बहराइच: जिले में भारत-नेपाल सीमा पर स्थित चर्दा तहसील में कोविड अस्पताल बनेगा. कोरोना संक्रमितों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए शासन ने ग्रामीण क्षेत्र में कोविड अस्पताल बनाने का निर्णय लिया है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कैसरगंज व चर्दा को कोविड अस्पताल में परिवर्तित किया जाएगा. पहले चक्र में चर्दा सीएचसी में कोरोना संक्रमितों को उपचार के लिए भर्ती किया जाएगा. इसके बाद दूसरे फेज में सीएचसी कैसरगंज को कोविड अस्पताल के रूप में परिवर्तित किया जाएगा.
होंगे 50-50 बेड
संक्रमित मरीजों की संख्या में हो रही बढ़ोत्तरी ने जिम्मेदारों के माथे पर बल ला दिया है. मंडल के बलरामपुर, श्रावस्ती व गोंडा समेत कई अन्य जिलों के संक्रमित मरीज भी बेहतर उपचार की आस में मेडिकल कॉलेज पहुंच रहे हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों के बेहतर उपचार को लेकर अब जिले के दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को कोविड अस्पताल बनाया जाएगा.
इन अस्पतालों में 50-50 बेड की क्षमता होगी. 50 बेड के अस्पताल में ऑक्सीजन व दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था होगी. इसमें आने वाले मरीजों को बेहतर उपचार मिलेगा. नेपाल सीमा से सटे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चर्दा को प्राथमिकता के तौर पर कोविड अस्पताल के रूप में शुरू किया जाएगा. पहले फेज में इसकी शुरुआत के बाद दूसरे फेज में कैसरगंज को भी कोविड अस्पताल में परिवर्तित किया जाएगा.
चर्दा सीएचसी में तैनात स्टाफ का विवरण
चिकित्सक - छह
स्टाफ नर्स - तीन
एलटी - एक
वार्ड ब्वाॅय - तीन
फार्मासिस्ट - दो
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ये बोले सीएमओ
जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजेश मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों के बेहतर इलाज को लेकर चर्दा व कैसरगंज सीएचसी को कोविड अस्पताल बनाया जा रहा है. कोविड अस्पताल बनने से दूरदराज से मेडिकल कॉलेज आने वाले मरीजों को राहत मिलेगी. चिकित्सकों की टीम लगातार कोविड अस्पतालों की व्यवस्था पर नजर रखेगी.