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बहराइच: बीज अनुदान में घोटाला उजागर, आरोपी लिपिक निलम्बित

उत्तर प्रदेश के बहराइच में कृषि विभाग की ओर से किसानों को मिलने वाले बीज खरीद अनुदान में बड़े पैमाने पर घोटाला उजागर हुआ है. मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी लिपिक को निलंबित कर दिया गया है.

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सामने आया कृषि विभाग का घोटाला.
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Published : Jan 17, 2020, 10:01 AM IST

बहराइच: एक ओर जहां सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विभिन्न तरह की अनुदान योजनाएं चलाकर उन्हें लाभान्वित करने के प्रयास में हैं. वहीं उनके अनुदान पर सरकारी अमला डाका डालने पर आमादा है. मामला श्रावस्ती जनपद का है, जहां कृषि विभाग की ओर से किसानों को मिलने वाले बीज खरीद अनुदान में बड़े पैमाने पर घोटाला उजागर हुआ है. मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी लिपिक को निलंबित कर दिया गया है और जांच के निर्देश दिए गए हैं.

सामने आया कृषि विभाग का घोटाला.

बीज खरीद अनुदान घोटाले का जिम्मेदार कौन
किसान यूनियन घोटाले के लिए शिकायत प्रणाली को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. उनका कहना है कि अगर किसानों की शिकायत पर समय से ध्यान दिया जाता तो शायद इतना बड़ा घोटाला न होता. श्रावस्ती जिले में कृषि विभाग में अफसरों और कर्मचारियों की मिलीभगत से लाखों के बीज अनुदान घोटाले का मामला सामने आया है. उप कृषि निदेशक कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक लिपिक पर किसानों के बीच अनुदान कि धनराशि को गबन किए जाने का आरोप है, जिसे कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया है.

जांच के लिए टीम गठित
मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है. सूत्रों के मुताबिक करीब पच्चीस लाख के गबन की बात सामने आई है. जांच रिपोर्ट के बाद ही घोटाले की राशि का पता चल सकेगा. किसान यूनियन किसानों को मिलने वाले बीज खरीद अनुदान के घोटाले में तत्कालीन उप निदेशक कृषि की संलिप्तता बता रहे हैं. किसान यूनियन के देवीपाटन मंडल अध्यक्ष विनोद कुमार शुक्ला का आरोप है कि यह घोटाला शिकायत प्रणाली में खामियों के चलते हुआ है.

समय रहते दिया जाता ध्यान तो नहीं होता घोटाला
किसान यूनियन के देवीपाटन मंडल अध्यक्ष का कहना है कि अगर समय रहते किसानों की ओर से अनुदान न मिलने की शिकायत का संज्ञान लिया जाता तो शायद इतना बड़ा घोटाला न होता. वह इस घोटाले में तत्कालिक उप निदेशक कृषि के संलिप्त होने का आरोप लगा रहे हैं. हालांकि उप निदेशक कृषि आरपी राणा का कहना है कि इस प्रकरण की प्राथमिक जांच में पटल लिपिक दोषी पाया गया, जिसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

मामले की जांच के लिए टीम का गठन कर दिया गया है. जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. साथी ही उन्होंने कहा कि जांच के बाद स्पष्ट होगा कि घोटाला कितने लाख का है और उसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है.

बहराइच: एक ओर जहां सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विभिन्न तरह की अनुदान योजनाएं चलाकर उन्हें लाभान्वित करने के प्रयास में हैं. वहीं उनके अनुदान पर सरकारी अमला डाका डालने पर आमादा है. मामला श्रावस्ती जनपद का है, जहां कृषि विभाग की ओर से किसानों को मिलने वाले बीज खरीद अनुदान में बड़े पैमाने पर घोटाला उजागर हुआ है. मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी लिपिक को निलंबित कर दिया गया है और जांच के निर्देश दिए गए हैं.

सामने आया कृषि विभाग का घोटाला.

बीज खरीद अनुदान घोटाले का जिम्मेदार कौन
किसान यूनियन घोटाले के लिए शिकायत प्रणाली को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. उनका कहना है कि अगर किसानों की शिकायत पर समय से ध्यान दिया जाता तो शायद इतना बड़ा घोटाला न होता. श्रावस्ती जिले में कृषि विभाग में अफसरों और कर्मचारियों की मिलीभगत से लाखों के बीज अनुदान घोटाले का मामला सामने आया है. उप कृषि निदेशक कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक लिपिक पर किसानों के बीच अनुदान कि धनराशि को गबन किए जाने का आरोप है, जिसे कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया है.

