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बहराइच: मेडिकल कॉलेज में कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा, जानिए क्यों - मेडिकल कॉलेज में अग्निशमन यंत्र नहीं

सूरत की घटना को लेकर जहां शासन-प्रशासन अग्नि सुरक्षा को लेकर खासा सतर्क है, वहीं बहराइच में नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज और उससे संबंधित जिला पुरुष और महिला अस्पताल बिना अग्निशमन यंत्रों के धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं.

मेडिकल कालेज में अग्निशमन यंत्र नहीं
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Published : Jun 2, 2019, 8:31 AM IST

बहराइच: बहराइच में बहुप्रतीक्षित मेडिकल कॉलेज शुरू तो हो गया है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं को लेकर सवालों के घेरे में है. जिला महिला और पुरुष अस्पताल को मेडिकल कॉलेज से संबद्ध कर दिया गया है. साथ ही पुरुष अस्पताल में 100 बेड का मेडिसिन वार्ड और महिला अस्पताल में 100 बेड का मैटरनिटी विंग का निर्माण कराया गया है.

मेडिकल कालेज में अग्निशमन यंत्र नहीं
  • अस्पतालों के साथ नवनिर्मित भवनों को आनन-फानन में हैंडओवर कर मरीजों को भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया गया है, लेकिन अग्निशमन यंत्र कार्य नहीं कर रहे हैं.
  • जिलाधिकारी ने जिला पुरुष और महिला अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर सुरक्षा मानकों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं.

पुराने अस्पतालों में अग्निशमन यंत्र नहीं हैं. भवनों में अग्निशमन यंत्र स्थापित हैं, लेकिन अभी काम नहीं कर रहे हैं. शीघ्र शुरू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं.

-डॉ एके साहनी प्रिंसिपल

यह स्थिति बेहद दुखद है कि जिला अस्पताल सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं कर रहा है. जल्द ही मानकों को पूरा कराने के निर्देश दे दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि आपात स्थिति में अग्निशमन संयंत्रों को सदैव एक्टिव रखना चाहिए. साथ ही आपात स्थिति में कैसे बचाव किया जाए, उसके लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित भी करेंगे.

-चन्द्र मोहन शर्मा, मुख्य अग्निशमन अधिकारी

बहराइच: बहराइच में बहुप्रतीक्षित मेडिकल कॉलेज शुरू तो हो गया है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं को लेकर सवालों के घेरे में है. जिला महिला और पुरुष अस्पताल को मेडिकल कॉलेज से संबद्ध कर दिया गया है. साथ ही पुरुष अस्पताल में 100 बेड का मेडिसिन वार्ड और महिला अस्पताल में 100 बेड का मैटरनिटी विंग का निर्माण कराया गया है.

मेडिकल कालेज में अग्निशमन यंत्र नहीं
  • अस्पतालों के साथ नवनिर्मित भवनों को आनन-फानन में हैंडओवर कर मरीजों को भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया गया है, लेकिन अग्निशमन यंत्र कार्य नहीं कर रहे हैं.
  • जिलाधिकारी ने जिला पुरुष और महिला अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर सुरक्षा मानकों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं.

पुराने अस्पतालों में अग्निशमन यंत्र नहीं हैं. भवनों में अग्निशमन यंत्र स्थापित हैं, लेकिन अभी काम नहीं कर रहे हैं. शीघ्र शुरू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं.

-डॉ एके साहनी प्रिंसिपल

यह स्थिति बेहद दुखद है कि जिला अस्पताल सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं कर रहा है. जल्द ही मानकों को पूरा कराने के निर्देश दे दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि आपात स्थिति में अग्निशमन संयंत्रों को सदैव एक्टिव रखना चाहिए. साथ ही आपात स्थिति में कैसे बचाव किया जाए, उसके लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित भी करेंगे.

-चन्द्र मोहन शर्मा, मुख्य अग्निशमन अधिकारी

Intro:एंकर:- सूरत की घटना को लेकर जहां शासन प्रशासन अग्नि सुरक्षा को लेकर खासा सतर्क है . वहीं बहराइच में नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज और उससे संबंध जिला पुरुष और महिला अस्पताल बिना अग्निशमन यंत्रों के धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं . मरीज भर्ती भी हो रहे हैं और उनका इलाज भी हो रहा है . मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डा.ए.के.साहनी का कहना है कि पुराने भवनों में अग्निशमन संयंत्र नहीं लगे हैं . जबकि नए भवनों में स्थापित तो है . लेकिन शुरू नहीं हो सके हैं . डीएम के निर्देश के बावजूद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है . मुख्य अग्निशमन अधिकारी इसे दुखद स्थिति मान रहे हैं .


Body:वीओ:-1- बहराइच में बहुप्रतीक्षित मेडिकल कॉलेज शुरू तो हो गया है . लेकिन बुनियादी सुविधाओं को लेकर उठ रही उंगलियों के चलते सवालों के घेरे में हैं . जिला महिला और पुरुष अस्पताल को मेडिकल कॉलेज से संबद्ध कर दिया गया है साथ ही पुरुष अस्पताल में 100 बेड के मेडिसिन वार्ड और महिला अस्पताल में 100 बेड के मैटरनिटी विंग का निर्माण कराया गया है . अस्पतालों के साथ नवनिर्मित भवनों को आनन-फानन में हैंड ओवर कर मरीजों को भर्ती कर उपचार का कार्य शुरू कर दिया गया है लेकिन कहीं भी अग्निशमन संयंत्र कार्य नहीं कर रहे हैं जिससे मरीजों और उनके तीमारदारों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं जिलाधिकारी ने जिला पुरुष और महिला अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर सुरक्षा मानकों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ ए.के. साहनी का कहना है कि पुरानी अस्पतालों में अग्निशमन संयंत्र स्थापित नहीं है . भवनों में स्थापित तो है लेकिन उन्होंने अभी काम करना शुरू नहीं किया है जिसे शीघ्र शुरू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं .
बाइट:-1-डा.ए.के.साहनी प्रिंसिपल
मुख्य अग्निशमन अधिकारी मोहन शर्मा इस स्थिति को बेहद दुखद मान रहे हैं . उनका कहना है कि आपात स्थिति के संयंत्रों को सदैव एक्टिव रखना चाहिए . उन्होंने कहा कि वह मेडिकल कॉलेज का दौरा कर हालात को देखेंगे . और कर्मचारियों को प्रशिक्षित भी करेंगे .
बाइट:-2-चन्द्र मोहन शर्मा (मुख्य अग्निशमन अधिकारी)


Conclusion:सैयद मसूद कादरी
94 15 15 1963
बहराइच

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