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जिला अस्पताल में इंजेक्शन लगाने से मासूम की मौत

बलिया जिला अस्पताल में इंजेक्शन लगाने से एक 10 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

10 year old boy dies due to injection
बलिया जिला अस्पताल में इंजेक्शन लगाने से मासूम की मौत.
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Published : Jan 29, 2021, 8:57 PM IST

बलिया : जिला अस्पताल में शुक्रवार को घोर लापरवाही देखने को मिली. यहां पर इलाज के समय इंजेक्शन लगाते ही 10 वर्षीय मासूम की मौत हो गई. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. अचानक हुई घटना से बच्चे के माता-पिता सदमे में हैं. इस मामले में सीएमएस ने बताया कि घटना की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होगी. मृतक बच्चे का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है.

सीएमएस ने जांच के दिए आदेश.

क्या है पूरा मामला
बैरिया थाना क्षेत्र के दयाछपरा गांव के रहने वाले अखिलेश ने बताया कि 3 दिन पहले हमारे बच्चे को गिरने की वजह से पैर में चोट लगी थी, जिसका इलाज कराने के लिए जिला अस्पताल में आए थे. यहां बच्चे के पैर का प्लास्टर किया गया था. प्लास्टर के बाद बच्चे को पैर में खुजली होने लगी तो परिजन बच्चे को दोबारा जिला अस्पताल में प्लास्टर को कटवाने के लिए लेकर आए. यहां चिकित्सकों ने बच्चे की तमाम जांच करवाई और इसके बाद बच्चे के प्लास्टर को काटा.

चिकित्सकों ने परिजनों से लगभग आठ सौ रुपये की दवा जिला अस्पताल के बाहर से मंगाई. इसी दौरान जिला अस्पताल के इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक के द्वारा इंजेक्शन लगाया गया, जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई.

सीएमएस ने जांच का दिया आश्वासन
इस मामले में जिला अस्पताल के सीएमएस ने कहा कि बच्चा मर चुका है. उसके शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद ही मौत के कारण का पता चल पाएगा. वहीं बाहर से दवा लिखे जाने के मामले पर कहा कि अस्पताल के चिकित्सकों को बाहर की दवा लिखे जाने के लिए सख्त माना किया गया है. अस्पताल में सारी दवाएं मौजूद हैं. यदि ऐसा कुछ है तो जांच किया जाएगा.

बलिया : जिला अस्पताल में शुक्रवार को घोर लापरवाही देखने को मिली. यहां पर इलाज के समय इंजेक्शन लगाते ही 10 वर्षीय मासूम की मौत हो गई. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. अचानक हुई घटना से बच्चे के माता-पिता सदमे में हैं. इस मामले में सीएमएस ने बताया कि घटना की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होगी. मृतक बच्चे का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है.

सीएमएस ने जांच के दिए आदेश.

क्या है पूरा मामला
बैरिया थाना क्षेत्र के दयाछपरा गांव के रहने वाले अखिलेश ने बताया कि 3 दिन पहले हमारे बच्चे को गिरने की वजह से पैर में चोट लगी थी, जिसका इलाज कराने के लिए जिला अस्पताल में आए थे. यहां बच्चे के पैर का प्लास्टर किया गया था. प्लास्टर के बाद बच्चे को पैर में खुजली होने लगी तो परिजन बच्चे को दोबारा जिला अस्पताल में प्लास्टर को कटवाने के लिए लेकर आए. यहां चिकित्सकों ने बच्चे की तमाम जांच करवाई और इसके बाद बच्चे के प्लास्टर को काटा.

चिकित्सकों ने परिजनों से लगभग आठ सौ रुपये की दवा जिला अस्पताल के बाहर से मंगाई. इसी दौरान जिला अस्पताल के इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक के द्वारा इंजेक्शन लगाया गया, जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई.

सीएमएस ने जांच का दिया आश्वासन
इस मामले में जिला अस्पताल के सीएमएस ने कहा कि बच्चा मर चुका है. उसके शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद ही मौत के कारण का पता चल पाएगा. वहीं बाहर से दवा लिखे जाने के मामले पर कहा कि अस्पताल के चिकित्सकों को बाहर की दवा लिखे जाने के लिए सख्त माना किया गया है. अस्पताल में सारी दवाएं मौजूद हैं. यदि ऐसा कुछ है तो जांच किया जाएगा.

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