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अस्सी करोड़ घोटाले के आरोप में डीपीआरओ निलंबित, जानिए पूरा मामला - घोटाले के आरोप में डीपीआरओ निलंबित

यूपी के बहराइच में जिला पंचायत राज अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. जिला पंचायत राज अधिकारी पर 80 करोड़ के घोटाले का आरोप लगा है.

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Published : May 16, 2023, 7:26 AM IST

बहराइच : जनपद में 80 करोड़ के घोटाले के आरोप में जिला पंचायत राज अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. बहराइच जिले के डीपीआरओ पर शौचालय निर्माण और अनुमानित दर से अधिक मूल्य का भुगतान संबंधित फर्म को करने का आरोप है. डीपीआरओ पर 80 करोड़ के घोटाले का आरोप लगने के बाद शासन की ओर से कार्रवाई की गई है.

जनपद बहराइच में जिला पंचायत राज अधिकारी के पद पर तैनात उमाकांत पांडे लगभग तीन वर्ष से जनपद में तैनात हैं. उनके खिलाफ करोड़ों के घोटाले का आरोप लग चुका है, जिसकी जांच जिलाधिकारी की संस्तुति पर शासन ने करवाई थी. शासन की टीम ने जिले में उनकी तैनाती के दौरान हुए शौचालय निर्माण, होर्डिंग लगाने के मद में किए गए भुगतान की जांच करवाई गई, लेकिन जांच का मामला बहुत दिनों से शांत हो गया था, लेकिन अचानक शासन की ओर से जिला पंचायत राज अधिकारी को निलंबित करने का आदेश अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने 13 मई को जारी किया. आदेश सोमवार को जनपद में पहुंचा तो जिले में चर्चा जोरों से शुरु हो गई.

80 करोड़ के घोटाले का है आरोप : जिला पंचायत राज अधिकारी के खिलाफ सर्वप्रथम जिलाधिकारी शंभू कुमार ने जांच कराई थी, जिनका तबादला हो चुका है. जिसमें 19 जुलाई 2017 को जनपद के विभिन्न ब्लाकों में लगवाए गए होर्डिंग में अनुमानित दर से अधिक मूल्य का भुगतान करने का आरोप है. इसके अलावा शौचालय निर्माण में घोटाले का आरोप है कि बिना शौचालय निर्माण के ही कई ब्लाकों का धन निकाल लिया गया.

बहराइच : जनपद में 80 करोड़ के घोटाले के आरोप में जिला पंचायत राज अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. बहराइच जिले के डीपीआरओ पर शौचालय निर्माण और अनुमानित दर से अधिक मूल्य का भुगतान संबंधित फर्म को करने का आरोप है. डीपीआरओ पर 80 करोड़ के घोटाले का आरोप लगने के बाद शासन की ओर से कार्रवाई की गई है.

जनपद बहराइच में जिला पंचायत राज अधिकारी के पद पर तैनात उमाकांत पांडे लगभग तीन वर्ष से जनपद में तैनात हैं. उनके खिलाफ करोड़ों के घोटाले का आरोप लग चुका है, जिसकी जांच जिलाधिकारी की संस्तुति पर शासन ने करवाई थी. शासन की टीम ने जिले में उनकी तैनाती के दौरान हुए शौचालय निर्माण, होर्डिंग लगाने के मद में किए गए भुगतान की जांच करवाई गई, लेकिन जांच का मामला बहुत दिनों से शांत हो गया था, लेकिन अचानक शासन की ओर से जिला पंचायत राज अधिकारी को निलंबित करने का आदेश अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने 13 मई को जारी किया. आदेश सोमवार को जनपद में पहुंचा तो जिले में चर्चा जोरों से शुरु हो गई.

80 करोड़ के घोटाले का है आरोप : जिला पंचायत राज अधिकारी के खिलाफ सर्वप्रथम जिलाधिकारी शंभू कुमार ने जांच कराई थी, जिनका तबादला हो चुका है. जिसमें 19 जुलाई 2017 को जनपद के विभिन्न ब्लाकों में लगवाए गए होर्डिंग में अनुमानित दर से अधिक मूल्य का भुगतान करने का आरोप है. इसके अलावा शौचालय निर्माण में घोटाले का आरोप है कि बिना शौचालय निर्माण के ही कई ब्लाकों का धन निकाल लिया गया.

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