बलिया: प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन बलिया के बेरुआरबारी शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय करमपुर के प्रधानाध्यापक ने अपनी नई सोच और कुछ नया करने के लिए परिषदीय स्कूलों को कॉन्वेंट स्कूल की तर्ज पर लाने का अनोखा प्रयास किया है.
बच्चों का भविष्य संवारना ही लक्ष्य-
यहां बच्चों को प्रतिदिन प्रार्थना के बाद पीटी और स्काउट क्लैप सिखाए जाते हैं. विद्यालय के 119 बच्चों के भविष्य संवारने की जिम्मेदारी एक प्रधानाध्यापक और 2 सहायक अध्यापकों के कंधों पर है, जो जी जान लगाकर बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि जागृत करने में मेहनत करते हैं.
कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर नो बैग डे-
इस परिषदीय विद्यालय में छात्र छात्राओं को कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर बुधवार और शनिवार को स्पोर्ट्स ड्रेस पहनना होता है. शनिवार का दिन इन बच्चों के लिए नो बैग डे के तौर पर होता है. विद्यालय के सभी बच्चे विभिन्न प्रकार की एक्टिविटी और स्पोर्ट्स मे प्रतिभाग करते हैं.
खेल के साथ -साथ सामान्य ज्ञान भी जरुरी-
बच्चों को इनडोर और आउटडोर गेम के साथ साथ सामान्य ज्ञान जानकारी भी दी जाती है. प्रत्येक बच्चों को किसी न किसी स्पोर्ट्स में प्रतिभाग करना अनिवार्य है जिससे उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास हो सके.
नया ड्रेस मिलने से खुश है और मन लगाकर पढ़ाई भी करती है. बड़े होकर डॉक्टर बनना चाहती हूं.
-ऋतु ,कक्षा पांच की छात्रा
अंग्रेजी स्कूलों में ऐसे कपड़े बच्चे पहनते थे. सरकारी स्कूल के बच्चे भी ऐसे कपड़े पहन रहे हैं. आज बहुत खुशी हो रही है कि बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ रहे हैं.
-कमलेश्वरी,अभिभावक
हम अपने स्कूल के बच्चों को कान्वेंट स्कूल की सारी सुविधाएं देना चाहते हैं, जिससे परिषदीय स्कूलों के बच्चों में भी शिक्षा के प्रति और बढ़ती प्रतिस्पर्धा में खुद को साबित करने का अवसर मिले. नए ड्रेस पाकर सभी बच्चे काफी खुश हैं.
-उमेश कुमार सिंह,प्रधानाध्यापक