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छठ पर्व: जानिए नहाय-खाय में क्यों खाई जाती है लौकी की सब्जी

चार दिन तक चलने वाली छठ पूजा गुरुवार से शुरू हो गई है. इसे लेकर बिहार से सटे पूर्वांचल के जिलों में खासा उत्साह है. पहले दिन नहाय-खाय में लौकी की सब्जी खाई जाती है. देखिए बलिया से यह स्पेशल रिपोर्ट...

जानिए नहाय-खाय में क्यों खाई जाती है लौकी की सब्जी.
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Published : Oct 31, 2019, 11:41 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

बलिया: बिहार से सटे पूर्वांचल के जिलों में छठ पूजा को लेकर लोगों में खासा उत्साह है. नहाय-खाय के साथ ही 4 दिन तक चलने वाले इस महापर्व की शुरुआत गुरुवार से हो गई. पहले दिन जहां महिलाएं घर की साफ सफाई करती हैं. वहीं खाने में लौकी और चने की दाल का सेवन करती हैं. लौकी खाने को लेकर महिलाओं ने इसे शुद्ध सब्जी बताया. वहीं डॉक्टरों ने लौकी में पानी को रोके रहने की क्षमता होने की वजह से इसे इस कठिन व्रत में खाने की बात बताई.

देखें वीडियो.


80 रुपये किलो बिकी लौकी
कुछ दिनों पहले देश में प्याज बढ़ते दाम से लोगों के आंसू निकल रहे थे. वहीं अब छठ पूजा को लेकर बाजार में सब्जियों के दाम आसमान में पहुंच गए. 4 दिन तक चलने वाले इस छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है, जिसमें लौकी की सब्जी खाई जाती है. छठ पर्व को देखते हुए लौकी के दाम भी आसमान छूने लगे. त्योहार से पहले एक लौकी की कीमत 20 से 25 रुपये थी जो छठ पर्व में 70 से 80 रुपये प्रति लौकी हो गई है.

लौकी शुद्ध और सात्विक होता है. इसके खाने से शरीर ठंडा रहता है और मन को भी शांति मिलती है.
-चंदा देवी, स्थानीय महिला


ये भी पढ़ें: अब इस जन्म में मुख्यमंत्री बनने का सपना न देखें मायावती: विधायक सुरेंद्र सिंह

छठ पर्व का व्रत काफी कठिन होता है. महिलाएं इस व्रत को अपने परिवार के सुख समृद्धि और बच्चों के उन्नति के लिए रखती है. व्रत से एक या दो दिन पहले यदि लौकी का सेवन करते हैं तो जो महिलाएं व्रत रहती हैं, उनको काफी फायदा होता है क्योंकि लौकी के अंदर वॉटर होल्डिंग कैपेसिटी काफी ज्यादा मात्रा में होती है, जो शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता. पानी की मात्रा शरीर में कम नहीं होने से व्रत रहने वाली महिलाओं को कमजोरी भी महसूस नहीं होगी. यही कारण है कि छठ पर्व में पहले दिन नहाय-खाय में लौकी की सब्जी खाई जाती है.
-रितेश सोनी, डॉक्टर, जिला अस्पताल बलिया

बलिया: बिहार से सटे पूर्वांचल के जिलों में छठ पूजा को लेकर लोगों में खासा उत्साह है. नहाय-खाय के साथ ही 4 दिन तक चलने वाले इस महापर्व की शुरुआत गुरुवार से हो गई. पहले दिन जहां महिलाएं घर की साफ सफाई करती हैं. वहीं खाने में लौकी और चने की दाल का सेवन करती हैं. लौकी खाने को लेकर महिलाओं ने इसे शुद्ध सब्जी बताया. वहीं डॉक्टरों ने लौकी में पानी को रोके रहने की क्षमता होने की वजह से इसे इस कठिन व्रत में खाने की बात बताई.

देखें वीडियो.


80 रुपये किलो बिकी लौकी
कुछ दिनों पहले देश में प्याज बढ़ते दाम से लोगों के आंसू निकल रहे थे. वहीं अब छठ पूजा को लेकर बाजार में सब्जियों के दाम आसमान में पहुंच गए. 4 दिन तक चलने वाले इस छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है, जिसमें लौकी की सब्जी खाई जाती है. छठ पर्व को देखते हुए लौकी के दाम भी आसमान छूने लगे. त्योहार से पहले एक लौकी की कीमत 20 से 25 रुपये थी जो छठ पर्व में 70 से 80 रुपये प्रति लौकी हो गई है.

