बहराइच : ब्रह्मा की कचहरी माना जाने वाला बहराइच जिला हिमालय की तलहटी में बसा है. यहां से होकर सरयू नदी प्रवाहित होती है. केंद्र और राज्य की सरकार नदियों की साफ-सफाई के लिए करोड़ों का बजट पास कर उनका व्यय कर चुकी है, लेकिन आज भी अपने हालतों पर नदियां तरस खा रही हैं और उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.
नगरपालिका की दिखी उदासीनता
सरयू के झिंगहा घाट की स्थिति बदतर है. घाट पर गंदगी का अंबार फूटा पड़ा है. फटे-पुराने कपड़े और कूड़ा इसके चारों ओर फैला हुआ है, लेकिन नगर पालिका परिषद इसको लेकर अब तक उदासीन है. जिला प्रशासन के लगभग सभी आलाधिकारियों का आवागमन तमाम बार इसी घाट से सटे राज्यमार्ग पर होता है, लेकिन किसी को भी इस घाट की स्थिति नहीं दिखी. तमाम सामाजिक संस्थाओं ने इसकी सफाई का बेड़ा उठाने की बात कही, लेकिन बाद में सब वादे से मुकर गए.
![saryu condition in bahraich](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9853779_189_9853779_1607771800458.png)
...नहीं तो स्थिति होगी भयानक
धरती पर यदि जल के साथ हरियाली बनी रहेगी तो पृथ्वी का अस्तित्व बना रहेगा. जल व जंगल के बिना पृथ्वी को बचाए रखना भी मुश्किल हो जाएगा. समय रहते यदि प्रशासन व जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर नहीं गया तो स्थिति और भी भयानक हो सकती है. जिले में सत्तापक्ष के पांच विधायक व एक कैबिनेट मंत्री के साथ सत्ता के ही दो सांसदों का विभिन्न सीटों पर कब्जा है, लेकिन अब तक किसी को भी इस पावन स्थल का ख्याल नहीं आया. गौरतलब है कि इसी घाट पर हनुमान जी की विशालकाय प्रतिमा भी स्थापित है, जहां सैकड़ों भक्त प्रतिदिन दर्शन व पूजन करने आते हैं.