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अपने हालातों पर सिसक रही सरयू, घाट पर लगा गंदगी का अंबार - बहराइच में सरयू की स्थिति

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में सरयू नदी अपने हालातों पर सिसक रही है. इसकी वजह है-घाट पर लगा गंदगी का अंबार. नदियों की साफ-सफाई के लिए करोड़ों का बजट पास किया जाता है, लेकिन इसके बावजूद स्थिति जस की तस बनी रहती है.

saryu condition in bahraich
बहराइच में अपने हालातों पर सिसक रही सरयू.
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Published : Dec 12, 2020, 4:57 PM IST

बहराइच : ब्रह्मा की कचहरी माना जाने वाला बहराइच जिला हिमालय की तलहटी में बसा है. यहां से होकर सरयू नदी प्रवाहित होती है. केंद्र और राज्य की सरकार नदियों की साफ-सफाई के लिए करोड़ों का बजट पास कर उनका व्यय कर चुकी है, लेकिन आज भी अपने हालतों पर नदियां तरस खा रही हैं और उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

जानकारी देते संवाददाता.
सदियों से आस्था का विषय बना हुआ है सरयू का घाट
शहर के पश्चिम छोर से बहने वाली सरयू नदी के झिंगहा घाट पर वर्षों से नगर क्षेत्र के लोग अपनी आस्था के चलते विभिन्न पर्वों में पूजा करने के लिए आते हैं. इस घाट पर ही गणेश पूजा, नवदुर्गा पूजा की प्रतिमाओं का विसर्जन होता है. छठ पूजा में इस घाट पर अलौकिक दृश्य देखने को मिलता है. जिले की ऐतिहासिक रामलीला भी इसी सरयू नदी के पावन तट पर होती चली आ रही है, लेकिन आज अपने हालातों पर सरयू नदी टप-टप आंसू बहाती शांत बैठी हुई है.

नगरपालिका की दिखी उदासीनता
सरयू के झिंगहा घाट की स्थिति बदतर है. घाट पर गंदगी का अंबार फूटा पड़ा है. फटे-पुराने कपड़े और कूड़ा इसके चारों ओर फैला हुआ है, लेकिन नगर पालिका परिषद इसको लेकर अब तक उदासीन है. जिला प्रशासन के लगभग सभी आलाधिकारियों का आवागमन तमाम बार इसी घाट से सटे राज्यमार्ग पर होता है, लेकिन किसी को भी इस घाट की स्थिति नहीं दिखी. तमाम सामाजिक संस्थाओं ने इसकी सफाई का बेड़ा उठाने की बात कही, लेकिन बाद में सब वादे से मुकर गए.

saryu condition in bahraich
घाट पर लगा गंदगी का अंबार.

...नहीं तो स्थिति होगी भयानक
धरती पर यदि जल के साथ हरियाली बनी रहेगी तो पृथ्वी का अस्तित्व बना रहेगा. जल व जंगल के बिना पृथ्वी को बचाए रखना भी मुश्किल हो जाएगा. समय रहते यदि प्रशासन व जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर नहीं गया तो स्थिति और भी भयानक हो सकती है. जिले में सत्तापक्ष के पांच विधायक व एक कैबिनेट मंत्री के साथ सत्ता के ही दो सांसदों का विभिन्न सीटों पर कब्जा है, लेकिन अब तक किसी को भी इस पावन स्थल का ख्याल नहीं आया. गौरतलब है कि इसी घाट पर हनुमान जी की विशालकाय प्रतिमा भी स्थापित है, जहां सैकड़ों भक्त प्रतिदिन दर्शन व पूजन करने आते हैं.

बहराइच : ब्रह्मा की कचहरी माना जाने वाला बहराइच जिला हिमालय की तलहटी में बसा है. यहां से होकर सरयू नदी प्रवाहित होती है. केंद्र और राज्य की सरकार नदियों की साफ-सफाई के लिए करोड़ों का बजट पास कर उनका व्यय कर चुकी है, लेकिन आज भी अपने हालतों पर नदियां तरस खा रही हैं और उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

जानकारी देते संवाददाता.
सदियों से आस्था का विषय बना हुआ है सरयू का घाट
शहर के पश्चिम छोर से बहने वाली सरयू नदी के झिंगहा घाट पर वर्षों से नगर क्षेत्र के लोग अपनी आस्था के चलते विभिन्न पर्वों में पूजा करने के लिए आते हैं. इस घाट पर ही गणेश पूजा, नवदुर्गा पूजा की प्रतिमाओं का विसर्जन होता है. छठ पूजा में इस घाट पर अलौकिक दृश्य देखने को मिलता है. जिले की ऐतिहासिक रामलीला भी इसी सरयू नदी के पावन तट पर होती चली आ रही है, लेकिन आज अपने हालातों पर सरयू नदी टप-टप आंसू बहाती शांत बैठी हुई है.

नगरपालिका की दिखी उदासीनता
सरयू के झिंगहा घाट की स्थिति बदतर है. घाट पर गंदगी का अंबार फूटा पड़ा है. फटे-पुराने कपड़े और कूड़ा इसके चारों ओर फैला हुआ है, लेकिन नगर पालिका परिषद इसको लेकर अब तक उदासीन है. जिला प्रशासन के लगभग सभी आलाधिकारियों का आवागमन तमाम बार इसी घाट से सटे राज्यमार्ग पर होता है, लेकिन किसी को भी इस घाट की स्थिति नहीं दिखी. तमाम सामाजिक संस्थाओं ने इसकी सफाई का बेड़ा उठाने की बात कही, लेकिन बाद में सब वादे से मुकर गए.

saryu condition in bahraich
घाट पर लगा गंदगी का अंबार.

...नहीं तो स्थिति होगी भयानक
धरती पर यदि जल के साथ हरियाली बनी रहेगी तो पृथ्वी का अस्तित्व बना रहेगा. जल व जंगल के बिना पृथ्वी को बचाए रखना भी मुश्किल हो जाएगा. समय रहते यदि प्रशासन व जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर नहीं गया तो स्थिति और भी भयानक हो सकती है. जिले में सत्तापक्ष के पांच विधायक व एक कैबिनेट मंत्री के साथ सत्ता के ही दो सांसदों का विभिन्न सीटों पर कब्जा है, लेकिन अब तक किसी को भी इस पावन स्थल का ख्याल नहीं आया. गौरतलब है कि इसी घाट पर हनुमान जी की विशालकाय प्रतिमा भी स्थापित है, जहां सैकड़ों भक्त प्रतिदिन दर्शन व पूजन करने आते हैं.

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