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जब नहीं सुनी गई गुहार, तब गांव वालों ने 50 मीटर लंबा पुल कर दिया तैयार

बहराइच में प्रशासन के बहानों से परेशान होकर ग्रामीणों ने खुद ही चंदा करके 50 मीटर लंबा पुल बना डाला. पुल बनने के बाद नानपारा तहसील मुख्यालय पहुंचने की दूरी 35 से घटकर मात्र 10 किलोमीटर रह गई है.

ग्रामीणों ने किया पुल का निर्माण
ग्रामीणों ने किया पुल का निर्माण
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Published : Jan 21, 2021, 8:47 PM IST

बहराइच : पुल निर्माण में प्रशासन के बहानों से परेशान होकर ग्रामीणों ने आपस में ही चंदा इकट्ठा करके सरयू नदी पर 50 मीटर लंबा पुल बना लिया. बांस और बल्ली के सहारे बना यह पुल कोतवाली नानपारा के तकिया गांव में स्थित है. इससे नानपारा तहसील मुख्यालय पहुंचने की दूरी 35 किलोमीटर से घटकर मात्र 10 किलोमीटर रह गई है.

ग्रामीणों ने बनाया पुल

ग्रामीणों ने बनाया पुल

सरयू नदी पर अर्से से पुल की कमी ग्रामीणों को खलती थी. सरयू की धारा के फैलाव का दंश ग्रामीणों को इसलिए भी चुभता था कि उन्हें नानपारा तहसील मुख्यालय जाने के लिए 25 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ती थी. जनप्रतिनिधियों से पुल निर्माण का आग्रह करके ग्रामीण थक चुके थे. ऐसे में स्थानीय ग्रामीण असलम खान, रामचंद्र, निसार खां, रामादल, रामसमुझ, रामाधार, जिलेदार खां ने आपसी सहयोग से पुल निर्माण का संकल्प लिया. ग्रामीणों ने बांस, लकड़ी की बल्ली एवं जूट की रस्सी के सहारे चार फीट चौड़ा पुल बनाकर तैयार कर दिया.

35 से घटकर 10 किलोमीटर हुई दूरी

ग्रामीणों का कहना है कि लकड़ी का पुल बन जाने से तकियाघाट से नानपारा की दूरी मात्र 10 किलोमीटर रह गई है. बरसात के दिनों में जब नदी का बहाव काफी तेज होता है, ऐसे समय में लकड़ी के पुल का प्रयोग नहीं हो पाता है. उस समय लोगों को नानपारा तहसील व कोतवाली जाने के लिए मटिहा मोड़ होते हुए लगभग 35 किलोमीटर लंबा सफर तय करना पड़ता है. इससे समय व धन दोनों की बर्बादी होती है.

कई गांव के लोगों को होगा फायदा

कई गांव ऐसे हैं जहां से लोगों को प्रतिदिन मोटरसाइकिल, साइकिल एवं पैदल पुल से आवागमन करना होता है. इन गांवों में बोटहनिया, लोधनपुरवा, मटिहा, चंदनपुर, गोकुलपुर, बढ़ैया शामिल हैं. ग्रामीणों का कहना है कि ब्लॉक, तहसील एवं कोतवाली मुख्यालय नानपारा नगर में स्थित है. इसलिए तकियाघाट पर पक्का पुल बनना अत्यंत आवश्यक है.

बहराइच : पुल निर्माण में प्रशासन के बहानों से परेशान होकर ग्रामीणों ने आपस में ही चंदा इकट्ठा करके सरयू नदी पर 50 मीटर लंबा पुल बना लिया. बांस और बल्ली के सहारे बना यह पुल कोतवाली नानपारा के तकिया गांव में स्थित है. इससे नानपारा तहसील मुख्यालय पहुंचने की दूरी 35 किलोमीटर से घटकर मात्र 10 किलोमीटर रह गई है.

ग्रामीणों ने बनाया पुल

ग्रामीणों ने बनाया पुल

सरयू नदी पर अर्से से पुल की कमी ग्रामीणों को खलती थी. सरयू की धारा के फैलाव का दंश ग्रामीणों को इसलिए भी चुभता था कि उन्हें नानपारा तहसील मुख्यालय जाने के लिए 25 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ती थी. जनप्रतिनिधियों से पुल निर्माण का आग्रह करके ग्रामीण थक चुके थे. ऐसे में स्थानीय ग्रामीण असलम खान, रामचंद्र, निसार खां, रामादल, रामसमुझ, रामाधार, जिलेदार खां ने आपसी सहयोग से पुल निर्माण का संकल्प लिया. ग्रामीणों ने बांस, लकड़ी की बल्ली एवं जूट की रस्सी के सहारे चार फीट चौड़ा पुल बनाकर तैयार कर दिया.

35 से घटकर 10 किलोमीटर हुई दूरी

ग्रामीणों का कहना है कि लकड़ी का पुल बन जाने से तकियाघाट से नानपारा की दूरी मात्र 10 किलोमीटर रह गई है. बरसात के दिनों में जब नदी का बहाव काफी तेज होता है, ऐसे समय में लकड़ी के पुल का प्रयोग नहीं हो पाता है. उस समय लोगों को नानपारा तहसील व कोतवाली जाने के लिए मटिहा मोड़ होते हुए लगभग 35 किलोमीटर लंबा सफर तय करना पड़ता है. इससे समय व धन दोनों की बर्बादी होती है.

कई गांव के लोगों को होगा फायदा

कई गांव ऐसे हैं जहां से लोगों को प्रतिदिन मोटरसाइकिल, साइकिल एवं पैदल पुल से आवागमन करना होता है. इन गांवों में बोटहनिया, लोधनपुरवा, मटिहा, चंदनपुर, गोकुलपुर, बढ़ैया शामिल हैं. ग्रामीणों का कहना है कि ब्लॉक, तहसील एवं कोतवाली मुख्यालय नानपारा नगर में स्थित है. इसलिए तकियाघाट पर पक्का पुल बनना अत्यंत आवश्यक है.

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