जांच के लिए टीम गठित
मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है. सूत्रों के मुताबिक करीब पच्चीस लाख के गबन की बात सामने आई है. जांच रिपोर्ट के बाद ही घोटाले की राशि का पता चल सकेगा. किसान यूनियन किसानों को मिलने वाले बीज खरीद अनुदान के घोटाले में तत्कालीन उप निदेशक कृषि की संलिप्तता बता रहे हैं. किसान यूनियन के देवीपाटन मंडल अध्यक्ष विनोद कुमार शुक्ला का आरोप है कि यह घोटाला शिकायत प्रणाली में खामियों के चलते हुआ है.

समय रहते दिया जाता ध्यान तो नहीं होता घोटाला
किसान यूनियन के देवीपाटन मंडल अध्यक्ष का कहना है कि अगर समय रहते किसानों की ओर से अनुदान न मिलने की शिकायत का संज्ञान लिया जाता तो शायद इतना बड़ा घोटाला न होता. वह इस घोटाले में तत्कालिक उप निदेशक कृषि के संलिप्त होने का आरोप लगा रहे हैं. हालांकि उप निदेशक कृषि आरपी राणा का कहना है कि इस प्रकरण की प्राथमिक जांच में पटल लिपिक दोषी पाया गया, जिसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

मामले की जांच के लिए टीम का गठन कर दिया गया है. जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. साथी ही उन्होंने कहा कि जांच के बाद स्पष्ट होगा कि घोटाला कितने लाख का है और उसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है.

Intro:एंकर। जहां एक ओर सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विभिन्न तरह की अनुदान योजनाएं चलाकर किसानों को लाभान्वित करने के प्रयास में हैं वहीं उनके अनुदान पर सरकारी अमला डाका डालने पर आमादा है। ताजा मामला श्रावस्ती जनपद का सामने आया है जहां कृषि विभाग द्वारा किसानों को मिलने वाले बीज खरीद अनुदान में बड़े पैमाने पर घोटाला उजागर हुआ है। इस संबंध में संबंधित लिपिक को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। किसान यूनियन घोटाले के लिए शिकायत प्रणाली को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं उनका कहना है कि यह किसानों की शिकायत पर समय से ध्यान दिया जाता तो शायद इतना बड़ा घोटाला ना होता।Body:वीओ-1-श्रावस्ती जिले में कृषि विभाग में अफसरों और कर्मचारियों की मिलीभगत से लाखों के बीज अनुदान घोटाले का मामला सामने आया है।घोटाले का खुलासा होने के बाद कृषि विभाग में हड़कंप मच गया। उप कृषि निदेशक कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक लिपिक पर किसानों के बीच अनुदान कि धनराशि को गवन किए जाने का आरोप है। आरोपी लिपिक को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। सूत्रों के मुताबिक करीब पच्चीस लाख के गवन की बात सामने आई है। जांच रिपोर्ट के बाद यह स्पष्ट हो सकेगा कि कितने लाख का दमन किया गया है। किसान यूनियन किसानों को मिलने वाले बीज खरीद अनुदान के घोटाले में तत्कालीन उप निदेशक कृषि की संलिप्तता बता रहे हैं। किसान यूनियन के देवीपाटन मंडल अध्यक्ष विनोद कुमार शुक्ला का आरोप है कि यह घोटाला शिकायत प्रणाली में खामियों के चलते हुआ है। यदि समय रहते किसानों द्वारा अनुदान न मिलने की शिकायत का संज्ञान लिया जाता तो शायद इतना बड़ा घोटाला ना होता। वह इस घोटाले में तत्कालिक उप निदेशक कृषि के संलिप्त होने का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि उप निदेशक कृषि आर.पी. राणा का कहना है कि इस प्रकरण की प्राथमिक जांच में पटल लिपिक दोषी पाया गया। जिसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच के लिए टीम का गठन कर दिया गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।वह कितने का घोटाला हुआ है? इस सवाल पर कहते हैं कि जांच के बाद स्पष्ट होगा कि घोटाला कितने लाख का है। और उसके लिए कौन कौन जिम्मेदार हैं?
बाइट-1-आरपी राणा प्रभारी उप निदेशक कृषि श्रावस्ती 2-विनोद कुमार शुक्ला देवीपाटन मंडल अध्यक्ष किसान यूनियनConclusion: सैयद मसूद कादरी
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