बहराइच: जिले के नेपाल सीमावर्ती थाना रुपईडीहा क्षेत्र के चिलबिला गांव में इन दिनों रहस्यमयी घटना से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. गांव में नाग पंचमी के बाद से अब तक कई लोगों को सांप काट चुका है. ग्रामीणों के मुताबिक जिनमें से एक की मौत हो गई है. वहीं, कोई इसे नागिन का बदला बता रहा है, तो कोई रहस्यमयी शक्ति का प्रकोप कह रहा है. हालांकि वैज्ञानिक दृष्टि से इन बातों का कोई महत्व नहीं होता है.
सांप काटने की रहस्यमयी घटना से ग्रामीण परेशान
जिले के थाना रुपईडीहा थाना क्षेत्र के चिलबिला गांव में सांप काटने की रहस्यमयी घटनाओं से ग्रामीण दहशत का महौल देखने को मिल रहा है. ग्रामीणों के मुताबिक अब तक करीब 30 लोग इस घटना का शिकार हो चुके हैं, जिनमें से एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है.
ग्राम निवासी अवधेश कुमार ने बताया कि नाग पंचमी के दिन गांव में स्थित देवस्थान पर सांप निकला था. उस सांप को कुछ लोगों ने मारने और कुछ लोगों ने न मारने की बात कही, इसी बीच उत्साही लोगों ने सांप को मौत के घाट उतार दिया.
सांप के काटने की तेजी से बढ़ रही घटनाएं
बताया जा रहा है कि उसके बाद से ही गांव में सांप के काटने की घटनाएं तेजी से बढ़ गई हैं. गांव के करीब 30 से 31 लोगों को अब तक सांप काट चुका है जिनमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई. इसके बाद गांव के लोगों ने चंदा इकट्ठा कर पूजा पाठ कराया और ईश्वर से प्रार्थना की कि वह सांप के कहर से ग्राम वासियों की सुरक्षा करें.
बाबा स्थान के पुजारी ने दी जानकारी
बाबा स्थान के पुजारी का कहना है कि देवस्थान पर निकले एक नाग को लोगों द्वारा मार दिया गया था. उसके बाद से गांव में सर्पदंश की घटनाएं होनी शुरू हो गई हैं. करीब 30 लोग सर्पदंश की घटना का शिकार हुए हैं, जिनमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई है. इस तरह की घटना से गांव में दहशत का माहौल है, लोग इसे नागिन का बदला बता रहे हैं. कुछ लोग किसी रहस्यमयी शक्ति का प्रकोप बता रहे हैं. नागिन के आक्रोश को कम करने के लिए ग्रामीणों द्वारा पूजा पाठ कराया गया है.
सहायक प्रोफेसर डॉ. सुधा शुक्ला ने बताया
किसान पीजी कॉलेज की प्राणी विज्ञान की सहायक प्रोफेसर डॉ. सुधा शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने बताया कि नाग से ज्यादा खतरनाक नागिन होती है. नागिन की रेटिना में नाग को मारने वाले का चित्र आ जाता है, साथ ही उसके मानस पटल पर बार-बार नाग को मारने वाले का चेहरा लौटता रहता है, इसी कारण उसका तेवर बागी हो जाता है. नागिन नाग को मारने वाले को पहचान जाती है और उसे मारने के लिए उतावली हो जाती है. उसके इस रास्ते में जो भी बाधा बनता है उसे भी वह दुश्मन मान कर मार देती है.