लौकी शुद्ध और सात्विक होता है. इसके खाने से शरीर ठंडा रहता है और मन को भी शांति मिलती है.
-चंदा देवी, स्थानीय महिला


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छठ पर्व का व्रत काफी कठिन होता है. महिलाएं इस व्रत को अपने परिवार के सुख समृद्धि और बच्चों के उन्नति के लिए रखती है. व्रत से एक या दो दिन पहले यदि लौकी का सेवन करते हैं तो जो महिलाएं व्रत रहती हैं, उनको काफी फायदा होता है क्योंकि लौकी के अंदर वॉटर होल्डिंग कैपेसिटी काफी ज्यादा मात्रा में होती है, जो शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता. पानी की मात्रा शरीर में कम नहीं होने से व्रत रहने वाली महिलाओं को कमजोरी भी महसूस नहीं होगी. यही कारण है कि छठ पर्व में पहले दिन नहाय-खाय में लौकी की सब्जी खाई जाती है.
-रितेश सोनी, डॉक्टर, जिला अस्पताल बलिया

Intro:बिहार से सटे पूर्वाचल के जिलों में छठ पूजा को लेकर लोगों में खासा उत्साह है नहाए खाए के साथ ही 4 दिन तक चलने वाले इस महापर्व की शुरुआत हो गई है पहले दिन जहां महिलाएं घर की साफ सफाई करती है वही खाने में लौकी और चने की दाल का सेवन करती है लौकी खाने को लेकर महिलाओं ने इसे शुद्ध सब्जी बताया तो वहीं चिकित्सकों ने लौकी में पानी को रोके रहने की क्षमता होने की वजह से इसे इस कठिन व्रत में खाने की बात बताई


Body:भास्कर भगवान की उपासना का महापर्व छठ पूजा 31 अक्टूबर से शुरू हो गया पहले दिन नहाए खाए के साथ इस पर्व को लोग धूमधाम से मना रहे हैं जहां महिलाएं घर की साफ सफाई करती हैं आज के दिन घर में लौकी की सब्जी चने का दाल और चावल पकाकर खाया जाता है दूसरे दिन खरना का पर्व होता है जहां घर के सभी सदस्य खीर और रोटी खाते हैं

80 रुपये किलो बिका लौकी

कुछ दिनों पहले देश में प्याज बढ़ते दाम से लोगों के आंसू निकल रहे थे वहीं अब छठ पूजा को लेकर बाजार में सब्जियों के दाम आसमान में पहुंच गए 4 दिन तक चलने वाले इस छठ पर्व की शुरुआत नहाए खाए के साथ होती है जिसमें लौकी की सब्जी खाई जाती है छठ पर्व को देखते हुए लौकी के दाम भी आसमान छूने लगे त्यौहार से पहले एक लौकी की कीमत 20 से ₹25 थी जो छठ पर्व में 70 से ₹80 प्रति लोकी हो गई है

नहाए खाए में खासतौर पर लौकी की सब्जी बनाई जाती है जिसको लेकर स्थानीय महिला चंदा देवी बताती हैं कि लोकी शुद्ध और सात्विक होता है इसके खाने से शरीर ठंडा रहता है और मन को भी शांति मिलती है


Conclusion:छठ पर्व का व्रत काफी कठिन होता है महिलाएं इस व्रत को अपने परिवार के सुख समृद्धि और बच्चों के उन्नति के लिए रखती है नहाए खाए में लौकी खाने के पीछे चिकित्सा विज्ञान भी तर्क है जिला चिकित्सालय के चिकित्सक डॉ रितेश सोनी ने बताया कि
व्रत से एक या दो दिन पहले यदि लौकी का सेवन करते हैं तो जो महिलाएं व्रत रहती हैं उनको काफी फायदा होता है क्योंकि लौकी के अंदर वॉटर होल्डिंग कैपेसिटी काफी ज्यादा मात्रा में होती है जो शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता पानी की मात्रा शरीर में कम नहीं होने से व्रत रहने वाली महिलाओं को कमजोरी भी महसूस नहीं होगी यही कारण है कि छठ पर्व में पहले दिन नहाए खाए में लौकी की सब्जी खाई जाती है


बाइट1--चंदा देवी---स्थानीय महिला
बाइट2--डॉ रितेश सोनी---चिकित्सक ,जिला अस्पताल, बलिया

प्रशान्त बनर्जी
बलिया
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
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