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बागपत: सरकारी स्कूल में निजी धन पर खरीदे प्रोजेक्टर के जरिये शिक्षक दे रहे बच्चों को शिक्षा

बागपत के बिनौली गांव के सरकारी विद्यालय में बच्चे कॉन्वेंट स्कूल की तर्ज पर पढ़ाई करते हैं. यहां बच्चों को प्रोजेक्ट द्वारा स्मार्ट क्लास की शिक्षा दी जाती है. स्कूल के अध्यापक स्मार्ट क्लास के जरिये बच्चों को तरह-तरह से नई-नई चीजों को सिखाते हैं.

प्राथमिक विद्यालय, बिनौली.
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Published : May 29, 2019, 3:22 PM IST

बागपत: जनपद में एक ऐसा प्राथमिक स्कूल है, जो किसी मॉडल स्कूल से कम नहीं है. इस स्कूल में बच्चों को प्रोजेक्टर के जरिये पढ़ाया जाता है. साथ ही यह स्कूल किसी कॉन्वेंट स्कूल से कम नहीं है. यहां के अध्यापकों के साथ बच्चे भी फर्राटेदार इंग्लिश पढ़ते हैं. स्कूल में हैंड क्राफ्ट की शिक्षा भी दी जाती है. बागपत के बिनौली गांव के सरकारी विद्यालय में बच्चे कॉन्वेंट स्कूल की तर्ज पर पढ़ाई करते हैं.

बिनौली का प्राथमिक विद्यालय कॉन्वेंट स्कूल से कम नहीं है.
  • यहां बच्चों को प्रोजेक्ट द्वारा स्मार्ट क्लास की शिक्षा दी जाती है.
  • स्कूल के अध्यापक स्मार्ट क्लास के जरिये बच्चों को तरह-तरह से नई-नई चीजों को सिखाते हैं.
  • बच्चों को किताबों के साथ-साथ इंटरनेट का भी ज्ञान दिया जाता है.
  • कई जगह सरकारी विद्यालयों में बच्चों की अनुपस्थिति देखी जाती है लेकिन बिनौली के सरकारी स्कूल में बच्चों की उपस्थिति अधिक से अधिक संख्या में रहती है.

विद्यालय की प्रधानाध्यापिका का कहना है कि हम समय-समय पर कई तरह की प्रतियोगिता भी शामिल करते हैं और साथ ही अलग अलग विभिन्न गतिविधियों का भी आयोजन किया जाता है. इन प्रतिभाओं में खेल-कूद, सामान्य ज्ञान उत्तर प्रतियोगिता और आर्ट एंड क्राफ्ट, घर में अनुपयोगी वस्तुओं से तरह-तरह डिजाइन में मॉडल आदि खेलने की वस्तु भी तैयार करवाई जाती है.

प्रधानाध्यापिका ने बताया -

  • बच्चों को तरह-तरह की एक्टिविटी कराने के लिए सप्ताह में दो अलग-अलग क्लास लगाई जाती है.
  • विद्यालय में लगाए गए प्रोजेक्टर के द्वारा स्मार्ट क्लास की पढ़ाई होने से बच्चे बहुत ही खुश हैं.
  • विद्यालय के अध्यापकों ने मिलकर अपने खर्चे पर विद्यालय में प्रोजेक्ट लगाया है.
  • विद्यालय के इस सराहनीय कार्य को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा कई बार यहां के शिक्षकों को पुरस्कृत भी किया जा चुका है.

बागपत: जनपद में एक ऐसा प्राथमिक स्कूल है, जो किसी मॉडल स्कूल से कम नहीं है. इस स्कूल में बच्चों को प्रोजेक्टर के जरिये पढ़ाया जाता है. साथ ही यह स्कूल किसी कॉन्वेंट स्कूल से कम नहीं है. यहां के अध्यापकों के साथ बच्चे भी फर्राटेदार इंग्लिश पढ़ते हैं. स्कूल में हैंड क्राफ्ट की शिक्षा भी दी जाती है. बागपत के बिनौली गांव के सरकारी विद्यालय में बच्चे कॉन्वेंट स्कूल की तर्ज पर पढ़ाई करते हैं.

