बहराइच: 551 वर्ग किलोमीटर में फैले कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग में मौजूद बाघों की सुरक्षा को लेकर वन महकमा सतर्क है. कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में कदम-कदम पर नैसर्गिक झुरमुटों और वन कुंजों में प्रवास करने वाले बाघ जहां सैलानियों को आकर्षित करते हैं, वहीं सैलानियों को उनके इलाके की जानकारी देने के लिए वन विभाग ने जंगल में चित्रकारी कराई है. चित्रकारी को देखकर जंगल क्षेत्र में प्रवेश करते ही पर्यटकों को इस बात का पता चल जाएगा कि ये जंगल के राजा का इलाका है.
ये इलाका है बाघ का
कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार की प्राकृतिक सुरम्यता के चलते सूबे में इसकी अलग पहचान है. यहां के प्राकृतिक नजारे को निहारने के लिए सैलानियों का जमावड़ा लगता रहता है. इस जंगल में बाघ और तेंदुओं की मौजूदगी भी है. कई बार जाने-अनजाने में मानव वन्यजीव संघर्ष भी हो चुके हैं. जंगल क्षेत्र में आने वाले लोगों को बाघों के इलाके की सूचना आसानी से मिल सके, इसके लिए बाघों के मौजूदगी वाले कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग को मोतीपुर, सुजौली और कतर्नियाघाट रेंज को तीन जोन में बांटा गया है.
इस जोन के प्रत्येक चेक पोस्टों की दीवारों पर बाघों की चित्रकारी कराई गई है. पीले और काले रंग के रंगों की इस चित्रकारी को देखकर जंगल क्षेत्र में आने वाले सतर्क हो जाएंगे. उन्हें स्वयं अंदाजा लग जाएगा कि वे बाघ के इलाके में प्रवेश कर रहे हैं. कतर्नियाघाट के डीएफओ यशवंत सिंह ने बताया कि जंगल में वन्यजीवाें की सुरक्षा को लेकर पहले ही एसटीपीएफ के जवानों की तैनाती की गई है. अब इस चित्रकारी के माध्यम से लोग जागरूक भी हो रहे हैं.