बहराइचः जिले में सरयू-घाघरा के पास बसे गांव डूबने की कगार पर हैं. नेपाल से पानी छोड़ने के कारण 12 गांवों में पानी घुस गया है, जिससे लोगों को तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. नानपारा तहसील के बंजरिया पतरहिया सहित कई गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं. लोग बाढ़ के डर से गांव से निकलने की कोशिश में हैं. सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए लोग अपने कंधों और साइकिल पर जरूरी समान लादकर गांव से सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं.
गौरतलब है कि ग्रामीण प्रशासन पर हालात को नजरअंदाज करने का आरोप लगा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में लोग परेशान है. लेकिन, प्रशासन की तरफ से उन्हे गांव से सुरक्षित निकालने और किसी भी प्रकार की कोई राहत नहीं दी जा रही है. अब जिलाधिकारी के तैयारियों के दावे हुए फेल नजर आ रहे हैं. बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि प्रशासन और ग्राम प्रधान ने बाढ़ से ग्रामीणों की सुरक्षित निकलने की कोई व्यवस्था नहीं की.
ग्रामीण सुनीता ने कहा, 'सभी लोग अपने हिसाब से अपनी जान को हाथ में लेकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के लिए मजबूर हैं. जैसे-जैसे रात बाढ़ रही है परेशानियां भी बढ़ रही हैं, क्योंकि अंधेरे में पानी किस तरीके से तबाही मचाएगा इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. अब सिर्फ गंगा मैया और ईश्वर का ही सहारा है कि हम लोगों के प्राण बच सकें. क्योंकि, जिस तरीके से नदी उफान पर है, हमें नहीं लगता है कि अब हम लोगों के घर और गांव सुरक्षित रहे पाएंगे.' बता दें कि ग्रामीण बाढ़ के पानी को देखकर काफी भयभीत हैं.
ये भी पढ़ेंः UPSRTC पायलट प्रोजेक्ट के तहत चलाएगा 100 इलेक्ट्रिक बसें, 10 शहरों में स्थापित होंगे चार्जिंग स्टेशन