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बहराइच: क्वारंटाइन किए गए लोगों को तनाव से बचाने की नई पहल

यूपी के बहराइच में शेल्टर होम में क्वारंटाइन किए गए लोगों को तनाव से बचाने के लिए पहल की गई है ताकि लोग चिंता ग्रस्त न हों. तनाव ग्रस्त व्यक्तियों के लिए मनोचिकित्सक उपलब्ध कराएं जाएंगे.

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अवसाद को दूर करेंगे मनोचिकित्सक
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Published : Apr 12, 2020, 8:12 AM IST

बहराइच: जिले में शेल्टर होम में क्वारंटाइन किए गए लोगों को अवसाद से बचाने के लिए नई पहल की गई है. चिंता ग्रस्त व्यक्तियों के लिए मनोचिकित्सक उपलब्ध होंगे.

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लोगों को उपलब्ध कराएं जाएगें मनोचिकित्सक

अवसाद को दूर करेंगे मनोचिकित्सक

कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए दूसरे प्रांतों अथवा विदेश से आए लोगों को शेल्टर होम में 14 से 28 दिनों के लिए रखा गया है. इस दौरान आमदनी बंद होने और कहीं जाने को ना मिलने के कारण लोगों में तनाव की स्थिति स्वाभाविक है. वहीं परिवार से दूर और खाली वक्त होने के कारण लोग चिंतित भी हैं. इस समस्या के समाधान के लिए यूनिसेफ की स्टेट मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ विभा त्रिपाठी को ऐसे लोगों की मानसिक दशा नियंत्रित रखने की जिम्मेदारी दी गई है.

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क्वारंटाइन में रखे लोगों के अवसाद को दूर करेंगे मनोचिकित्सक
जिले में विभिन्न शेल्टर होम में 338 व्यक्तियों को 14 से 28 दिनों के लिए रखा गया है. चिकित्सा शिक्षा अधिकारी डॉ. रविन्द्र त्यागी ने बताया कि शेल्टर होम में रखा गया कोई व्यक्ति यदि अधिक चिंता या तनाव महसूस करता है तो उसे मनोचिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए शेल्टर होम के इंचार्ज तनावग्रस्त व्यक्ति की काउंसलिंग यूनिसेफ की मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ विभा त्रिपाठी से कराएंगे.

देखने का नजरिया बदलने की जरूरत

जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डॉक्टर रविंद्र त्यागी ने बताया कि तनाव को नजरिया बदल कर दूर किया जा सकता है. शेल्टर होम में रखना कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए जरूरी है. वह शेल्टर होम में रहकर देश और समाज के लिए अपना योगदान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह समस्या हमेशा रहने वाली नहीं है, जल्द खत्म हो जाएगी.

फोन पर अपनों से करें बातचीत

सगे संबंधियों इष्ट मित्रों से फोन से कॉल करके या संदेश के आदान-प्रदान के जरिए संपर्क में रहना भी एक अच्छा तरीका साबित हो सकता है. इससे जहां एक दूसरे का हालचाल जान सकेंगे. वहीं संबंधों में मिठास भी आएगी.

बहराइच: जिले में शेल्टर होम में क्वारंटाइन किए गए लोगों को अवसाद से बचाने के लिए नई पहल की गई है. चिंता ग्रस्त व्यक्तियों के लिए मनोचिकित्सक उपलब्ध होंगे.

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लोगों को उपलब्ध कराएं जाएगें मनोचिकित्सक

अवसाद को दूर करेंगे मनोचिकित्सक

कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए दूसरे प्रांतों अथवा विदेश से आए लोगों को शेल्टर होम में 14 से 28 दिनों के लिए रखा गया है. इस दौरान आमदनी बंद होने और कहीं जाने को ना मिलने के कारण लोगों में तनाव की स्थिति स्वाभाविक है. वहीं परिवार से दूर और खाली वक्त होने के कारण लोग चिंतित भी हैं. इस समस्या के समाधान के लिए यूनिसेफ की स्टेट मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ विभा त्रिपाठी को ऐसे लोगों की मानसिक दशा नियंत्रित रखने की जिम्मेदारी दी गई है.

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क्वारंटाइन में रखे लोगों के अवसाद को दूर करेंगे मनोचिकित्सक
जिले में विभिन्न शेल्टर होम में 338 व्यक्तियों को 14 से 28 दिनों के लिए रखा गया है. चिकित्सा शिक्षा अधिकारी डॉ. रविन्द्र त्यागी ने बताया कि शेल्टर होम में रखा गया कोई व्यक्ति यदि अधिक चिंता या तनाव महसूस करता है तो उसे मनोचिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए शेल्टर होम के इंचार्ज तनावग्रस्त व्यक्ति की काउंसलिंग यूनिसेफ की मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ विभा त्रिपाठी से कराएंगे.

देखने का नजरिया बदलने की जरूरत

जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डॉक्टर रविंद्र त्यागी ने बताया कि तनाव को नजरिया बदल कर दूर किया जा सकता है. शेल्टर होम में रखना कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए जरूरी है. वह शेल्टर होम में रहकर देश और समाज के लिए अपना योगदान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह समस्या हमेशा रहने वाली नहीं है, जल्द खत्म हो जाएगी.

फोन पर अपनों से करें बातचीत

सगे संबंधियों इष्ट मित्रों से फोन से कॉल करके या संदेश के आदान-प्रदान के जरिए संपर्क में रहना भी एक अच्छा तरीका साबित हो सकता है. इससे जहां एक दूसरे का हालचाल जान सकेंगे. वहीं संबंधों में मिठास भी आएगी.

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