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गेरूआ नदी में बोटिंगः पर्यटकों की जान से खिलवाड़ - बहराइच में नियम के खिलाफ बोटिंग

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की गेरूआ नदी में नियमों के विरुद्ध बोटिंग कराई जा रही है. नदी में एक बोट में नियम से कहीं अधिक लोग बैठाए जा रहे हैं. इस तरह पर्यटकों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है.

गेरूआ नदी में नियमों के विरुद्ध बोटिंग
गेरूआ नदी में नियमों के विरुद्ध बोटिंग
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Published : Jan 3, 2021, 8:22 AM IST

बहराइच : जिले के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में आने वाले पर्यटकों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है. यहां गेरूआ नदी में घड़ियालों व मगरमच्छों की भरमार है. बावजूद इसके नियमों को ताक पर रखकर एक बोट में दर्जनभर लोगों को बैठाया जा रहा है.

6 लोगों का नियम
शुक्रवार को कतर्नियाघाट में पर्यटकों की खासी भीड़ थी. आने वाले पर्यटक गेरूआ नदी में अठखेलियां करने वाली डॉल्फिन, रेत के टीलों पर धूप सेंकते घड़ियालों व मगरमच्छों को देखने के लिए उत्सुक रहते हैं. गेरूआ नदी में बोटिंग के लिए यहां जो बोट मौजूद हैं, उन पर एक बार में मात्र छह लोगों के बैठने का नियम है, लेकिन वनकर्मी 14 से अधिक पर्यटकों को एक साथ नदी में बोटिंग कराते नजर आए. इनमें महिलाएं व मासूम बच्चे भी शामिल थे. सूत्रों की मानें तो मौके पर तैनात वनकर्मी छह लोगों की रसीद काटकर अन्य से व्यक्तिगत पैसे वसूलकर नदी की सैर करा रहे हैं. ऐसी स्थिति में अगर कोई हादसा हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा, इस सवाल का जवाब शायद किसी के पास नहीं होगा.

अधिकारी चुप
बोट संचालन का जिम्मा संभालने वाले डीओ मोहम्मद शफी ने बताया कि सभी कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि वे नियमानुसार काम करें. पर जब पूछा गया की आपकी मौजूदगी में ही पर्यटकों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है तो टालमटोल करने लगे.

बहराइच : जिले के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में आने वाले पर्यटकों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है. यहां गेरूआ नदी में घड़ियालों व मगरमच्छों की भरमार है. बावजूद इसके नियमों को ताक पर रखकर एक बोट में दर्जनभर लोगों को बैठाया जा रहा है.

6 लोगों का नियम
शुक्रवार को कतर्नियाघाट में पर्यटकों की खासी भीड़ थी. आने वाले पर्यटक गेरूआ नदी में अठखेलियां करने वाली डॉल्फिन, रेत के टीलों पर धूप सेंकते घड़ियालों व मगरमच्छों को देखने के लिए उत्सुक रहते हैं. गेरूआ नदी में बोटिंग के लिए यहां जो बोट मौजूद हैं, उन पर एक बार में मात्र छह लोगों के बैठने का नियम है, लेकिन वनकर्मी 14 से अधिक पर्यटकों को एक साथ नदी में बोटिंग कराते नजर आए. इनमें महिलाएं व मासूम बच्चे भी शामिल थे. सूत्रों की मानें तो मौके पर तैनात वनकर्मी छह लोगों की रसीद काटकर अन्य से व्यक्तिगत पैसे वसूलकर नदी की सैर करा रहे हैं. ऐसी स्थिति में अगर कोई हादसा हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा, इस सवाल का जवाब शायद किसी के पास नहीं होगा.

अधिकारी चुप
बोट संचालन का जिम्मा संभालने वाले डीओ मोहम्मद शफी ने बताया कि सभी कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि वे नियमानुसार काम करें. पर जब पूछा गया की आपकी मौजूदगी में ही पर्यटकों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है तो टालमटोल करने लगे.

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