बहराइच: जिले में भारत नेपाल की खुली सीमा मानव तस्करों के लिए वरदान साबित हो रही है. भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा प्रतिवर्ष सैकड़ों महिलाओं को पकड़कर नेपाली सुरक्षाबलों और एनजीओ को सुपुर्द किए जाने के बावजूद मानव तस्करी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. मानव तस्करी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए भारत-नेपाल के अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सीमा पर कॉन्फ्रेंस कर इस पर अंकुश लगाने की दिशा में मंथन शुरू किया है.
बहराइच की भारत-नेपाल सीमा पर मानव तस्करी का मुद्दा ज्वलंत समस्या बना हुआ है. नेपाल से मानव तस्कर प्रतिवर्ष सैकड़ों महिलाओं और बालिकाओं को नौकरी का झांसा देकर खाड़ी देशों में भेजने के प्रयास में लगे रहते हैं. भारतीय सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के चलते सैकड़ों महिलाएं और बालिकाएं प्रतिवर्ष पकड़कर नेपाल पुलिस और एनजीओ के सुपुर्द की जाती हैं. इसके बावजूद तस्करी की घटनाएं निरंतर जारी हैं.
आयोजित की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस
ज्वलंत समस्या पर अंकुश लगाने के लिए कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें इंडो-नेपाल के अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. उत्तर प्रदेश के बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जनपदों में भारत नेपाल की खुली सीमा से मानव तस्कर अपनी गतिविधियों को अंजाम देने की फिराक में लगे रहते हैं. भारत-नेपाल की खुली सीमा पर सशक्त सीमा बल पुलिस और स्वैच्छिक संस्थाएं मानव तस्करी के विरुद्ध निरंतर कार्य कर रही हैं.
बहराइच में भारत -नेपाल की खुली सीमा काफी लंबी है. सीमा पर बाड़ लगाकर इस समस्या पर अंकुश लगाया जा सकता है. इस पर भारत सरकार विचार कर रही है.
- अक्षयवरलाल गौड़, भाजपा सांसद
सीमा पर सभी मानव तस्करी रोकने के लिए हम काम कर रहे हैं, लेकिन मानव तस्करी के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं. इससे प्रतीत होता है कि जितनी प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए वो नहीं हो पा रही है. इसके लिए जिस तरह का आज कार्यक्रम हुआ है, उससे हम और प्रभावी कदम उठा सकते हैं.
-अभिषेक पाठक, उप महानिरीक्षक, सशस्त्र सीमा बल