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बाघों के संरक्षण में मीडिया की भूमिका पर गोष्ठी

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Published : Dec 2, 2020, 8:29 AM IST

बहराइच में बाघ सुरक्षा महीने के मौके पर 'बाघों के संरक्षण में मीडिया की भूमिका' विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया. वन प्रभाग और कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के संयुक्त तत्वाधान में ये गोष्ठी आयोजित की गयी थी.

बाघों के संरक्षण में मीडिया की भूमिका
बाघों के संरक्षण में मीडिया की भूमिका

बहराइचः बाघ सुरक्षा महीने के मौके पर 'बाघों के संरक्षण में मीडिया की भूमिका' विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया. बहराइच वन प्रभाग और कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के संयुक्त तत्वाधान में गोष्ठी आयोजित की गयी. डीएफओ यशवंत सिंह ने कहा कि बाघ सुरक्षा महीने के दौरान मानव और वन्यजीवों के संघर्ष को कम किये जाने, बाघों की सुरक्षा में उच्च तकनीक का इस्तेमाल किये जाने, स्टॉफ के स्किल डेवलपमेंट के साथ-साथ बालों के बेहतर हैबिबेट के लिए कई गतिविधियों को संचालित की जायेगी.

बाघों के संरक्षण पर गोष्ठी
बाघों के संरक्षण पर गोष्ठी

बाघों की संख्या दोगुना करने का लक्ष्य

बाघों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य 4 साल पहले ही पूरा हो चुका है. कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग से सटे तीस गांव जंगली जानवरों के हमलों के लिए चिन्हित किये गये हैं. जहां जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. गोष्ठी की अध्यक्षता प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह ने की. गोष्ठी में मीडिया प्रतिनिधियों की ओर से सुझाव मिला हुआ है कि वन और वन जीवों की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि किसी स्तर पर संवादहीनता की स्थिति नहीं होनी चाहिए. विभागीय स्तर पर जानकारी के आदान-प्रदान के लिए एक ऐसा मैकेनिज्म विकसित करने की आवश्यकता है कि वन एवं वन्य जीवों से संबंधित किसी भी घटना की जानकारी फौरन मीडिया के लोगों को उपलब्ध हो सके. गोष्ठी को एसीएफ अजीत प्रताप सिंह, प्रशिक्षु आईएफएस ज्ञान सिंह, वरिष्ठ मीडियाकर्मी मुकेश पाण्डेय, मोनिश अजीज, अजय त्रिपाठी, प्रदीप शर्मा समेत कई लोगों ने सम्बोधित किया। इस मौके पर एसडीओ पीसी पाण्डेय, क्षेत्रीय वनाधिकारी नत्थूराम और कल्पेश्वर नाथ, उप क्षेत्रीय अधिकारी वन दीपक सिंह, एसओएस टाईगर के फैज मोहम्मद खान समेत कई लोग मौजूद रहे.

बहराइचः बाघ सुरक्षा महीने के मौके पर 'बाघों के संरक्षण में मीडिया की भूमिका' विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया. बहराइच वन प्रभाग और कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के संयुक्त तत्वाधान में गोष्ठी आयोजित की गयी. डीएफओ यशवंत सिंह ने कहा कि बाघ सुरक्षा महीने के दौरान मानव और वन्यजीवों के संघर्ष को कम किये जाने, बाघों की सुरक्षा में उच्च तकनीक का इस्तेमाल किये जाने, स्टॉफ के स्किल डेवलपमेंट के साथ-साथ बालों के बेहतर हैबिबेट के लिए कई गतिविधियों को संचालित की जायेगी.

बाघों के संरक्षण पर गोष्ठी
बाघों के संरक्षण पर गोष्ठी

बाघों की संख्या दोगुना करने का लक्ष्य

बाघों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य 4 साल पहले ही पूरा हो चुका है. कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग से सटे तीस गांव जंगली जानवरों के हमलों के लिए चिन्हित किये गये हैं. जहां जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. गोष्ठी की अध्यक्षता प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह ने की. गोष्ठी में मीडिया प्रतिनिधियों की ओर से सुझाव मिला हुआ है कि वन और वन जीवों की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि किसी स्तर पर संवादहीनता की स्थिति नहीं होनी चाहिए. विभागीय स्तर पर जानकारी के आदान-प्रदान के लिए एक ऐसा मैकेनिज्म विकसित करने की आवश्यकता है कि वन एवं वन्य जीवों से संबंधित किसी भी घटना की जानकारी फौरन मीडिया के लोगों को उपलब्ध हो सके. गोष्ठी को एसीएफ अजीत प्रताप सिंह, प्रशिक्षु आईएफएस ज्ञान सिंह, वरिष्ठ मीडियाकर्मी मुकेश पाण्डेय, मोनिश अजीज, अजय त्रिपाठी, प्रदीप शर्मा समेत कई लोगों ने सम्बोधित किया। इस मौके पर एसडीओ पीसी पाण्डेय, क्षेत्रीय वनाधिकारी नत्थूराम और कल्पेश्वर नाथ, उप क्षेत्रीय अधिकारी वन दीपक सिंह, एसओएस टाईगर के फैज मोहम्मद खान समेत कई लोग मौजूद रहे.

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