बिनौली का प्राथमिक विद्यालय कॉन्वेंट स्कूल से कम नहीं है.
  • यहां बच्चों को प्रोजेक्ट द्वारा स्मार्ट क्लास की शिक्षा दी जाती है.
  • स्कूल के अध्यापक स्मार्ट क्लास के जरिये बच्चों को तरह-तरह से नई-नई चीजों को सिखाते हैं.
  • बच्चों को किताबों के साथ-साथ इंटरनेट का भी ज्ञान दिया जाता है.
  • कई जगह सरकारी विद्यालयों में बच्चों की अनुपस्थिति देखी जाती है लेकिन बिनौली के सरकारी स्कूल में बच्चों की उपस्थिति अधिक से अधिक संख्या में रहती है.

विद्यालय की प्रधानाध्यापिका का कहना है कि हम समय-समय पर कई तरह की प्रतियोगिता भी शामिल करते हैं और साथ ही अलग अलग विभिन्न गतिविधियों का भी आयोजन किया जाता है. इन प्रतिभाओं में खेल-कूद, सामान्य ज्ञान उत्तर प्रतियोगिता और आर्ट एंड क्राफ्ट, घर में अनुपयोगी वस्तुओं से तरह-तरह डिजाइन में मॉडल आदि खेलने की वस्तु भी तैयार करवाई जाती है.

प्रधानाध्यापिका ने बताया -

  • बच्चों को तरह-तरह की एक्टिविटी कराने के लिए सप्ताह में दो अलग-अलग क्लास लगाई जाती है.
  • विद्यालय में लगाए गए प्रोजेक्टर के द्वारा स्मार्ट क्लास की पढ़ाई होने से बच्चे बहुत ही खुश हैं.
  • विद्यालय के अध्यापकों ने मिलकर अपने खर्चे पर विद्यालय में प्रोजेक्ट लगाया है.
  • विद्यालय के इस सराहनीय कार्य को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा कई बार यहां के शिक्षकों को पुरस्कृत भी किया जा चुका है.
Intro:बागपत: जनपद बागपत में एक ऐसा प्राथमिक स्कूल जहां पर यह है किसी मॉडल स्कूल से कम नहीं है। इस स्कूल में बच्चों को प्रोजेक्टर द्वारा स्मार्ट क्लास दी जाती है। साथी ही यह स्कूल किसी मॉडल स्कूल से कम नहीं है। यहां के अध्यापक के साथ बच्चे भी फराटे दार इंग्लिश पढ़ते हैं। इस स्कूल में हैंड क्राफ्ट की गई शिक्षा दी जाती है।


Body:दरअसल जनपद बागपत के बिनौली गांव का यह वह सरकारी विद्यालय है जहां पढ़ने वाले बच्चे कान्वेंट स्कूल की तर्ज पर ही पढ़ाई करते हैं। यहां के अध्यापकों की मेहनत और लगन से बच्चों को प्रोजेक्ट द्वारा स्मार्ट क्लास की शिक्षा दी जाती है। स्कूल के अध्यापक स्मार्ट क्लास के जरिए बच्चों को तरह तरह से नई नई चीजों को सिखाते हैं। साथ ही बच्चों को किताबों के साथ साथ इंटरनेट का विज्ञान बच्चों को दिया जाता है ताकि 21वीं सदी के बच्चे अपने दिमाग से भी स्मार्ट हो सके। वैसे कई जगह सरकारी विद्यालयों में बच्चों की अनुपस्थिति देखी जाती है लेकिन बिनौली के सरकारी स्कूल में बच्चों की उपस्थिति अधिक से अधिक संख्या में रहती है। साथ ही विद्यालय की प्रधानाध्यापिका का कहना है कि हम समय-समय पर कई तरह की प्रतियोगिता भी शामिल करते हैं और साथ ही अलग अलग विभिन्न गतिविधियों में प्रतिभाग भी कराई जाती है। इन प्रतिभाओं में खेल-कूद सामान्य ज्ञान उत्तर प्रतियोगिता और आर्ट एंड क्राफ्ट घर में अनुपयोगी वस्तुओं से तरह-तरह डिजाइन में मॉडल आदि खेलने की वस्तु भी तैयार करवाई जाती है। बच्चों को तरह-तरह की एक्टिविटी कराने के लिए सप्ताह में दो अलग-अलग क्लास लगाई जाती है। विद्यालय में लगाए गए प्रोजेक्टर के द्वारा स्मार्ट क्लास की पढ़ाई होने से बच्चे बहुत ही खुश हैं। विद्यालय के अध्यापकों ने मिलकर अपने खर्चे पर विद्यालय में प्रोजेक्ट लगाया है। विद्यालय के इस सराहनीय कार्य को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा कई बार यहां के शिक्षकों को पुरस्कृत भी किया जा चुका है




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