बहराइच: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में डेढ़ वर्षीय मासूम से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने 10 दिन में आरोपी युवक को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी पर एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. कोर्ट के फैसले के बाद मृतक मासूम के पिता ने कहा कि आज उनकी बेटी को न्याय मिला है.
दरअसल, नानपारा कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में बीते 22 जून की रात गांव के ही एक युवक ने डेढ़ वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था. मासूम की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. बताया जाता है कि मासूम अपनी मां और जुड़वा भाई के साथ घर के आंगन में सो रही थी. इसी दौरान गांव निवासी 30 परशुराम रात करीब एक बजे मासूम को गांव के स्कूल में उसे उठा ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया.
रात में अचानक मां की नींद खुली तो उन्होंने देखा कि उनकी मासूम बेटी बिस्तर से गायब थी. बच्ची को तलाशते परिजन और अन्य ग्रामीण स्कूल तक पहुंचे तो बच्ची के साथ युवक को भी मौके पर ही पकड़ लिया. घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा, जहां इलाज के दौरान ही बच्ची की मौत हो गई थी. पुलिस ने परशुराम को नामजद कर रेप और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया था.
मात्र 10 दिन के ट्रायल में कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
मामला बहराइच न्यायालय में आने के बाद मात्र 10 दिन के केस ट्रायल में सोमवार को अपर सत्र न्यायाधीश रेप एंड पॉक्सो एक्ट प्रथम जस्टिस नितिन पांडेय की कोर्ट ने आरोपी को 1 लाख रुपये के अर्थदंड के साथ फांसी की सजा का फैसला सुनाया. डीजीसी क्रिमनल (शासकीय फौजदारी अधिवक्ता) संत प्रताप सिंह ने बताया कि मुकदमे में 10 दिन के ट्रायल के बाद कोर्ट ने आरोपी को आईपीसी की धारा 376 (AB), 458, 5(M)/6 व 302 के तहत कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. आज पीड़िता के माता-पिता को कोर्ट ने न्याय दिया है. ऐसे दरिंदों को फांसी की सजा होना समाज व न्यायहित में आवश्यक है.
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वहीं मासूम के पिता ने कहा कि कोर्ट के फैसले ने हमे और हमारी मृतक बेटी को न्याय दिया है. आज कानून पर हमारा विश्वास जाग चुका है. यदि कोर्ट न होता तो आज शायद हमें न्याय नहीं मिल पाता. वहीं दूसरी ओर कोर्ट के फैसले पर बहराइच एसपी सुजाता सिंह ने कहा है कि कोर्ट के इस फैसले से अपराधियों को एक सबक मिलेगा. बहराइच के लिए कोर्ट का यह फैसला ऐतिहासिक है.