बागपतः जिले में दिल्ली देहरादून इकॉनोमिक कॉरिडोर निर्माण में कमियों को लेकर टीकरी गांव के जंगल मे चल रहे किसानों का धरना 53 वें दिन भी जारी रहा. धरने पर बैठे सात किसानों ने आज अपने खून से राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम पत्र लिखकर समस्या के समाधान की मांग की है.
टीकरी गांव के जंगल में चल रहे प्रोजेक्ट में किसानों को मुआवजा दिया जाए. यह कॉरिडोर किशनपुर बराल पुसार मार्ग हस्तिनापुर-मेरठ छपरौली से होता हुआ हरियाणा को जोड़ता है उस पर कट दिया जाए. मांग की गई कि पुनर्वास व पुर्नस्थापन का आवार्ड बनाया जाए और किसानों को भी एक कॉपी दिलाई जाए. रकबा दुरुस्तीकरण एनएचएआई द्वारा की गई पैमाइश का आवार्ड, सिंचाई नाली की व्यवस्था, खड़ी फसल एवं नष्ट की गई फसल का मुआवजा, पेड़ एवं नलकूप का दोबारा मूल्यांकन कराया जाए.
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हाईवे के लिए मुआवजा एक समान होना चाहिए. अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग मुआवजा तय किया गया है, जो गलत है. किसानों ने बताया कि आज उन्होंने अपने खून से पत्र लिखा है और उनका धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता.
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