बलिया: स्कूल शिक्षा का मंदिर होता है, लेकिन जिले के एक स्कूल में शिक्षा के मंदिर को जानवरों का तबेला बना दिया गया है. स्कूल परिसर में लोगों ने अपने मवेशी बंध दिए हैं. इतना ही नहीं पूरे स्कूल परिसर में जहां तहां गंदगी का अंबार भी दिखाई दे रहा है. इतना ही नहीं प्राथमिक विद्यालय की कक्षाओं में बच्चों के पढ़ने की जगह कुछ परिवार आशय बनाकर रह रहे हैं. बताया जा रहा है कि यह सभी लोग बाढ़ पीड़ित है, और सितंबर माह से यहां पर रुके हुए हैं.
स्कूल की कक्षाओं में रहते हैं कई परिवार
स्कूल की कक्षाओं में रह रही ग्रामीण महिला ने बताया कि हम लोगों का घर बाढ़ में डूब गया था, तभी से हम लोग यहां स्कूल में रह रहे हैं. यहां पर कई परिवार रहते हैं. कुछ लोग पानी कम होने की वजह से वापस अपने घर चले गए हैं. लेकिन उनके जानवर यहां पर बंधे हुए हैं. वह लोग दिन में आकर यहां पर खाना देकर चले जाते हैं. रात भर हम लोग उनकी निगरानी भी करते हैं और यहीं पर रहते हैं. बाढ़ पीड़ित महिला ने बताया कि मकर संक्रांति के बाद मैं यहां से जाऊंगी.
स्कूल की सहायक अध्यापिका नीतू सिंह ने बताया कि बाढ़ के कारण स्कूल बंद था. जब स्कूल खुला हम लोग आए तो देखें कि यहां पर गाय बंधे हुए हैं और कुछ लोग रह रहे हैं. स्कूल की बाउंड्री भी नहीं है. सितंबर महीने से यह लोग यहां पर है. स्कूल जब चलता है तो यह लोग दूसरी ओर रहते हैं. अभी शीतलहर है स्कूल बंद है इसलिए ये लोग सभी कक्षाओं में आकर रह रहे हैं.
लोगों के माध्यम से यह मामला संज्ञान में आया है. संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी से इस मामले में जानकारी ली जाएगी. पूरी हकीकत जानकर इसकी आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गये. जिसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी समय-समय पर निरीक्षण करते हैं. उन्हें 40 विद्यालयों के निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई है. हो सकता है खंड शिक्षा अधिकारी ने इस विद्यालय का निरीक्षण नहीं किया हो.
शिव नारायण सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी