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बहराइच: सरकारी राशन गोदाम पर भ्रष्टाचार, कोटेदारों ने की डीएम से शिकायत - corruption-at-government-ration-godown

यूपी के बहराइच में सरकारी राशन गोदाम पर भ्रष्टाचार खुलेआम हो रहा है. इससे परेशान कोटेदारों ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई है. कोटेदारों ने जिलाधिकारी समेत उच्च अधिकारियों को शिकायती पत्र देकर भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है.

corruption on government ration warehouse
सरकारी राशन गोदाम में भ्रष्टाचार
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Published : Jun 22, 2020, 12:42 PM IST

Updated : Jun 22, 2020, 6:29 PM IST

बहराइच: जिले के फखरपुर में सरकारी राशन के गोदाम पर भ्रष्टाचार का खेल खुलेआम चल रहा है. इससे परेशान कोटेदारों ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई है. यहां पर राशन कटौती के साथ ही धन उगाही तेजी से की जा रही है. सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली गरीबों का पेट भरने के लिए शुरू की थी. लेकिन यह प्रणाली भ्रष्टाचार की तरफ बढ़ती जा रही है.

कोटेदारों ने की शिकायत
जानकारी के अनुसार, गरीबों को मिलने वाला राशन लाभर्थियों तक पहुंचने से पहले ही प्रति यूनिट पर एक किलो कम हो जाता है. कई गांवों में कोटेदारों को इसका जबरदस्त विरोध झेलना पड़ रहा है. कोरोना महामारी और लॉकडाउन में गोदामों पर हो रहे भ्रष्टाचार, कोटेदारों पर भारी पड़ रहा है. इसको लेकर फखरपुर ब्लॉक के कोटेदार मीना, मायावती, अम्बरीश कुमार, राजकुमार, सरोजकुमारी, शिवकुमार, समेत लगभग 24 से अधिक कोटेदारों ने जिलाधिकारी समेत उच्च अधिकारियों को शिकायती पत्र देकर भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है.

दिए गए पत्र में बताया कि होम स्टेप डिलीवरी ठेकेदारों की तरफ से की जाती है. ठेकेदार, दस रुपया प्रतिकुंतल लोडिंग, अनलोडिंग पल्लेदारी और तेल के नाम 200 रुपया सख्ती से वसूलते हैं. पूछने पर कोटेदारों से बदसलूकी की जाती है. कोटेदारों का कहना कि शासन के नियमानुसार लोडिंग, अनलोडिंग में किसी प्रकार पैसा देना नहीं है.

अगर किसी कोटेदार ने मुझसे मौखिक शिकायत की तो पैसा देने के लिए मना कर दिया जाता है. अगर कोटेदार गोदाम के अंदर राशन उतारते हैं तो पल्लेदारी ली जाती है. गोदाम के बाहर नि:शुल्क है . अगर किसी कोटेदार ने लिखित शिकायत की तो जांच कराई जाएगी.
-उमेश कुमार पांडे, गोदाम प्रभारी

बहराइच: जिले के फखरपुर में सरकारी राशन के गोदाम पर भ्रष्टाचार का खेल खुलेआम चल रहा है. इससे परेशान कोटेदारों ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई है. यहां पर राशन कटौती के साथ ही धन उगाही तेजी से की जा रही है. सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली गरीबों का पेट भरने के लिए शुरू की थी. लेकिन यह प्रणाली भ्रष्टाचार की तरफ बढ़ती जा रही है.

कोटेदारों ने की शिकायत
जानकारी के अनुसार, गरीबों को मिलने वाला राशन लाभर्थियों तक पहुंचने से पहले ही प्रति यूनिट पर एक किलो कम हो जाता है. कई गांवों में कोटेदारों को इसका जबरदस्त विरोध झेलना पड़ रहा है. कोरोना महामारी और लॉकडाउन में गोदामों पर हो रहे भ्रष्टाचार, कोटेदारों पर भारी पड़ रहा है. इसको लेकर फखरपुर ब्लॉक के कोटेदार मीना, मायावती, अम्बरीश कुमार, राजकुमार, सरोजकुमारी, शिवकुमार, समेत लगभग 24 से अधिक कोटेदारों ने जिलाधिकारी समेत उच्च अधिकारियों को शिकायती पत्र देकर भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है.

दिए गए पत्र में बताया कि होम स्टेप डिलीवरी ठेकेदारों की तरफ से की जाती है. ठेकेदार, दस रुपया प्रतिकुंतल लोडिंग, अनलोडिंग पल्लेदारी और तेल के नाम 200 रुपया सख्ती से वसूलते हैं. पूछने पर कोटेदारों से बदसलूकी की जाती है. कोटेदारों का कहना कि शासन के नियमानुसार लोडिंग, अनलोडिंग में किसी प्रकार पैसा देना नहीं है.

अगर किसी कोटेदार ने मुझसे मौखिक शिकायत की तो पैसा देने के लिए मना कर दिया जाता है. अगर कोटेदार गोदाम के अंदर राशन उतारते हैं तो पल्लेदारी ली जाती है. गोदाम के बाहर नि:शुल्क है . अगर किसी कोटेदार ने लिखित शिकायत की तो जांच कराई जाएगी.
-उमेश कुमार पांडे, गोदाम प्रभारी

Last Updated : Jun 22, 2020, 6:29 PM IST
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