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बागपत जेल में तैयार किए गए मास्क का प्रयोग कर रहे बंदी - कैदी बना रहे मास्क

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बागपत जिला कारागार के बंदी मास्क तैयार करने में जुटे हैं. अब तक 3200 मास्क तैयार किए जा चुके हैं. यह मास्क जेल के बंदियों को निःशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

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कैदी बना रहे मास्क.
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Published : May 11, 2021, 10:33 AM IST

बागपत: कोरोना को हराने के लिए जेल के अफसर व बंदी अहम भूमिका निभा रहे हैं. अफसर अपनी जेब से रुपये खर्च कर कपड़ा खरीदकर लाते हैं और एक कैदी व दो बंदी मिलकर मास्क तैयार करते हैं. इसके बाद बंदियों को मास्क वितरित किए जाते हैं. जिला कारागार में अब तक 3200 मास्क तैयार किए जा चुके हैं.

931 बंदी हैं जेल में
कोरोना की पहली लहर में भी जेल में बंद कैदी मानवता की मिशाल पेश कर चुके हैं. उनके द्वारा तैयार किए गए हजारों मास्क पिछले वर्ष कोरोना काल में बागपत के बाशिदों को वितरित किए गए थे. अब कोरोना की दूसरी लहर में भी आमजन के लिए मास्क तैयार करने से बंदी पीछे नहीं है. जेल की क्षमता 660 बंदियों की हैं, जबकि 931 बंदी हैं.

ऐसे में कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना अधिक है. कोरोना से बचने के लिए सतर्कता जरूरी है. जेल में भी कैदी शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं. बंदियों को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए भी कारागार प्रशासन ने पहल की है. प्रशासन की पहल पर जेल में ही मास्क तैयार किए जा रहे हैं.

बंदियों को दिए जाते हैं दो मास्क
इसके लिए जेल अधीक्षक सुरेश कुमार सिंह व जेलर आकाश शर्मा व अन्य अधिकारी अपनी जेब से रुपये खर्च कर कपड़े की व्यवस्था करते हैं. आजीवन कारावास की सजा काट रहे गफ्फार अपने साथी बंदी नीरज व आमिर के साथ सिलाई मशीन से खुद मास्क तैयार करते हैं. कारागार के प्रत्येक बंदियों को दो मास्क दिए जाते हैं.

इस तरह कारागार के बंदी जेल में बनने वाले मास्क का ही प्रयोग करते हैं. कैदी व दो बंदियों ने मिलकर अब तक 3200 मास्क तैयार किए हैं. हालांकि अभी बाहर से किसी ने मास्क की डिमांड नहीं की है. यदि मास्क की मांग की जाती है तो पूर्व की भांति मास्क उपलब्ध कराए जाएंगे. बता दें कि जिला कारागार में वर्तमान में 6 कैदी कोरोना संक्रमित हैं. जिनका इलाज चल रहा है. फिलहाल इनकी स्थिति में सुधार है.

बागपत: कोरोना को हराने के लिए जेल के अफसर व बंदी अहम भूमिका निभा रहे हैं. अफसर अपनी जेब से रुपये खर्च कर कपड़ा खरीदकर लाते हैं और एक कैदी व दो बंदी मिलकर मास्क तैयार करते हैं. इसके बाद बंदियों को मास्क वितरित किए जाते हैं. जिला कारागार में अब तक 3200 मास्क तैयार किए जा चुके हैं.

931 बंदी हैं जेल में
कोरोना की पहली लहर में भी जेल में बंद कैदी मानवता की मिशाल पेश कर चुके हैं. उनके द्वारा तैयार किए गए हजारों मास्क पिछले वर्ष कोरोना काल में बागपत के बाशिदों को वितरित किए गए थे. अब कोरोना की दूसरी लहर में भी आमजन के लिए मास्क तैयार करने से बंदी पीछे नहीं है. जेल की क्षमता 660 बंदियों की हैं, जबकि 931 बंदी हैं.

ऐसे में कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना अधिक है. कोरोना से बचने के लिए सतर्कता जरूरी है. जेल में भी कैदी शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं. बंदियों को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए भी कारागार प्रशासन ने पहल की है. प्रशासन की पहल पर जेल में ही मास्क तैयार किए जा रहे हैं.

बंदियों को दिए जाते हैं दो मास्क
इसके लिए जेल अधीक्षक सुरेश कुमार सिंह व जेलर आकाश शर्मा व अन्य अधिकारी अपनी जेब से रुपये खर्च कर कपड़े की व्यवस्था करते हैं. आजीवन कारावास की सजा काट रहे गफ्फार अपने साथी बंदी नीरज व आमिर के साथ सिलाई मशीन से खुद मास्क तैयार करते हैं. कारागार के प्रत्येक बंदियों को दो मास्क दिए जाते हैं.

इस तरह कारागार के बंदी जेल में बनने वाले मास्क का ही प्रयोग करते हैं. कैदी व दो बंदियों ने मिलकर अब तक 3200 मास्क तैयार किए हैं. हालांकि अभी बाहर से किसी ने मास्क की डिमांड नहीं की है. यदि मास्क की मांग की जाती है तो पूर्व की भांति मास्क उपलब्ध कराए जाएंगे. बता दें कि जिला कारागार में वर्तमान में 6 कैदी कोरोना संक्रमित हैं. जिनका इलाज चल रहा है. फिलहाल इनकी स्थिति में सुधार है.

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