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गाजीपुर बॉर्डर जाने के लिए फिर से निकले किसान

नए कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन करने बागपत के किसान गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना होना शुरू हो गए हैं. किसान ट्रैक्टर ट्रालियों पर झोपड़ी बनाकर गाजीपुर बॉर्डर धरने में शामिल होने जा रहे हैं.

ट्रैक्टर.
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Published : Jan 30, 2021, 1:10 PM IST

बागपत: गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे राकेश टिकैत और किसानों पर पुलिस-प्रशासन की ज्यादती होते देख बागपत के किसान गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना होना शुरू हो गए हैं. किसान ट्रैक्टर ट्रालियों पर झोपड़ी बनाकर गाजीपुर बॉर्डर धरने में शामिल होने जा रहे हैं. किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रालियों में खाद्य सामग्री के अलावा पहनने और सोने के सर्दी से बचने के लिए गद्दे भी साथ लेकर निकले हैं.

किसानों का कहना है कि वह राकेश टिकैत के समर्थन और कृषि कानूनों को वापस कराने के लिए जा रहे हैं. छपरौली, बड़ौत, रमाला, बिनौली, बागपत, खेकड़ा और चौगामा क्षेत्र के सबसे ज्यादा किसान गाजीपुर बॉर्डर के लिए जा रहे हैं. इस दौरान किसानों का कहना है कि जब तक किसान विरोधी कानून सरकार वापस नहीं लेगी. तब तक वे वापस नहीं लौटेंगे.

बागपत: गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे राकेश टिकैत और किसानों पर पुलिस-प्रशासन की ज्यादती होते देख बागपत के किसान गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना होना शुरू हो गए हैं. किसान ट्रैक्टर ट्रालियों पर झोपड़ी बनाकर गाजीपुर बॉर्डर धरने में शामिल होने जा रहे हैं. किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रालियों में खाद्य सामग्री के अलावा पहनने और सोने के सर्दी से बचने के लिए गद्दे भी साथ लेकर निकले हैं.

किसानों का कहना है कि वह राकेश टिकैत के समर्थन और कृषि कानूनों को वापस कराने के लिए जा रहे हैं. छपरौली, बड़ौत, रमाला, बिनौली, बागपत, खेकड़ा और चौगामा क्षेत्र के सबसे ज्यादा किसान गाजीपुर बॉर्डर के लिए जा रहे हैं. इस दौरान किसानों का कहना है कि जब तक किसान विरोधी कानून सरकार वापस नहीं लेगी. तब तक वे वापस नहीं लौटेंगे.

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