बहराइच: संरक्षित क्षेत्र में वन माफिया की दबंगई बढ़ती जा रही है. अब एसएसबी (सशत्र सीमा बल) और पुलिस समन्वय स्थापित कर इस घुसपैठ को रोकेगी. शिकार के लिए सीमा पार करके बहराइच और कतर्निया घाट वन्यजीव प्रभाग में घुसने वाले वन माफिया की सूची तैयार की जाएगी. इनके नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए नेपाल के मुखबिरों की मदद भी ली जाएगी. इसके लिए शनिवार को एसएसबी कैंप कार्यालय अगैया में संयुक्त बैठक कर कई बिंदुआ पर चर्चा की गई.
101 किलोमीटर के क्षेत्र में लगी है सीमा
कार्यवाहक कमांडेंट प्रवीण कुमार ने कहा कि नेपाल सीमा से कतर्निया और बहराइच वन प्रभाग का लगभग 101 किलोमीटर वन क्षेत्र लगा हुआ है. खुली सीमा की मदद से वन संपदा और वन्यजीवों को वन माफिया निशाना बनाते हैं. इनकी गतिविधियों को पुलिस के समन्वय से रोका जा सकता है. उन स्थानों को भी चिह्नित कर पेट्रोलिंग बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा, जहां से नेपाल के वन माफिया भारतीय सीमा में प्रवेश करते हैं.
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माफिया के नेटवर्क को तोड़ने पर हुआ विचार
बैठक में नेपाल के अलावा जिले में सक्रिय वन माफिया के गठजोड़ को तोड़ने पर भी मंथन हुआ. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सूचना तंत्र को मजबूत करने की जरूरत है. इससे वन माफिया की हरकत पर नजर रखी जा सकती है. पुलिस अधिकारियों ने भी अपनी कार्ययोजना एसएसबी के समक्ष रखी. कमांडेंट विजेंद्र कुमार, सहायक कमांडेंट अनिल कुमार यादव, वन विभाग के एके वाजपेयी, एके सिद्दीकी और अन्य अधिकारी बैठक में मौजूद रहे.