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बलिया: इलाज के दौरान छात्रा की मौत, पिता ने डीएम से लगाई न्याय की गुहार

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की एक बीमार छात्रा की इलाज के दौरान मौत हो गई. परिजनों ने विद्यालय प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

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पिता ने डीएम से लगाई न्याय की गुहार.
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Published : Dec 3, 2019, 2:46 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST

बलिया: जिले के गड़वार थाना के रतसर गांव स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की एक छात्रा संदिग्ध परिस्थिति में बीमार हो गई, जिसके बाद 29 नवंबर को इलाज के दौरान गोरखपुर के नेहरू हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गई. छात्रा के परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर छात्रा के साथ भेदभाव करने और उसे ठीक से खाना न देने का आरोप लगाया है. मृतका के पिता ने जिलाधिकारी से इस मामले में न्याय की गुहार लगाई है.

पिता ने डीएम से लगाई न्याय की गुहार.
  • अंकिता कक्षा सात में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में पढ़ती थी.
  • पिता ने आरोप लगाया कि 19 नवंबर की रात उसकी बेटी स्कूल से घर पहुंची.
  • स्कूल में उसके साथ किए जा रहे भेदभाव और ठंड में बाहर खड़ा करने की बात बताई.
  • इसी बीच अंकिता की तबीयत खराब हो गई.
  • गोरखपुर के नेहरू हॉस्पिटल में इलाज के दौरान अंकिता की मौत हो गई.
  • मृतक अंकिता के पिता ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है.

ये भी पढ़ें- मासूम भाई का रखना पड़ता था ध्यान, इसलिए बहनों ने कर दी हत्या

बड़ी उम्मीद से मैंने अपनी बेटी का नाम कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में लिखवाया था, लेकिन वहां मेरी बेटी के साथ भेदभाव और कच्चा पक्का खाना खिलाया जाता था. इतना ही नहीं ठंड के दिनों में 2 घंटा बाहर खड़ा कर दिया गया, जिससे वह बीमार हो गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मैंने जिलाधिकारी से इस मामले में न्याय की गुहार लगाई है.
-जयप्रकाश, मृतक छात्रा के पिता

बलिया: जिले के गड़वार थाना के रतसर गांव स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की एक छात्रा संदिग्ध परिस्थिति में बीमार हो गई, जिसके बाद 29 नवंबर को इलाज के दौरान गोरखपुर के नेहरू हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गई. छात्रा के परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर छात्रा के साथ भेदभाव करने और उसे ठीक से खाना न देने का आरोप लगाया है. मृतका के पिता ने जिलाधिकारी से इस मामले में न्याय की गुहार लगाई है.

पिता ने डीएम से लगाई न्याय की गुहार.
  • अंकिता कक्षा सात में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में पढ़ती थी.
  • पिता ने आरोप लगाया कि 19 नवंबर की रात उसकी बेटी स्कूल से घर पहुंची.
  • स्कूल में उसके साथ किए जा रहे भेदभाव और ठंड में बाहर खड़ा करने की बात बताई.
  • इसी बीच अंकिता की तबीयत खराब हो गई.
  • गोरखपुर के नेहरू हॉस्पिटल में इलाज के दौरान अंकिता की मौत हो गई.
  • मृतक अंकिता के पिता ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है.

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बड़ी उम्मीद से मैंने अपनी बेटी का नाम कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में लिखवाया था, लेकिन वहां मेरी बेटी के साथ भेदभाव और कच्चा पक्का खाना खिलाया जाता था. इतना ही नहीं ठंड के दिनों में 2 घंटा बाहर खड़ा कर दिया गया, जिससे वह बीमार हो गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मैंने जिलाधिकारी से इस मामले में न्याय की गुहार लगाई है.
-जयप्रकाश, मृतक छात्रा के पिता

Intro:बलिया जिले के गड़वार थाना के रतसर गांव स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की एक छात्रा संदिग्ध परिस्थिति में बीमार हो गई जिसके बाद 29 नवंबर को इलाज के दौरान गोरखपुर के नेहरू हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गई छात्रा के परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर छात्रा के साथ भेदभाव करने उसे ठीक से खाना न देने और ठंड के मौसम में 2 घंटा बाहर खड़ा करने का आरोप लगाया मृतिका के पिता ने जिलाधिकारी से इस मामले में न्याय करने की गुहार लगाई है


Body:अंकिता कक्षा सात की छात्रा थी जो रतसर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में पढ़ती थी अंकिता के पिता ने आरोप लगाया कि 19 नवंबर की रात उसकी बेटी स्कूल से घर पहुंची जहां उसने स्कूल में उसके साथ किए जा रहे भेदभाव और ठंड में बाहर खड़ा करने की बात बताई इसी बीच अंकिता की तबीयत खराब हो गई जिसके बाद उसके परिजनों ने पहले उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां चिकित्सकों ने उसका प्राथमिक इलाज किया लेकिन अंकिता के स्वास्थ्य लाभ में प्रगति ना होता देख डॉक्टरों ने उसे वाराणसी के लिए रेफर किया

मृत अंकिता के पिता जयप्रकाश का कहना है कि बनारस में भी जब उसका इलाज ठीक से नहीं हुआ तो मैं निजी गाड़ी की व्यवस्था कर उसे गोरखपुर के नेहरू हॉस्पिटल ले गया जहां 26 तारीख से भर्ती रहने के बाद 29 नवंबर को मेरी बेटी की मौत हो गई


Conclusion:मृत छात्रा के पिता जयप्रकाश का कहना है कि बड़ी उम्मीद से मैंने अपनी बेटी का नाम कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में लिखवाया था लेकिन वहां मेरी बेटी के साथ भेदभाव और कच्चा पक्का खाना खिलाया जाता था इतना ही नहीं ठंड के दिनों में 2 घंटा बाहर खड़ा कर दिया गया जिससे वह बीमार हो गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई मैंने जिलाधिकारी से इस मामले में न्याय की गुहार लगाई है और जब तक न्याय नहीं मिलता मैं अपनी बेटी का श्राद्ध कर्म नहीं करूंगा


बाइट--जयप्रकाश--मृत छात्रा के पिता

प्रशान्त बनर्जी
बलिया
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST
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