बागपत: प्रदेश के बागपत जनपद में नकल माफिया व यूपी टीईटी का पेपर लीक करने का मास्टरमाइंड अरविंद राणा उर्फ गुरुजी के गिरोह की जड़ें बहुत गहरी हैं. इसके तार सफेदपोशों से जुड़े हैं. अरविद बड़ौत में कोचिग सेंटर चलाता था और यहीं प्रतियोगी परीक्षाओं में सेंधमारी शुरू की थी. यूपी टीईटी की परीक्षा का पेपर लीक करने में शामिल दो सदस्यों को STF बड़ौत से गिरफ्तार कर चुकी है.
मूल रूप से जनपद शामली के ग्राम बझेड़ी के निवासी अरविद राणा उर्फ गुरुजी का करीब 10 साल पूर्व कस्बा बड़ौत में कोचिंग सेंटर था. उसने अपने गिरोह में यूपी के कुछ जिलों व दूसरे राज्यों के साल्वर शामिल कर रखे हैं. एसटीएफ को एक बार फिर उसे पकड़ने में कामयाबी मिल गई. इससे पहले जनवरी 2020 में उसे गिरफ्तार किया गया था. यह गिरोह 2018 में यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर आउट करने में शामिल रहा था. इससे पहले लेखपाल, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, रेलवे आदि भर्ती में साल्वर सेंधमारी कर चुके हैं.
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यूपी टीईटी की परीक्षा 28 नवंबर, 2021 को होनी थी. लेकिन पेपर आउट होने से बीच में ही परीक्षा स्थगित करनी पड़ी थी. एसटीएफ ने 29 नवंबर को बड़ौत में जूतों की दुकान चलाने वाले राहुल चौधरी निवासी ग्राम छछरपुर को गिरफ्तार किया था. जिसके पास से पेपर सेट, अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड व अन्य प्रतिबंधित सामग्री बरामद हुई थी. उसके दो साथी फिरोज निवासी ग्राम किरठल (बागपत) व बलराम उर्फ बबलू निवासी ग्राम शाहडब्बर (मुजफ्फरनगर) भाग गए थे.
एसपी नीरज कुमार जादौन ने उन दोनों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. एसटीएफ नोएडा ने बड़ौत से ही 11 फरवरी की शाम को फिरोज को गिरफ्तार किया था. बाद में नोएडा से एसटीएफ ने बलराम को भी पकड़ लिया था.
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