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बहराइच: बधिर बच्चों को समाज से जोड़ने के लिए की गई अपील

बहराइच जिले में विश्व बधिर दिवस पर बाबा सुंदर सिंह मूक बधिर विद्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान वक्ताओं ने बधिर बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास तेज करने पर जोर देने की बात कही. इसके साथ ही बधिर बच्चों के जीवन में सुधार के उपायों को लेकर भी गंभीर चर्चा की गई.

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विश्व बधिर दिवस का आयोजन
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Published : Sep 30, 2020, 7:29 PM IST

बहराइच: जिले में विश्व बधिर दिवस के अवसर पर मंगलवार को बाबा सुंदर सिंह मुक्ति बधिर विद्यालय में कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान बधिर बच्चों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए शहर से लेकर गांव स्तर तक गंभीर प्रयास करने की चर्चा की गई. साथ ही कहा गया कि थोड़े से प्रयास का परिणाम हो सकता है कि बधिर बच्चे भी आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनकर देश के उत्थान में अपना योगदान दे सकते हैं.

इस कार्यक्रम के आयोजन के दौरान विद्यालय स्टाफ कमलेश, बृजेंद्र श्रीवास्तव, नरेंद्र कुमार समेत अनेक लोग उपस्थित रहे. कार्यक्रम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी ने मास्क सैनिटाइजर का उपयोग किया.

विश्व बधिर दिवस के आयोजन पर की गई चर्चा
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय की निदेशक डॉ. बलमीत कौर ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 29 सितंबर को विश्व बधिर संघ की पहल पर विश्व बधिर दिवस का आयोजन किया जाता है. इस आयोजन में चर्चा की जाती है कि बधिर बच्चों को किस प्रकार समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि बधिर बच्चे भी समाज का एक अंग होते हैं. समाज के लोगों का दायित्व होता है कि उन्हें सही रास्ते पर लाया जाए, ताकि वे समाज के उत्थान में अपनी भूमिका को निभा सकें.

बाबा सुंदर सिंह मूक-बधिर विद्यालय की निदेशक डॉ. कौर ने विद्यालय की ओर से बधिर बच्चों के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्यों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि अगर समाज का सक्षम वर्ग इस प्रकार के अभियान में अपनी भूमिका निश्चित करें और अन्य लोगों को प्रोत्साहित करें तो निश्चित रूप से मूक-बधिर बच्चों को हीन भावना से मुक्ति मिलेगी. इसके साथ ही वे समाज के उत्थान में अपना योगदान दे सकेंगे.

बहराइच: जिले में विश्व बधिर दिवस के अवसर पर मंगलवार को बाबा सुंदर सिंह मुक्ति बधिर विद्यालय में कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान बधिर बच्चों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए शहर से लेकर गांव स्तर तक गंभीर प्रयास करने की चर्चा की गई. साथ ही कहा गया कि थोड़े से प्रयास का परिणाम हो सकता है कि बधिर बच्चे भी आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनकर देश के उत्थान में अपना योगदान दे सकते हैं.

इस कार्यक्रम के आयोजन के दौरान विद्यालय स्टाफ कमलेश, बृजेंद्र श्रीवास्तव, नरेंद्र कुमार समेत अनेक लोग उपस्थित रहे. कार्यक्रम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी ने मास्क सैनिटाइजर का उपयोग किया.

विश्व बधिर दिवस के आयोजन पर की गई चर्चा
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय की निदेशक डॉ. बलमीत कौर ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 29 सितंबर को विश्व बधिर संघ की पहल पर विश्व बधिर दिवस का आयोजन किया जाता है. इस आयोजन में चर्चा की जाती है कि बधिर बच्चों को किस प्रकार समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि बधिर बच्चे भी समाज का एक अंग होते हैं. समाज के लोगों का दायित्व होता है कि उन्हें सही रास्ते पर लाया जाए, ताकि वे समाज के उत्थान में अपनी भूमिका को निभा सकें.

बाबा सुंदर सिंह मूक-बधिर विद्यालय की निदेशक डॉ. कौर ने विद्यालय की ओर से बधिर बच्चों के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्यों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि अगर समाज का सक्षम वर्ग इस प्रकार के अभियान में अपनी भूमिका निश्चित करें और अन्य लोगों को प्रोत्साहित करें तो निश्चित रूप से मूक-बधिर बच्चों को हीन भावना से मुक्ति मिलेगी. इसके साथ ही वे समाज के उत्थान में अपना योगदान दे सकेंगे.

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