बहराइच: जिले के कतर्नियाघाट संरक्षित वन्यजीव प्रभाग क्षेत्र में स्थित चौधरी चरण सिंह बैराज के गेट संख्या 18 में तेंदुआ फंसे होने की सूचना पर इलाके में हड़कंप मच गया. सूचना के बाद वन विभाग की टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. करीब आधे से एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बैराज से तेंदुआ नहीं फिशिंग कैट निकली, जिसे देखकर लोग हैरान रह गए. वन विभाग की टीम ने बैराज से सुरक्षित निकालकर फिशिंग कैट को महादेव ताल के पास बैराज पर छोड़ दिया है.
- चौधरी चरण सिंह बैराज के गेट नंबर 18 में तेंदुए के फंसे होने की सूचना पर इलाके में हड़कंप मच गया.
- सूचना पर वन विभाग की टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया.
- फिशिंग कैट देखने में तेंदुए से कई गुना छोटी होती है.
- फिशिंग कैट मछली का शिकार करती है. बैराज का गेट बंद होने से वह उसमें फंस गई थी.
- वन विभाग की टीम ने फिशिंग कैट को सुरक्षित निकालकर महादेव ताल के पास छोड़ दिया.
- फिशिंग कैट, बिल्ली की प्रजाति का दुर्लभ जीव है.
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सूचना मिली थी कि तेंदुए का बच्चा गिरजापुरी बैराज में फंसा है. वन विभाग की टीम तत्काल उसे बैराज से बाहर निकालने के लिए मौके पर पहुंची. रेस्क्यू ऑपरेशन काफी खतरनाक था. आधे घंटे के सफल ऑपरेशन के बाद बैराज में फंसे वन्यजीव को सुरक्षित निकाला गया, जिसके बाद उसे महादेव ताल के पास छोड़ दिया गया.
-पीयूष मोहन श्रीवास्तव, वन क्षेत्राधिकारी कतर्नियाघाट रेंज