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बलियाः एक अरब 90 लाख रुपये के एरियर की जांच करेगा ईओडब्ल्यू

उत्तर प्रदेश के बलिया में माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों के एरियर का हिसाब किताब अरबों रुपए में पहुंच चुका है. एक ओर शिक्षक एरियर की लगातार मांग कर रहे हैं, वहीं राज्य शासन को मामले में घोटाला नजर आ रहा है. इसे देखते हुए अब राज्य सरकार की ओर से ईओडब्ल्यू को जांच सौंपी गई है.

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ईओडब्ल्यू ने की शिक्षक नियुक्ति घोटाले की जांच शुरू
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Published : Jan 16, 2020, 10:23 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST

बलियाः ये मामला शासन से सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर एरियर तक जुड़ा है. इस मामले में कई जांच एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट राज्य शासन को पेश की थी. इसमें वर्ष 2011 से 2015 तक करीब 1 अरब 90 लाख रुपए के एरियर भुगतान का मामला भी जुड़ा है. इतनी बड़ी राशि के मामले पर राज्य सरकार ने अब जांच ईओडब्ल्यू को सौंप दी है.

ईओडब्ल्यू ने की शिक्षक नियुक्ति घोटाले की जांच शुरू.

ईओडब्ल्यू की टीम ने अपनी जांच का दायरा तय कर लिया है. टीम ने इस मामले से जुड़े 104 लोगों की लिस्ट तैयार की है. इनसे पूछताछ शुरू भी कर दी. इसके साथ ही डीआईओएस कार्यालय से उनके जुड़े दस्तावेज भी खंगाल रही है. ईओडब्ल्यू टीम की कार्रवाई से विभाग में अफरातफरी का माहौल है.

इस मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक भास्कर मिश्रा ने बताया कि जिनका वेतन सरप्लस के कारण रुका हुआ था. उन्हें बाद में दिया गया. ऐसे कुल 22 लोग हैं. इसके साथ ही 82 लोगों का एरियर्स देना है. इन दोनों के वेतन और एरियर संबंधी प्रपत्र की जांच होगी.

वहीं बलिया जिले के उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष धर्मनाथ सिंह ने बार-बार शिक्षकों के एरियर जांच को लेकर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि हम लोगों को 5 साल का वेतन पाना है. इसलिए जब-जब जांच के लिए बुलाया जाता है, हम लोग यहां आते हैं. 5 सालों के एरियर का भुगतान पाने के लिए लगातार जांच प्रक्रिया चल रही है. इस दौरान कई शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

जानें कब-कब क्या हुआ

- सन् 2010-11 में उत्तर प्रदेश सरकार से सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक और कर्मचारियों के नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी.
- उच्च न्यायालय के आदेश पर इस मामले की जांच शुरू की गई.
- जांच प्रक्रिया के बाद फरवरी 2016 में इन विद्यालयों में नीति निर्धारित करके वेतन भुगतान किया गया.
- इस बीच सरप्लस शिक्षकों एवं कर्मचारियों की छंटनी भी की गई और कोर्ट के आदेश पर 22 शिक्षकों को उनका एरियर दिया गया.
- इसी को आधार बनाकर अन्य शिक्षकों ने शासन से अपने एरियर भुगतान की मांग की है.
- 2011 से फरवरी 2016 तक करीब 5 साल के एरियर की मांग होने पर शासन ने इस पूरे प्रकरण को ईओडब्लू को सौंप दिया.
- ईओडब्ल्यू की 5 सदस्य टीम जिले के 22 विद्यालयों के 104 शिक्षक और कर्मचारियों के प्रपत्र की जांच कर रहे हैं.

बलियाः ये मामला शासन से सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर एरियर तक जुड़ा है. इस मामले में कई जांच एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट राज्य शासन को पेश की थी. इसमें वर्ष 2011 से 2015 तक करीब 1 अरब 90 लाख रुपए के एरियर भुगतान का मामला भी जुड़ा है. इतनी बड़ी राशि के मामले पर राज्य सरकार ने अब जांच ईओडब्ल्यू को सौंप दी है.

ईओडब्ल्यू ने की शिक्षक नियुक्ति घोटाले की जांच शुरू.

ईओडब्ल्यू की टीम ने अपनी जांच का दायरा तय कर लिया है. टीम ने इस मामले से जुड़े 104 लोगों की लिस्ट तैयार की है. इनसे पूछताछ शुरू भी कर दी. इसके साथ ही डीआईओएस कार्यालय से उनके जुड़े दस्तावेज भी खंगाल रही है. ईओडब्ल्यू टीम की कार्रवाई से विभाग में अफरातफरी का माहौल है.

इस मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक भास्कर मिश्रा ने बताया कि जिनका वेतन सरप्लस के कारण रुका हुआ था. उन्हें बाद में दिया गया. ऐसे कुल 22 लोग हैं. इसके साथ ही 82 लोगों का एरियर्स देना है. इन दोनों के वेतन और एरियर संबंधी प्रपत्र की जांच होगी.

