद और विधायक आपस में उलझे

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक बार फिर सांसद और विधायक के बीच तीखी नोकझोंक देखी गई. कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक के दौरान बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह ने सांसद विरेंद्र सिंह मस्त पर दिशा (District Infrastructure Scheme Advisory) की बैठक में मनमानी करने का आरोप लगाया. वहीं सांसद का कहना है कि मीटिंग में जितने लोग होने चाहिए, उतने लोग ही आए हैं.

सांसद और विधायक के बीच तीखी नोकझोंक
सांसद और विधायक के बीच तीखी नोकझोंकसांसद और विधायक के बीच तीखी नोकझोंक
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Published : Jan 28, 2021, 11:07 AM IST

Updated : Jan 28, 2021, 3:41 PM IST

बलिया: जिले के कलेट्रेट सभागार में बुधवार को बैरिया विधायक और सांसद के बीच जबरदस्त नोकझोंक देखने को मिली. दरअसल, बुधवार की शाम को दिशा (District Infrastructure Scheme Advisory) की बैठक आयोजित की गई थी. इसी दौरान दिशा की मीटिंग छोड़ राज्यमंत्री आन्नद स्वरूप शुक्ला निकलते बने. इसके बाद बलिया डीएम और एसपी ने मीटिंग हाल से बाहर आकर मौजूद लोगों को फटकार लगाई और कहा कि यहां पंचायत नहीं बल्कि दिशा की बैठक हो रही है और यहां बैठक से सम्बंधित लोग ही हैं.

विधायक ने बैठक का किया बहिष्कार.

विधायक सुरेंद्र सिंह ने बलिया सांसद पर लगाए गम्भीर आरोप
वहीं इसके थोड़ी ही देर बाद ही बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह भी दिशा की मीटिंग का बहिष्कार कर चलते बने. विधायक सुरेंद्र सिंह ने बलिया सांसद पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि दिशा की मीटिंग के अध्यक्ष जिसको चाहते हैं, उसको ही मीटिंग में बैठाते हैं. दिशा की बैठक में बैठने के लिए एक सूची बनती है, जहां अध्यक्ष द्वारा मनमानी करते हुए अनावश्यक लोगों को बैठाया जा रहा है. वहीं अध्यक्ष को बेईमान बताते हुए शिवबाबू के शिपपुर स्थित 25 बीघा खेत हड़पने का आरोप भी लगाया.

सांसद विरेन्द्र सिंह मस्त बोले - नहीं होने दूंगा गलत काम

वहीं इस संबंध में सांसद विरेन्द्र सिंह मस्त ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. मीटिंग की एक व्यवस्था होती है. हमने कहा कि सभी विभाग के लोग समीक्षा प्रस्तुत करें फिर विधायक अपनी बात कहें. इस पर विधायक ने अधिकारियों पर गलत काम करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया. मैं इस मीटिंग का चेयरमैन हूं, मेरा विशेषाधिकार है. मैं ऐसा गलत काम नहीं होने दूंगा. विधायक के आरोप हमारे ऊपर आरोपित नहीं हो सकते. मेरे जानकारी के लिए जितने लोग होने चाहिए, उतने लोग मीटिंग हॉल में आए हैं.

क्या है दिशा (District Infrastructure Scheme Advisory)

प्रत्येक जिले में स्थानीय लोकसभा सदस्य की अध्यक्षता में निगरानी समितियां गठित की गई हैं. यह दिशा समितियां जिला स्तर पर डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत सहित 28 प्रमुख योजनाओं की निगरानी करती हैं. इन समितियों का गणन प्रदेश के सभी जिलों में किया गया है. इसमें सभी राजनीतिक दलों के सांसद, विधायक और अन्य प्रतिनिधि होंगे. बता दें कि जिला सतर्कता और निगरानी समिति का पुनर्गठन जिला अधोसंरचना योजना सलाहकार समितियों (DISHA) के रूप में किया गया है.

बलिया: जिले के कलेट्रेट सभागार में बुधवार को बैरिया विधायक और सांसद के बीच जबरदस्त नोकझोंक देखने को मिली. दरअसल, बुधवार की शाम को दिशा (District Infrastructure Scheme Advisory) की बैठक आयोजित की गई थी. इसी दौरान दिशा की मीटिंग छोड़ राज्यमंत्री आन्नद स्वरूप शुक्ला निकलते बने. इसके बाद बलिया डीएम और एसपी ने मीटिंग हाल से बाहर आकर मौजूद लोगों को फटकार लगाई और कहा कि यहां पंचायत नहीं बल्कि दिशा की बैठक हो रही है और यहां बैठक से सम्बंधित लोग ही हैं.

विधायक ने बैठक का किया बहिष्कार.

विधायक सुरेंद्र सिंह ने बलिया सांसद पर लगाए गम्भीर आरोप
वहीं इसके थोड़ी ही देर बाद ही बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह भी दिशा की मीटिंग का बहिष्कार कर चलते बने. विधायक सुरेंद्र सिंह ने बलिया सांसद पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि दिशा की मीटिंग के अध्यक्ष जिसको चाहते हैं, उसको ही मीटिंग में बैठाते हैं. दिशा की बैठक में बैठने के लिए एक सूची बनती है, जहां अध्यक्ष द्वारा मनमानी करते हुए अनावश्यक लोगों को बैठाया जा रहा है. वहीं अध्यक्ष को बेईमान बताते हुए शिवबाबू के शिपपुर स्थित 25 बीघा खेत हड़पने का आरोप भी लगाया.

सांसद विरेन्द्र सिंह मस्त बोले - नहीं होने दूंगा गलत काम

वहीं इस संबंध में सांसद विरेन्द्र सिंह मस्त ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. मीटिंग की एक व्यवस्था होती है. हमने कहा कि सभी विभाग के लोग समीक्षा प्रस्तुत करें फिर विधायक अपनी बात कहें. इस पर विधायक ने अधिकारियों पर गलत काम करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया. मैं इस मीटिंग का चेयरमैन हूं, मेरा विशेषाधिकार है. मैं ऐसा गलत काम नहीं होने दूंगा. विधायक के आरोप हमारे ऊपर आरोपित नहीं हो सकते. मेरे जानकारी के लिए जितने लोग होने चाहिए, उतने लोग मीटिंग हॉल में आए हैं.

क्या है दिशा (District Infrastructure Scheme Advisory)

प्रत्येक जिले में स्थानीय लोकसभा सदस्य की अध्यक्षता में निगरानी समितियां गठित की गई हैं. यह दिशा समितियां जिला स्तर पर डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत सहित 28 प्रमुख योजनाओं की निगरानी करती हैं. इन समितियों का गणन प्रदेश के सभी जिलों में किया गया है. इसमें सभी राजनीतिक दलों के सांसद, विधायक और अन्य प्रतिनिधि होंगे. बता दें कि जिला सतर्कता और निगरानी समिति का पुनर्गठन जिला अधोसंरचना योजना सलाहकार समितियों (DISHA) के रूप में किया गया है.

Last Updated : Jan 28, 2021, 3:41 PM IST
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