बहराइचः जिले में स्थित कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार में बाघ की लाश मिली है. मौत किस कारण हुई है अभी तक इसका कोई पता नहीं चला सका है. तीन डॉक्टरों के पैनल ने मृत बाघ का पोस्टमार्ट करके विसरा प्रिजर्वेशन आईवीआरआई बरेली भेजा है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के निर्देशानुसार वन विभाग व वन संरक्षण पर कार्य कर रही टीम की मौजूदगी में पोस्टमार्टम हुआ है. आईवीआरआई बरेली में विसरा परीक्षण के बाद ही बाघ की मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा.
दरअसल, कतर्नियाघाट रेंज के बांध रोड पर मंगलवार शाम वन क्षेत्राधिकारी रामकुमार, वन दरोगा अनिल कुमार, वाहन चालक अनूप कुमार और वन रक्षक अब्दुल सलाम गश्त कर रहे थे. तभी उन्हें बांध रोड पर एक बाघ मृत अवस्था में दिखाई पड़ा. रेंजर ने घटना की सूचना तत्काल प्रभागीय वनाधिकारी आकाश दीप बधावन को दी. इसके बाद मामले को संज्ञान में लेते हुए डीएफओ ने तत्काल घटनास्थल का दौरा किया. प्रभागीय वनाधिकारी के नेतृत्व में वन विभाग की टीम बाघ के शव को रेंज कार्यालय ले गई. वहीं, दूसरे दिन बुधवार सुबह राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के निर्देशानुसार तीन डॉक्टरों के पैनल डॉक्टर दयाशंकर दुधवा टाइगर रिजर्व, डॉक्टर वीरेंद्र कुमार वर्मा और डॉक्टर विनोद कुमार भार्गव मोतीपुर ने पोस्टमार्टम किया.
आठ महीने के भीतर कतर्नियाघाट में दो बाघों की मौत
डीएफओ ने बताया कि बाघ का विसरा आईवीआरआई बरेली भेजा जा रहा है जहां परीक्षण के बाद ही बाघ के मौत का कारण स्प्ष्ट हो पाएगा. वहीं, पोस्टमार्टम के बाद बाघ के शव को उसके संपूर्ण अंगों सहित जलाकर नष्ट कर दिया गया. गौरतलब है कि आठ माह के भीतर कतर्नियाघाट रेंज में ही दो बाघों की मौत हो चुकी है. इससे पहले पिछले वर्ष 9 अक्टूबर को घाघरा बैराज के डाउन स्टीम में मृत अवस्था में एक बाघ पाया गया था. रेंज कार्यलय कतर्नियाघाट में हुए पोस्टमार्टम के दौरान डब्ल्यू डब्ल्यू एफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी दबीर हशन, फील्ड सहायक मंसूर अली, फ्रेंड्स क्लब टीम की ओर से अध्यक्ष भगवानदास लखमानी, सदस्य अमन लखमानी, अंकुर राव, सचिव राजीव श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे.
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