बहराइच: यूपी के बहराइच में मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए अनोखी पहल की गई है. कृषि विज्ञान केंद्र में गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत मजदूरों को स्वरोजगार और आत्मनिर्भर बनने के हुनर सिखाए जा रहे हैं. इसके चलते जनपद में समन्वित कृषि प्रणाली विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 35 प्रवासी श्रमिकों ने भाग लिया.
केन्द्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. एम. पी. सिंह ने प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित किया. उन्होंने कहा कि अगर किसान खेती के साथ पशुपालन, मुर्गी पालन, सब्जी, फल उत्पादन करेंगे तो इससे उनकी आय में बढ़ोत्तरी होगी. किसान केवल धान और गेहूं की खेती करता है. इसमें एक रुपये की लागत पर किसान को सिर्फ एक रुपये पचास पैसे मिलते हैं. वहीं समन्वित कृषि प्रणाली से एक रुपये खर्च करने पर तीन से चार रुपये का लाभ मिलता है. उन्होंने फसल चक्र पर भी विशेष बल देते हुए कहा कि धान, गेहूं के साथ-साथ दहलनी, तिलहनी फसलों का समावेश करना चाहिए. इससे भी आय में बढोत्तरी के साथ मृदा की उर्वरा शक्ति भी बनी रहती है.
कृषि वैज्ञानिक डॉ. रोहित कुमार पाण्डेय ने बताया कि मशरूम और मुर्गी पालन कर किसान अपनी आय बढा सकते हैं. श्रीमती रेनू आर्या ने पोषण की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कुपोषण से होने वाले रोगों आदि के बारे में जानकारी देते हुए अपने-अपने घरों के आस पास पोषण वाटिका स्थापित करने पर बल दिया. प्रशिक्षण के समन्वयक डॉ. उमेश बाबू ने प्रवासी श्रमिकों को जनपद के विभिन्न विभागों और संस्थाओं की ओर चल रही योजनाओं की जानकारी दी. प्रशिक्षण के उपरान्त प्रवासी श्रमिकों को प्रमाण पत्र भी वितरित किया गया.