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बलिया: ऋषि कपूर की यादें- वरिष्ठ रंगकर्मी ने जब 'चांदनी' देखने के लिए 10 दिन बाद भी ब्लैक में खरीदे थे टिकट

देश में लॉकडाउन लागू है इस दौरान बॉलीवुड के दो अभिनेताओं ने भी एक के बाद एक इस दुनिया को अलविदा कह दिया. इन दोनों अभिनेताओं इरफान खान और ऋषि कपूर से जुड़ी यादों को लेकर बलिया के वरिष्ठ रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने ईटीवी भारत से बात-चीत की.

वरिष्ठ रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने ईटीवी भारत से की बात-चीत.
वरिष्ठ रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने ईटीवी भारत से की बात-चीत.
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Published : May 1, 2020, 12:05 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

बलिया: बॉलीवुड की दो बड़ी हस्तियां एक के बाद एक दुनिया को अलविदा कह गईं. बुधवार को अभिनेता इरफान खान की मृत्यु हुई, जबकि गुरुवार को मशहूर अभिनेता ऋषि कपूर का देहांत हो गया. इन दोनों की असमय मृत्यु से पूरे बॉलीवुड के साथ उनके चाहने वालों को जोरदार धक्का लगा है. बलिया के वरिष्ठ रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने इरफान खान के संवाद कार्यक्रम की यादें और ऋषि कपूर का युवाओं में क्रेज को लेकर अपनी यादें ईटीवी भारत के साथ साझा की.

वरिष्ठ रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने ईटीवी भारत से की बात-चीत.
'इरफान एक्टिंग का स्कूल थे'
आशीष त्रिवेदी ने बताया कि इरफान खान एक ऐसी शख्सियत थे जिनका पूरा शरीर ही अपने आप में एक अभिनय था. उन्होंने बताया कि नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में लोगों को एक्टिंग की बारीकियां सिखाई जाती हैं, लेकिन इरफान खान एक ऐसे अभिनेता रहे जिनके अंदर यह खूबियां बचपन से रही हैं. आशीष बताते हैं कि साल 2016 में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एक संवाद कार्यक्रम में इरफान खान बतौर मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में वह भी मौजूद रहे. इरफान मंच से लोगों को एक्टिंग की कुछ बारीकियां बता रहे थे. एक साधारण कद काठी का इंसान जिस तरह से अपने अंदर के कलाकार की बातों को लोगों के सामने रख रहा था, मानो वह एक एक्टिंग का स्कूल हो.

'मैथर्ड एक्टिंग को फॉलो करते थे इरफान'
मात्र 54 वर्ष की आयु में बॉलीवुड में मुकाम स्थापित कर चुके इरफान खान के अभिनय का हर भारतीय दीवाना है. उनके एक्टिंग, संवाद लोगों के दिलों में जगह बना लेते है. वरिष्ठ रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने बताया कि इरफान खान मैथर्ड एक्टिंग को फॉलो करते थे, जिसमें इंसान का पूरा शरीर अभिनय करता था. एक्टर जो मन में सोचता है वह सारी चीजें उसका शरीर ही बयां करता है. उन्होंने कहा कि हम लोग उम्मीद कर रहे थे कि वह जल्द से जल्द बीमारी से ठीक होकर एक नई ऊर्जा के साथ फिल्म इंडस्ट्री में आएंगे. उनसे बहुत कुछ सीखने का और मौका मिलेगा, लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था. 29 अप्रैल 2020 को पूरे देश को चौंकाने वाला समाचार मिला. सभी लोग स्तब्ध रह गए. उनकी भरपाई होना संभव नहीं है क्योंकि ऐसा कलाकार बनने में कई दशक लग जाते हैं.

'ऋषि कपूर ने कहा दुनिया को अलविदा'
30 अप्रैल 2020 हिंदी सिनेमा जगत का एक और चर्चित चेहरा दुनिया को अलविदा कह गया. ऋषि कपूर वह शख्सियत थे जो 80 और 90 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में अमिताभ बच्चन जैसे महान एक्टर से टक्कर लेते थे. साल 1974 में बॉबी फिल्म के लिए ही उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड मिला. जिसके बाद ऋषि कपूर एक से बढ़कर एक हिट फिल्म देते रहे. रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने बताया कि उस दौर में ऋषि कपूर के चाहने वाले केवल लड़कियां ही नहीं लड़के भी होते थे. उनकी फिल्में लोगों को घरों से खींचकर थिएटर पर जाने को मजबूर कर देती थी. ऋषि कपूर की विशेषता थी कि युवा खुद में उनका चेहरा देखते थे. यही कारण है कि उम्र के इस पड़ाव में भी उनकी फैन फॉलोइंग कम नहीं हुई थी. ऋषि कपूर ने अपने फिल्मी कैरियर में एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी. प्रेम फिल्म ने उनको एक्टिंग की बुलंदियों पर पहुंचा दिया.

'ब्लैक में खरीदा था टिकट'

आशीष ने उनकी फिल्मों से जुड़ी रोचक बातें ईटीवी भारत से साझा करते हुए कहा कि चांदनी फिल्म बलिया के नारायणी सिनेमा हॉल के लिए पहली फिल्म थी. यह फिल्म युवाओं को थिएटर पर खींच लाई. आशीष ने बताया कि उस दौरान सभी की ख्वाइश होती थी कि पहले दिन पहला शो देखें, लेकिन शुरुआत के 16 दिन सिनेमा हॉल हाउसफुल रहा. दसवें दिन ब्लैक में टिकट खरीद कर उन्होंने फिल्म देखी. चाहे इरफान खान हों या ऋषि कपूर इन दोनों की कमी न केवल फिल्म इंडस्ट्री बल्कि पूरे भारत देश को खलेगी.

