बहराइच: जिले में सरकारी धन के गबन का मामला सामने आया है. इस पर कार्रवाई करते हुए अधिशाषी अभियंता और एक्सिस बैंक के एक शाखा प्रबंधक के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. जिले के 762 उच्च प्राथमिक विद्यालय में फर्नीचर आपूर्ति का जिम्मा उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव प्रोसेसिंग कोल्ड स्टोरेज दरगाह को सौंपा गया था. इसकी निविदा 22 सितंबर 2021 को निकाली गई थी. लेकिन, अब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने डीएम के आदेश पर दरगाह थाने में एक्सिस बैंक के शाखा प्रबंधक और कार्यकारी संस्था के अधिशासी अभियंता पर सरकारी धन के गबन का मुकदमा दर्ज कराया है. साथ ही संबंधित कार्यदाई संस्था को ब्लैक लिस्ट भी कर दिया गया है.
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राम तिवारी के मुताबिक 24,135 फर्नीचर की सभी विद्यालयों में आपूर्ति करनी थी. प्रति फर्नीचर पर 4760 रुपये की कीमत संबंधित संस्था ने लगायी था. फर्नीचर आपूर्ति की बैंक गारंटी की धनराशि 32,20,575 रुपये खाते में जमा कर दिया गया. लेकिन, समय अवधि पूरी होने के बाद भी डेस्क-बेंच की आपूर्ति उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नहीं की गयी. एक्सिस बैंक के शाखा प्रबंधक की मिलीभगत से बजट भी निकाल लिया गया.
इसके बाद जिलाधिकारी मोनिका रानी ने 8 जुलाई 2023 को फर्म का अनुबंध निरस्त करते हुए 10 जुलाई को कार्यदाई संस्था को ब्लैक लिस्ट कर दिया था. साथ ही उन्होंने इसकी रिपोर्ट शासन को भी भेज दी. अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर जिलाधिकारी ने बीएसए को कार्रवाई का निर्देश दिया, इसके साथ ही गारंटी धनराशि को भी जब्त करने के निर्देश दिया. इसके बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बुधवार को दरगाह थाने में तहरीर देकर कार्यदाई संस्था उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव प्रोसेसिंग कोल्ड स्टोरेज के अधिशाषी अभियंता दिलीप शुक्ला और दरगाह क्षेत्र के डिगिहा में संचालित एक्सिस बैंक के शाखा प्रबंधक के विरुद्ध सरकारी धन के गबन का केस दर्ज कराया.
अपर पुलिस अधीक्षक शहर कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि जिले के बेसिक शिक्षा के विद्यालयों में बेंच और कुर्सी की निविदा आवंटित की गई थी. इसमें जिस कार्यदाई संस्था का चयन किया गया था. उसको निर्धारित दर और मानक के अनुसार फर्नीचर की सप्लाई करनी थी. लेकिन, उसमें असफल रहने पर उनकी निविदा निरस्त कर दी गई. इसके बाद संस्था ने जब्ती की धनराशि को बैंक की मिलीभगत से भुगतान करा लिया. इसकी सूचना होने पर दरगाह शरीफ थाने में बैंक मैनेजर और संस्था के प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. गौरतलब है कि विद्यालयों में फर्नीचर आपूर्ति के लिए करोड़ों रुपए सरकार की ओर से भेजे गए, इसका बंदरबांट कर लिया गया. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है.
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