बहराइच: गैर इरादतन हत्या के मामले में बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश षष्टम मनोज कुमार मिश्रा ने सुनवाई करते हुए आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष की कैद और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना न जमा करने पर दो माह का अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
2013 में दर्ज हुआ था मुकदमा
अभियोजन पक्ष के अनुसार अगस्त 2013 को बलसिंगपुर गांव निवासी कुंवारे पुत्र भगवती की तहरीर पर थाना मोतीपुर में जुगुल पुत्र शिवराज, लहटोरी पुत्र शिवराज व शिवराज पुत्र राम जियावन के विरुद्ध मारपीट व गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था. कुंवारे ने पुलिस को बताया था कि उसके बेटे विजयमल की शादी गांव के ही क्ल्यरना देवी पुत्री जुगुल के साथ हुई थी. विजय मल व कल्याना के बीच कहासुनी व लड़ाई झगड़ा हो रहा था. इसी दौरान गांव के सभी आरोपियों ने विजय को बुलाकर घर ले गए और मारपीट कर घायल कर दिया. इसके बाद 30 अगस्त 2013 को घायल विजयमल की मौत हो गई थी. पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का अभियोज दर्ज करते हुए आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था.
दोषी को भेजा गया जेल
मुकदमे के परीक्षण के दौरान अभियुक्त लहटौरी व शिवराज की मौत हो गई. अपर शासकीय अधिवक्ता प्रमोद कुमार सिंह व बचाव पक्ष के दलीलों को सुनते हुए अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपित जुगुल को दोषी पाते हुए सजा सुनाई. अभियुक्त का सजायाबी वारंट तैयार कर सजा भुगतने के लिए जेल भेज दिया गया.