बलिया: बॉलीवुड की दो बड़ी हस्तियां एक के बाद एक दुनिया को अलविदा कह गईं. बुधवार को अभिनेता इरफान खान की मृत्यु हुई, जबकि गुरुवार को मशहूर अभिनेता ऋषि कपूर का देहांत हो गया. इन दोनों की असमय मृत्यु से पूरे बॉलीवुड के साथ उनके चाहने वालों को जोरदार धक्का लगा है. बलिया के वरिष्ठ रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने इरफान खान के संवाद कार्यक्रम की यादें और ऋषि कपूर का युवाओं में क्रेज को लेकर अपनी यादें ईटीवी भारत के साथ साझा की.

वरिष्ठ रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने ईटीवी भारत से की बात-चीत.
'इरफान एक्टिंग का स्कूल थे'आशीष त्रिवेदी ने बताया कि इरफान खान एक ऐसी शख्सियत थे जिनका पूरा शरीर ही अपने आप में एक अभिनय था. उन्होंने बताया कि नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में लोगों को एक्टिंग की बारीकियां सिखाई जाती हैं, लेकिन इरफान खान एक ऐसे अभिनेता रहे जिनके अंदर यह खूबियां बचपन से रही हैं. आशीष बताते हैं कि साल 2016 में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एक संवाद कार्यक्रम में इरफान खान बतौर मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में वह भी मौजूद रहे. इरफान मंच से लोगों को एक्टिंग की कुछ बारीकियां बता रहे थे. एक साधारण कद काठी का इंसान जिस तरह से अपने अंदर के कलाकार की बातों को लोगों के सामने रख रहा था, मानो वह एक एक्टिंग का स्कूल हो.

'मैथर्ड एक्टिंग को फॉलो करते थे इरफान'
मात्र 54 वर्ष की आयु में बॉलीवुड में मुकाम स्थापित कर चुके इरफान खान के अभिनय का हर भारतीय दीवाना है. उनके एक्टिंग, संवाद लोगों के दिलों में जगह बना लेते है. वरिष्ठ रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने बताया कि इरफान खान मैथर्ड एक्टिंग को फॉलो करते थे, जिसमें इंसान का पूरा शरीर अभिनय करता था. एक्टर जो मन में सोचता है वह सारी चीजें उसका शरीर ही बयां करता है. उन्होंने कहा कि हम लोग उम्मीद कर रहे थे कि वह जल्द से जल्द बीमारी से ठीक होकर एक नई ऊर्जा के साथ फिल्म इंडस्ट्री में आएंगे. उनसे बहुत कुछ सीखने का और मौका मिलेगा, लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था. 29 अप्रैल 2020 को पूरे देश को चौंकाने वाला समाचार मिला. सभी लोग स्तब्ध रह गए. उनकी भरपाई होना संभव नहीं है क्योंकि ऐसा कलाकार बनने में कई दशक लग जाते हैं.

'ऋषि कपूर ने कहा दुनिया को अलविदा'
30 अप्रैल 2020 हिंदी सिनेमा जगत का एक और चर्चित चेहरा दुनिया को अलविदा कह गया. ऋषि कपूर वह शख्सियत थे जो 80 और 90 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में अमिताभ बच्चन जैसे महान एक्टर से टक्कर लेते थे. साल 1974 में बॉबी फिल्म के लिए ही उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड मिला. जिसके बाद ऋषि कपूर एक से बढ़कर एक हिट फिल्म देते रहे. रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने बताया कि उस दौर में ऋषि कपूर के चाहने वाले केवल लड़कियां ही नहीं लड़के भी होते थे. उनकी फिल्में लोगों को घरों से खींचकर थिएटर पर जाने को मजबूर कर देती थी. ऋषि कपूर की विशेषता थी कि युवा खुद में उनका चेहरा देखते थे. यही कारण है कि उम्र के इस पड़ाव में भी उनकी फैन फॉलोइंग कम नहीं हुई थी. ऋषि कपूर ने अपने फिल्मी कैरियर में एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी. प्रेम फिल्म ने उनको एक्टिंग की बुलंदियों पर पहुंचा दिया.

'ब्लैक में खरीदा था टिकट'

आशीष ने उनकी फिल्मों से जुड़ी रोचक बातें ईटीवी भारत से साझा करते हुए कहा कि चांदनी फिल्म बलिया के नारायणी सिनेमा हॉल के लिए पहली फिल्म थी. यह फिल्म युवाओं को थिएटर पर खींच लाई. आशीष ने बताया कि उस दौरान सभी की ख्वाइश होती थी कि पहले दिन पहला शो देखें, लेकिन शुरुआत के 16 दिन सिनेमा हॉल हाउसफुल रहा. दसवें दिन ब्लैक में टिकट खरीद कर उन्होंने फिल्म देखी. चाहे इरफान खान हों या ऋषि कपूर इन दोनों की कमी न केवल फिल्म इंडस्ट्री बल्कि पूरे भारत देश को खलेगी.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
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