वहीं बलिया जिले के उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष धर्मनाथ सिंह ने बार-बार शिक्षकों के एरियर जांच को लेकर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि हम लोगों को 5 साल का वेतन पाना है. इसलिए जब-जब जांच के लिए बुलाया जाता है, हम लोग यहां आते हैं. 5 सालों के एरियर का भुगतान पाने के लिए लगातार जांच प्रक्रिया चल रही है. इस दौरान कई शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

जानें कब-कब क्या हुआ

- सन् 2010-11 में उत्तर प्रदेश सरकार से सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक और कर्मचारियों के नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी.
- उच्च न्यायालय के आदेश पर इस मामले की जांच शुरू की गई.
- जांच प्रक्रिया के बाद फरवरी 2016 में इन विद्यालयों में नीति निर्धारित करके वेतन भुगतान किया गया.
- इस बीच सरप्लस शिक्षकों एवं कर्मचारियों की छंटनी भी की गई और कोर्ट के आदेश पर 22 शिक्षकों को उनका एरियर दिया गया.
- इसी को आधार बनाकर अन्य शिक्षकों ने शासन से अपने एरियर भुगतान की मांग की है.
- 2011 से फरवरी 2016 तक करीब 5 साल के एरियर की मांग होने पर शासन ने इस पूरे प्रकरण को ईओडब्लू को सौंप दिया.
- ईओडब्ल्यू की 5 सदस्य टीम जिले के 22 विद्यालयों के 104 शिक्षक और कर्मचारियों के प्रपत्र की जांच कर रहे हैं.

Intro:यूपी के बलिया में सन 2011 में माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर कई जांच एजेंसियों द्वारा अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी. इसके बाद भी शासन ने इस पूरे मामले को लेकर जांच की जिम्मेदारी इस बार ईओडब्ल्यू को सौंप दी है .बलिया में ईओडब्ल्यू की टीम 104 लोगों से इस मामले में पूछताछ आरंभ कर दी है.जिसके बाद डीआईओएस कार्यालय में पुराने प्रपत्र ओं की खोजबीन भी शुरू होने से हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है की 2011 से 2015 तक करीब 1 अरब 90 लाख रुपयों के एरियर का भुगतान होना है.


Body:सन 2010 -11 में उत्तर प्रदेश सरकार ऐडेड माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक और कर्मचारियों के नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दिया और इस मामले की जांच माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर शुरू करा दी. इस जांच प्रक्रिया के बाद फरवरी 2016 में इन विद्यालयों में नियत निर्धारित करते हुए वेतन भुगतान किया गया.इस दौरान सर प्लस शिक्षक एवं कर्मचारियों की छटनी भी की गई. इस दौरान 22 शिक्षकों को कोर्ट के आदेश के बाद उनका एरियर का भुगतान कर दिया गया था.

इसी को आधार बनाकर अन्य शिक्षकों ने शासन से अपने एरियर भुगतान की मांग की. 2011 से फरवरी 2016 तक करीब 5 साल की एरियर की मांग होने पर शासन ने इस पूरे प्रकरण के लिए ईओडब्लू को जांच सौंप दी. जिसमें इन लोगों की नियुक्ति प्रक्रिया की जांच के साथ ही सरप्लस शिक्षकों का विद्यालय वार आवंटन प्रक्रिया को भी देखा जाना है.

जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में ईओडब्ल्यू की 5 सदस्य टीम जिले के 22 विद्यालयों के 104 शिक्षक और कर्मचारियों से उनके प्रपत्र की जांच कर रहे हैं. इतनी पुरानी अभिलेख इस कार्यालय से भी मांगे जाने पर हड़कंप मच गया है .आनन-फानन में पुराने अभिलेखों को जांच टीम के सामने प्रस्तुत करना कर्मचारियों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है.




Conclusion:इस मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि जिनका वेतन सर प्लस के कारण रुका हुआ था और फिर बाद में मुक्त हुआ इस दौरान 5 सालों के बीच के का समय के वेतन एरियर की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि 22 विद्यालयों के 104 शिक्षकों और कर्मचारियों की वेतन की जांच हो रही है .इस मामले में 22 लोगों को वेतन अवमुक्त कर दिया गया था. शेष 82 लोगों के एरियर संबंधी प्रपत्र ईओडब्ल्यू की टीम जांच रही है.जांच सही पाए जाने पर आगे कार्रवाई की जाएगी.

वही उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के बलिया जिले के जिलाध्यक्ष ने बार-बार शिक्षकों के एरियर जांच को लेकर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि हम लोगों को 5 साल का वेतन पाना है. इसलिए जब जब जांच के लिए बुलाया जाता है हम लोग यहां आते हैं. 5 सालों के एरियर का भुगतान पाने के लिए लगातार जांच प्रक्रिया चल रही है .इस दौरान कई शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

बाइट1--भास्कर मिश्रा---जिला विद्यालय निरीक्षक
बाइट2--धर्मनाथ सिंह--जिलाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ
पीटीसी--प्रशान्त बनर्जी

प्रशान्त बनर्जी
बलिया
9455785050

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST
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