ETV Bharat / state

बहराइच: मगरमच्छ के बढ़ते हमलों से ग्रामीण भयभीत

यूपी के बहराइच में एक वृद्ध पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया. बीते दो माह में दर्जनभर लोग मगरमच्छ के हमलों का शिकार हुए हैं.

बहराइच में वृद्ध पर मगरमच्छ ने किया हमला.
author img

By

Published : Jul 10, 2019, 2:43 PM IST

बहराइच: जनपद के कतर्नियाघाट रेंज के चहलवा गांव निवासी वृद्ध हर्बल सिंह पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया. हमले के समय वह शौच के लिए सरयू नहर के किनारे गए थे. तभी मगरमच्छ ने उनका हाथ अपने जबड़े में दबा लिया और उन्हें पानी की ओर खींचने लगा. वृद्ध की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोगों ने किसी तरह से वृद्ध को मगरमच्छ के चंगुल से छुड़ाया.

बहराइच में वृद्ध पर मगरमच्छ ने किया हमला.

जानें पूरा मामला

  • मामला कतर्नियाघाट रेंज के चहलवा गांव का है, जहां शौच के लिए गए हर्बल सिंह पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया.
  • वृद्ध के चिल्लाने पर आसपास के लोगों ने किसी तरह से उनको मगरमच्छ के चंगुल से छुड़ाया.
  • बीते दो माह के दौरान लगभग 12 लोग मगरमच्छ के हमलों का शिकार हुए हैं.
  • करीब आधा दर्जन लोगों की मगरमच्छ के हमले से मौत भी हो चुकी है.
  • डीएफओ ज्ञान प्रकाश सिंह मगरमच्छों के कतर्निया घाट से सटे नदी-नालों में जाने के लिए बाढ़ को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं .
  • उनका कहना है कि बाढ़ के चलते मगरमच्छ घाघरा और गिरवा नदी से निकलकर पानी के साथ आसपास के नदी-नालों और नहर में पहुंच जाते हैं.

अब तक तीन लोगों की मगरमच्छ के हमले से मौत हो चुकी है, जबकि आधा दर्जन लोग घायल हुए हैं. लोग कतर्नियाघाट से सटे नदी-नालों के पानी का इस्तेमाल सावधानी से करें. कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र के नदी-नालों की सफाई के लिए योजना तैयार की गई है. बजट मिलते ही इस दिशा में प्रयास किए जाएंगे, ताकि दुर्लभ वन्य जीव बाढ़ के पानी के साथ बहकर आसपास के नदी-नालों तक न पहुंचे.
-ज्ञान प्रकाश सिंह, डीएफओ

बहराइच: जनपद के कतर्नियाघाट रेंज के चहलवा गांव निवासी वृद्ध हर्बल सिंह पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया. हमले के समय वह शौच के लिए सरयू नहर के किनारे गए थे. तभी मगरमच्छ ने उनका हाथ अपने जबड़े में दबा लिया और उन्हें पानी की ओर खींचने लगा. वृद्ध की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोगों ने किसी तरह से वृद्ध को मगरमच्छ के चंगुल से छुड़ाया.

बहराइच में वृद्ध पर मगरमच्छ ने किया हमला.

जानें पूरा मामला

  • मामला कतर्नियाघाट रेंज के चहलवा गांव का है, जहां शौच के लिए गए हर्बल सिंह पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया.
  • वृद्ध के चिल्लाने पर आसपास के लोगों ने किसी तरह से उनको मगरमच्छ के चंगुल से छुड़ाया.
  • बीते दो माह के दौरान लगभग 12 लोग मगरमच्छ के हमलों का शिकार हुए हैं.
  • करीब आधा दर्जन लोगों की मगरमच्छ के हमले से मौत भी हो चुकी है.
  • डीएफओ ज्ञान प्रकाश सिंह मगरमच्छों के कतर्निया घाट से सटे नदी-नालों में जाने के लिए बाढ़ को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं .
  • उनका कहना है कि बाढ़ के चलते मगरमच्छ घाघरा और गिरवा नदी से निकलकर पानी के साथ आसपास के नदी-नालों और नहर में पहुंच जाते हैं.

