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बहराइच में दलित प्रधान की हत्या: 45 दिन से धरने पर बैठा पीड़ित परिवार, मायावती ने ट्वीट कर उठाया मामला

जिले के थाना जरवल क्षेत्र के करनैडीह गांव में वर्तमान 16 जून को चुनावी रंजिश में दलित प्रधान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद न्याय के लिए 45 दिन से पीड़ित परिवार धरने पर बैठा है. इस मामले को लेकर आज पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर सवाल उठाए. मायावती ने इसे बेहद दुखद बताया है.

धरने पर बैठा पीड़ित परिवार
धरने पर बैठा पीड़ित परिवार
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Published : Aug 3, 2021, 10:18 PM IST

बहराइच: प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज ट्वीट कर दलित प्रधान की हत्या का मामला उठाया है. मायावती ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए लिखा कि 'बहराइच में सामान्य सीट से नवनिर्वाचित दलित प्रधान की हत्या के नामित लोगों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर उनके परिवार के लोग जिला कलेक्ट्रेट के सामने लगातार धरने पर बैठ रहे हैं, लेकिन यूपी सरकार खामोश है. यह अति-दुःखद.'

बता दें कि जिले के थाना जरवल क्षेत्र के करनैडीह गांव में वर्तमान 16 जून को चुनावी रंजिश में दलित प्रधान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पीड़ित परिजनों ने चार आरोपियों के खिलाफ नामजद तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस के द्वारा अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है,इससे क्षेत्रीय लोगों में नाराजगी है. बता दें कि न्याय के लिए 45 दिन से पीड़ित परिवार धरने पर बैठा है.
मृतक दलित प्रधान के पुत्र का कहना है कि उनके पिता की हत्या अपराधियों द्वारा गोली मारकर की गई थी. इस संबंध में अभी तक पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है. पुलिस प्रशासन की मिली-भगत से अपराधी गिरफ्त से दूर हैं. खुद को बचाने के लिए आरोपी हम पर निराधार आरोप प्रत्यारोप करते हैं.

45 दिन से धरने पर बैठा पीड़ित परिवार

पीड़ित ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के ट्वीट के बाद आज बहराइच एसपी ने बुलवाया था और न्याय का आश्वासन दिया है, लेकिन पीड़ित का कहना है, अब वह अपना धरना आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद खत्म करेंगे.

  • बहराइच में सामान्य सीट से नवनिर्वाचित दलित प्रधान की हत्या के नामित लोगों की गिरफ्तारी की माँग को लेकर उनके परिवार के लोग जिला कलेक्ट्रेट के सामने लगातार धरने पर बैठ रहे हैं लेकिन यूपी सरकार खामोश है, यह अति-दुःखद।

    — Mayawati (@Mayawati) August 3, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
बता दें कि बहराइच के थाना जरवल के करनई गांव में 16 जून को नव निर्वाचित प्रधान राम मनोरथ पर घर में सोते समय कुछ लोगों ने हमला किया था. घटना के बाद घायल प्रधान को बहराइच के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालात नाजुक होने पर डॉक्टरों ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया था. लखनऊ में इलाज के दौरान 20 जून को प्रधान की मौत हो गई. जिसके बाद मृतक के बेटे ने आरोप लगाया है कि उसके पिता पर चुनावी रंजिश की वजह से हमला हुआ था. जिसमें उनकी जान गई थी.

इसे भी पढ़ें- चुनावी रंजिश में प्रधान पर जानलेवा हमला, ट्रॉमा सेंटर रेफर

बहराइच: प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज ट्वीट कर दलित प्रधान की हत्या का मामला उठाया है. मायावती ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए लिखा कि 'बहराइच में सामान्य सीट से नवनिर्वाचित दलित प्रधान की हत्या के नामित लोगों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर उनके परिवार के लोग जिला कलेक्ट्रेट के सामने लगातार धरने पर बैठ रहे हैं, लेकिन यूपी सरकार खामोश है. यह अति-दुःखद.'

बता दें कि जिले के थाना जरवल क्षेत्र के करनैडीह गांव में वर्तमान 16 जून को चुनावी रंजिश में दलित प्रधान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पीड़ित परिजनों ने चार आरोपियों के खिलाफ नामजद तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस के द्वारा अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है,इससे क्षेत्रीय लोगों में नाराजगी है. बता दें कि न्याय के लिए 45 दिन से पीड़ित परिवार धरने पर बैठा है.
मृतक दलित प्रधान के पुत्र का कहना है कि उनके पिता की हत्या अपराधियों द्वारा गोली मारकर की गई थी. इस संबंध में अभी तक पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है. पुलिस प्रशासन की मिली-भगत से अपराधी गिरफ्त से दूर हैं. खुद को बचाने के लिए आरोपी हम पर निराधार आरोप प्रत्यारोप करते हैं.

45 दिन से धरने पर बैठा पीड़ित परिवार

पीड़ित ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के ट्वीट के बाद आज बहराइच एसपी ने बुलवाया था और न्याय का आश्वासन दिया है, लेकिन पीड़ित का कहना है, अब वह अपना धरना आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद खत्म करेंगे.

  • बहराइच में सामान्य सीट से नवनिर्वाचित दलित प्रधान की हत्या के नामित लोगों की गिरफ्तारी की माँग को लेकर उनके परिवार के लोग जिला कलेक्ट्रेट के सामने लगातार धरने पर बैठ रहे हैं लेकिन यूपी सरकार खामोश है, यह अति-दुःखद।

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बता दें कि बहराइच के थाना जरवल के करनई गांव में 16 जून को नव निर्वाचित प्रधान राम मनोरथ पर घर में सोते समय कुछ लोगों ने हमला किया था. घटना के बाद घायल प्रधान को बहराइच के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालात नाजुक होने पर डॉक्टरों ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया था. लखनऊ में इलाज के दौरान 20 जून को प्रधान की मौत हो गई. जिसके बाद मृतक के बेटे ने आरोप लगाया है कि उसके पिता पर चुनावी रंजिश की वजह से हमला हुआ था. जिसमें उनकी जान गई थी.

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