अब तक तीन लोगों की मगरमच्छ के हमले से मौत हो चुकी है, जबकि आधा दर्जन लोग घायल हुए हैं. लोग कतर्नियाघाट से सटे नदी-नालों के पानी का इस्तेमाल सावधानी से करें. कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र के नदी-नालों की सफाई के लिए योजना तैयार की गई है. बजट मिलते ही इस दिशा में प्रयास किए जाएंगे, ताकि दुर्लभ वन्य जीव बाढ़ के पानी के साथ बहकर आसपास के नदी-नालों तक न पहुंचे.
-ज्ञान प्रकाश सिंह, डीएफओ

Intro:एंकर- बहराइच के कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार और उसके आसपास के नदी नालों में मगरमच्छ के हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं . लगातार हो रहे हैं मगरमच्छों के हमले से ग्रामीण भयभीत हैं . बीते 2 माह के दौरान दर्जनभर लोग मगरमच्छ के हमलों का शिकार हुए हैं . करीब आधा दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है हालांकि डीएफओ ज्ञान प्रकाश सिंह तीन मौतों की बात स्वीकार रहे हैं . वह मगरमच्छो के कतरनिया घाट से सटे नदी नालों में जाने के लिए बाढ़ को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं . उनका कहना है कि बाढ़ के चलते मगरमच्छ घाघरा और गिरवा नदी से निकलकर बाढ़ के पानी के साथ आसपास के नदी नालों और नहर में पहुंच जाते हैं .


Body:वीओ:-1- बहराइच के कतर्नियाघाट संरक्षित वन जीव प्रभाग और उससे सटे नदी नालों का पानी स्थानीय लोगों के लिए काल बन चुका है . नदी नालों का पानी इस्तेमाल करने वाले लोग मगरमच्छों के हमलों का शिकार हो रहे हैं . ताजा हमला कतरनिया घाट रेंज के चहलवा गांव निवासी वृद्ध हर्बल सिंह पर हुआ है . वह सरजू नहर के किनारे शौच को गए थे . शौच के दौरान पानी से निकलकर मगरमच्छ ने उन पर हमला कर दिया . मगरमच्छ ने उनका हाथ अपने जबड़े में दबा लिया . और उन्हें पानी की ओर खींचने लगा . वृद्ध की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोगों ने दौड़ कर किसी तरह से वृद्ध को मगरमच्छ के चंगुल से छुड़ाया . यह कोई पहला मौका नहीं है . इसके पहले दर्जनों लोग मगरमच्छ के हमलों का शिकार हो चुके हैं . कई को अपनी जान गंवानी पड़ी है . ग्रामीण कतरनिया घाट से सके नदी नालों में अपने जानवरों को नहलाने,पानी पिलाने, कपड़ा धुलने और नहाने के साथ-साथ शौच के पानी के रूप में इस्तेमाल करते हैं . जिसके चलते वह अक्सर हादसे का शिकार होते हैं . डीएफओ कतरनिया घाट का कहना है कि अब तक तीन लोगों की मगरमच्छ के हमले में मौत हो चुकी है . जबकि आधा दर्जन लोग घायल हुए हैं . उन्होंने लोगों को सावधान किया है कि वह कतरनिया घाट से सटे नदी नालों के पानी का इस्तेमाल सावधानी से करें . उनका कहना है कि बाढ़ के चलते घाघरा और गिरवा से मगरमच्छ बाढ़ के पानी में बहकर आसपास के नदी नालों और नहरो तक पहुंच जाते हैं . उन नदी नालों का पानी इस्तेमाल करने पर स्थानीय लोग हादसे का शिकार होते हैं . उन्होंने बताया कि कतरनिया घाट संरक्षित वन क्षेत्र के नदी नालों की सफाई के लिए योजना तैयार की गई है . बजट मिलते ही इस दिशा में प्रयास किए जाएंगे . ताकि दुर्लभ वन्य जीव बाढ़ के पानी के साथ बहकर आसपास के नदी नालों और नहरो तक ना पहुंचे .
बाइट:-1-ज्ञान प्रकाश सिंह (डीएफओ कतर्नियाघाट)


Conclusion:सय्यद मसूद कादरी
9415151963
बहराइच
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.